अनिल कुंबले, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वी. वी. एस. लक्ष्मण जैसे पूर्व दिग्गज खिलाडिय़ों पर भी हितों के टकराव की गाज गिर सकती है क्योंकि ये सभी पूर्व खिलाड़ी किसी-न-किसी रूप में आईपीएल फ्रेंचाइजी टीमों के अनुबंध से जुड़े हैं या फिर कंपनियों के साथ इनका करार है। इस वजह से उनकी बीसीसीआई से जुड़ी जिम्मेदारियां प्रभावित हो सकती हैं।
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज आए दिन किसी न किसी विवाद को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। आज विज ने अपनी ही भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार हरियाणा में मंत्रियों की जासूसी हो रही है। इस आरोप से सचिवालय में हड़कंप मच गया है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पहल से अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा को जोड़ने के हरियाणा सरकार के कदम पर सवाल उठाकर विवाद पैदा करने वाले राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने आज दावा किया कि उन्हें अभियान से संबंधित महत्वपूर्ण कार्यक्रम में आमंत्रिात नहीं किया गया है।
व्यापमं घोटाले और मौतों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिलने के बाद ‘पिंजरे के तोते’ सीबीआई के सामने एक बड़ी चुनौती इस कांड की गांठों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तार खोलने की होगी। व्यापमं की गांठ में संघ के तार का सिरा 1990 तक जाता है जब इस कांड के प्रमुख अभियुक्त और खनन सरगना सुधीर शर्मा ने संघ संचालित सरस्वती शिशु मंदिर में शिक्षक के तौर पर अपना करिअर शुरू किया था। उनके पिता बाबूलाल शर्मा डेयरी निगम में किरानी थे। घर का खर्च चलाने के लिए उन्हें शाम को दूध बेचना पड़ता था।
राष्ट्रपति भवन में चाहे और बहुत कुछ हो मगर सफाई जरा कम है। हाल ही में जारी स्वच्छता अभियान रेटिंग में राष्ट्रपति भवन पिछड़ गया है। राष्ट्रपति भवन को हैदराबाद हाउस, विज्ञान भवन और जवाहरलाल नेहरू भवन ने पछाड़ा है।
सरकार ने तमिलनाडु औद्योगिक विकास निगम और टयू डेवलपर्स सहित 22 विशेष आर्थिक क्षेत्रों (सेज) की मंजूरी रद्द कर दी है। इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन में संतोषजनक प्रगति नहीं होने की वजह से मंजूरी रद्द की गई।
दूरदर्शन द्वारा संस्कृत-समाचार प्रसारण की अवधि बढ़ाने के निर्णय पर कोई खास आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि संस्कृत मोदी सरकार के एजेंडे में है। इस निर्णय का निहितार्थ भी आसानी से समझ में आने वाला है, इसलिए इस पर सवाल भी उठेंगे ही। इस ऐलान के बाद लोगों के जेहन में सबसे पहला सवाल तो यह है कि संस्कृत में न्यूज बुलेटिनों और समाचार-चर्चा के कार्यक्रमों का दर्शक या श्रोता वर्ग कौन है? दूसरा सवाल यह है कि देश में कितने लोग ऐसे होंगे जो वास्तव में संस्कृत माध्यमों से इन कार्यक्रमों की बाट जोह रहे हैं? ये महज शोशा है या इसकी कोई ठोस जरूरत है?
यदि दिल ऐसे ही धड़कता है तो फिर भगवान ही बचाए। जोया अख्तर (निर्देशक) यदि इस फिल्म का नाम दिमाग बंद रहने दो रखतीं तो एकदम बढ़िया रहता। जोया को समझना चाहिए कि कलाकारों का जमघट भर लगा देने से कोई फिल्म हिट नहीं हो जाती।