पाकिस्तान की सीमा से सटे अफगानिस्तान के पूर्वी कुनार प्रांत के दंगाम जिले में सुरक्षा बलों द्वारा किए गए हवाई हमलों में लश्कर ए तैयबा के कम से कम 19 आतंकी मारे गए हैं और आठ अन्य जख्मी हुए हैं।
पाकिस्तान ने कहा है कि नियंत्रण रेखा पर रूक-रूक कर हो रही गोलीबारी और तनाव के बावजूद वह भारत में होने वाले अफगानिस्तान पर केंद्रीत हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में भाग लेगा।
कश्मीर मुद्दे पर पूरी दुनिया में अलग-थलग पड़ चुके पाकिस्तान ने अमेरिका को धमकी दी है कि यदि उसने कश्मीर मुद्दे को नहीं सुलझाया तो काबुल में शांति नहीं होगी। पाकिस्तान ने पहली बार सीधे-सीधे कश्मीर को अफगानिस्तान से जोड़ दिया है।
तालिबानी आतंकियों ने अफगानिस्तान के उत्तरपूर्व में स्थित कुंदुज शहर पर आज एक बड़ा हमला किया है जिसमें एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए हैं। अफगानी सुरक्षा बल के जवान इस हमले का डटकर मुकाबला कर रहे हैं और पिछले कई घंटो से मुठभेड़ जारी है।
उड़ी में हुए आतंकी हमले के बाद एक बड़ा फैसला लेते हुए भारत सरकार ने पाकिस्तान में होने वाले सार्क सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय लिया है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्षेत्रिय सहयोग के लिए होने वाले इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इस्लामाबाद नहीं जाएंगे।
भारत, अमेरिका और अफगानिस्तान ने आतंकवाद का मुकाबला करने और क्षेत्र में शांति तथा सुरक्षा को मजबूत करने में अपने साझा हितों की पुष्टि की तथा अफगान सरकार की प्राथमिकताओं के साथ इस युद्ध प्रभावित देश में समन्वय एवं सहायता के लिए रास्ते भी तलाशे। अफगानिस्तान में भारतीय राजदूत मनप्रीत वोहरा, अफगान उप विदेश मंत्राी हिकमत करजई और अफगानिस्तान तथा पाकिस्तान के लिए विशेष अमेरिकी प्रतिनिधि रिचर्ड ओल्सन ने 71वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा से अलग त्रिपक्षीय विचार विमर्श के दौर के लिए मुलाकात की।
तेहरान में भारत, ईरान और अफगानिस्तान की एक त्रिपक्षीय बैठक में आतंकवाद से मुकाबले के तौर-तरीकों, कनेक्टिविटी परियोजनाओं के क्रियान्वयन और कई अन्य अहम मुद्दों पर चर्चा की गई।
काबुल स्थित अमेरिकन यूनीवर्सिटी ऑफ अफगानिस्तान पर घंटों चले आतंकी हमले में कम से कम 13 लोग मारे गए और दर्जनों अन्य घायल हो गए। सरकार के एक प्रवक्ता ने जानकारी दी कि यह हमला आज तड़के खत्म हुआ।
पूर्व अफगान राष्टपति हामिद करजई ने आज कहा कि भारत अफगानिस्तान में किसी छद्म युद्ध में नहीं लगा है और वह वहां पुनर्निर्माण कार्य पूरी ईमानदारी से कर रहा है। उन्होंने कट्टरपंथ को बढ़ावा देने तथा अपनी सरजमीं पर आतंकवादी संगठनों पर काबू नहीं करने को लेकर पाकिस्तान की आलोचना की।
नॉर्वे, स्वीटजरलैंड और यूरोपीय समुदाय के 28 देशों में शरण मांगने वालों की संख्या 2015 में 13 लाख पार कर गई। 1992 से यह संख्या लगभग दोगुनी है, जब सोवियत संध के पतन के बाद सात लाख लोगों ने शरण मांगी थी। यूरोपीय समुदाय की स्टैटिकल एजेंसी यूरोस्टार्ट ने आंकड़े जारी किए हैं। शरणार्थी तीन देशों से हैं- सीरिया, अफगानिस्तान और इराक। तीनों ही मुल्कों में अरसे से संघर्ष चल रहे हैं। इन देशों से लोग हजारों की संख्या में बेदखल हो रहे हैं और यूरोपीय देशों में शरण मांग रहे हैं।