Advertisement

Search Result : "अरविंद सुब्रह्मण्यम"

केजरीवाल की कार्रवाई से गलत असर पड़ेगाः योगेंद्र

केजरीवाल की कार्रवाई से गलत असर पड़ेगाः योगेंद्र

दिल्ली में मुख्यमंत्री-उपराज्यपाल के बीच बढ़ते टकराव को अहम का मामला बताते हुए आप के निष्कासित नेता योगेंद्र यादव ने आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर वास्तविक मुद्दों से बेहद अपरिपक्व तरीके से निपटने के लिए निशाना साधा।
‘...तो रेंगते हुए जाएंगे जंग’

‘...तो रेंगते हुए जाएंगे जंग’

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच का तनाव शुक्रवार को और निचले स्तर पर पहुंचता दिखा जब केजरीवाल ने कहा कि अगर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का चौकीदार भी बुला ले तो नजीब जंग रेंगते हुए जाएंगे जबकि उनके मंत्रियों से मिलने का उनके पास वक्त नहीं है।
मोदी-केजरीवाल में लड़ी जा रही बिहार की भी लड़ाई

मोदी-केजरीवाल में लड़ी जा रही बिहार की भी लड़ाई

दिल्ली भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में बिहार के छह पुलिस अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति पर लगातार जारी रस्साकशी से जाहिर होता है कि लड़ाई सिर्फ केंद्र और दिल्ली सरकार की नहीं है बल्कि भारतीय जनता पार्टी बनाम क्षेत्रीय दलों के बीच संघीय ढांचे को लेकर यह एक व्यापक टकराव में बदल रही है।
बिहार से पुलिस अधिकारी बुलाकर ‘जंग’ को दावत

बिहार से पुलिस अधिकारी बुलाकर ‘जंग’ को दावत

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिहार के पांच पुलिस अधिकारियों को भ्रष्टाचार निरोधी शाखा में शामिल करने का फैसला कर उपराज्यपाल नजीब जंग को आंखें तरेरने का ‌फिर से एक मौका दे दिया है। उपराज्यपाल का कहना है कि इसके लिए उनसे मंजूरी लेना जरूरी होगा। भारतीय जनता पार्टी ने इसे एक मजाक करार देते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री तो खुद भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई में विफल रहे हैं।
दिल्‍ली संकट: सुप्रीम कोर्ट का दिल्‍ली सरकार को नोटिस

दिल्‍ली संकट: सुप्रीम कोर्ट का दिल्‍ली सरकार को नोटिस

भ्रष्‍टाचार निरोधक शाखा के क्षेत्राधिकार को लेकर जारी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्‍ली सरकार को एक नोटिस भेजा है, जिसका जवाब तीन हफ्ते के अंदर देना है। सुप्रीम कोर्ट ने गूह मंत्रालय की 21 मई की अधिसूचना को संदिग्ध बताने वाली हाईकोर्ट की टिप्‍पणी को भी गैरजरूरी बताया है। इसी अधिसूचना के जरिए केंद्र सरकार ने दिल्‍ली की भ्रष्‍टाचार निरोधक शाखा को दिल्‍ली पुलिस और केंद्र के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई से रोका था।
विधानसभा में एलजी के खिलाफ महाभियोग की गूंज

विधानसभा में एलजी के खिलाफ महाभियोग की गूंज

उपराज्‍यपाल और दिल्‍ली सरकार की जंग के बीच बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र का पहला दिन काफी हंगामेदार रहा। आम आदमी पार्टी के विधायक आदर्श शास्‍त्री ने उपराज्‍यपाल के खिलाफ महाभियोग चलाने का अधिकार दिए जाने की मांग की है।
नजीब जंग से मिले केजरीवाल और सिसौदिया

नजीब जंग से मिले केजरीवाल और सिसौदिया

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को यहां उपराज्यपाल नजीब जंग से मुलाकात की और भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) के कामकाज पर चर्चा की। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को अपने एक फैसले में कहा था कि एसीबी को दिल्ली पुलिसकर्मियों सहित केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ जांच करने का अधिकार है।
केंद्र सरकार से दिल्ली के अधिकार लेकर ही रहेंगेः केजरीवाल

केंद्र सरकार से दिल्ली के अधिकार लेकर ही रहेंगेः केजरीवाल

दिल्ली की कैबिनेट, जनता के बीच ’ के तहत कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी कैबिनेट के साथ जब दिल्ली की जनता को 100 दिनों का हिसाब देने आए तो काफी खुश दिखाई दिए। आज केजरीवाल कम बोले। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने जनता के सवालों के जवाब दिए। उन जवाबों में मीडिया, भाजपा और केंद्र सरकार से चल रही तनातनी के जवाब भी शामिल थे। एक अहम सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘ मैं तो चाहता हूं कि दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार के तहत और दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा कल ही मिल जाए लेकिन सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर है।
मेगा शो: '365 अच्‍छे दिन' बनाम 'मफलरमैन के 100 दिन'

मेगा शो: '365 अच्‍छे दिन' बनाम 'मफलरमैन के 100 दिन'

बड़े-बड़े दावों और उम्‍मीदों के साथ सत्‍ता में आई मोदी और केजरीवाल की सरकार के लिए आज अपनी-अपनी कामयाबी गिनाने का दिन है। मोदी मथुरा में रैली कर अपनी उपलब्धियां गिनाएंगे तो केजरीवाल ने कनॉट प्‍लेस के सेंट्रल पार्क में जनसभा बुलाई है।
दिल्ली संकट पर चुप्पी तोड़ें राष्ट्रपति

दिल्ली संकट पर चुप्पी तोड़ें राष्ट्रपति

देश के संवैधानिक प्रमुख की हैसियत से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राजधानी दिल्ली में गहराते संवैधानिक संकट को देखते हुए अब और निष्क्रियता और चुप्पी की आरामतलबी गवारा नहीं कर सकते। केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना और आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के उसके खिलाफ विधान सभा का सत्र बुलाने के निर्णय से केंद्र और दिल्ली सरकार का टकराव अब उस कगार पर पहुंच गया है कि बिना न्यायपालिका या राष्ट्रपति जैसी उच्च संवैधानिक संस्थाओं की पंचायती के किसी परिपक्व संवैधानिक हल की उम्मीद नहीं।
Advertisement
Advertisement
Advertisement