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सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री के सामने उठा जेएनयू मामला

सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री के सामने उठा जेएनयू मामला

जेएनयू मुद्दे पर उठे विवाद की ध्वनि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भी सुनाई दी। बैठक में विपक्षी दलों ने गिरफ्तार छात्र नेता पर देशद्रोह का मामला दर्ज करने के खिलाफ विचार व्यक्त किया। दूसरी तरफ सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि छात्रों द्वारा की गई नारेबाजी अत्यंत आपत्तिजनक है।
रेल बजट के जरिये अधिक निवेश जुटाने की ताक में प्रभु

रेल बजट के जरिये अधिक निवेश जुटाने की ताक में प्रभु

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने शुक्रवार को कहा कि 2016-17 का रेल बजट मौजूदा और भविष्य की रेल सुविधाओं के विस्तार कार्यों में अधिक निवेश आकर्षित करने पर केंद्रित होगा। तिरुअनंतपुरम रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए सुविधाओं के विस्तार का उद्घाटन करते हुए रेल मंत्री ने कहा, यात्रियों का आराम आज की जरूरत है, लेकिन सुविधाओं का विस्तार भविष्य की आवश्यकता है। हमारा प्रयास इन पहलों को साथ-साथ आगे बढ़ाने का है।
मंहगी होगी रेल यात्रा, आगामी बजट में हो सकता है ऐलान

मंहगी होगी रेल यात्रा, आगामी बजट में हो सकता है ऐलान

करोड़ों भारतीयों के लिए आवागमन का सबसे अहम साधन भारतीय रेल का किराया फिर से बढ़ सकता है। आगामी बजट में रेल मंत्रालय यात्री किरायों में पांच से 10 फीसदी तक इजाफा करने की संभावनाओं पर विचार कर रहा है।
अप्रत्यक्ष कर संग्रह से पहली बार बजटीय लक्ष्य पूरा होने की उम्मीद

अप्रत्यक्ष कर संग्रह से पहली बार बजटीय लक्ष्य पूरा होने की उम्मीद

चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रत्यक्ष कर संग्रह बजट अनुमान से करीब 40,000 करोड़ रुपये अधिक हो सकता है जिससे सरकार को पिछले पांच साल में पहली बार राजस्व संग्रह का बजटीय लक्ष्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने बुधवार को कहा कि इससे प्रत्यक्ष कर संग्रह में कमी की भरपाई हो जाएगी।
राहुल ने लिया राज्यों में कांग्रेस की हालात का जायजा

राहुल ने लिया राज्यों में कांग्रेस की हालात का जायजा

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को पार्टी के सभी प्रदेश अध्यक्षों के अलावा पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक कर वर्तमान राजनीतिक हालात का जायजा लिया। राहुल ने राज्यों में पार्टी को मजबूत करने की वस्तुस्थिति की भी समीक्षा की।
आम बजट 29 फरवरी को, चार दिन पहले रेल बजट

आम बजट 29 फरवरी को, चार दिन पहले रेल बजट

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में बजट सत्र की घोषणा कर दी गई है। बजट के विस्तृत कार्यक्रमों के मुताबिक संसद का बजट सत्र 23 फरवरी से शुरू होगा। रेल बजट 25 फरवरी को, आर्थिक सर्वेक्षण 26 फरवरी और आम बजट 29 फरवरी को पेश होगा।
बजट सत्र की तिथि पर चर्चा के लिए कैबिनेट समिति की बैठक चार फरवरी को

बजट सत्र की तिथि पर चर्चा के लिए कैबिनेट समिति की बैठक चार फरवरी को

गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में संसदीय मामलों पर कैबिनेट समिति की बैठक चार फरवरी को होगी जिसमें संसद के बजट सत्र की तिथियों को अंतिम रूप दिया जायेगा। इस सत्र के दौरान सरकार जीएसटी विधेयक को पारित कराने को उत्सुक है।
बजट में लोकलुभावन नीतियों की बजाय सुधारों पर जोर देंगे जेटली

बजट में लोकलुभावन नीतियों की बजाय सुधारों पर जोर देंगे जेटली

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आगामी वित्त वर्ष में त्वरित वृद्धि के लिए ढांचागत सुधारों को जारी रखने का संकल्प लेते हुए आज कहा कि भारत में 8-9 प्रतिशत वृद्धि दर हासिल करने की क्षमता है तथा उंची वृद्धि दर से ही गरीबी मिट सकती है। उन्होंने संकेत दिया कि आगामी बजट में लोकलुभावन नीतियों के बजाय ढांचागत सुधारों पर ध्यान दिया जाएगा।
तो शुगर की जांच एक रुपये के खर्च में होगी

तो शुगर की जांच एक रुपये के खर्च में होगी

भारत में चिकित्सा शोध की स्थिति हमेशा विकसित देशों के मुकाबले पिछड़ी रही है। कई गंभीर बीमारियां पूरे देश में फैल जाती हैं और उसपर नियंत्रण में खासा समय लग जाता है। ऐसे में देश में चिकित्सा शोध के लिए जिम्मेदार सरकारी विभाग चिकित्सा अनुसंधान विभाग (डीएचआर) एवं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) पर बड़ी जिम्मेदारी आती है। आउटलुक ने आईसीएमआर की उपलब्धियों एवं चुनौतियों के बारे में परिषद की महानिदेशक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन से विस्तृत बातचीत की। पेश हैं अंशः
मुसलमानों पर अरबों खर्च लेकिन हालात बद से बद्तर

मुसलमानों पर अरबों खर्च लेकिन हालात बद से बद्तर

भारत में सबसे बड़ा अल्पसंख्यक है मुसलमान। मगर सबसे बड़ा यह अल्पसंख्यक संपन्न अल्पसंख्यक नहीं है। उसे 68 साल से लगातार बैसाखियों की जरूरत पड़ती रही है, मगर उसे अक्सर यह बैसाखी या तो टूटी हुई मिली है या मिली ही नहीं। सवा 12 साल पिछले और डेढ़ साल इस सरकार का छोड़ दें तो आजाद भारत करीब 54 साल ऐसे गुजरे हैं जब देश की सत्ता कांग्रेस के हाथों में रही है। सबसे बड़े अल्पसंख्यक मुसलमान को ज्यादातर जो बैसाखी मिली हैं वह इसी कांग्रेस के राज में दी गईं, तो मुसलमान की हालत इतनी खराब क्यों है।
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