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Search Result : "अहमदाबाद दंगे"

गुजरात दंगाः निचली अदालत को और तीन महीने की मोहलत

गुजरात दंगाः निचली अदालत को और तीन महीने की मोहलत

उच्चतम न्यायालय ने गुजरात में 2002 के दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार मामले की कार्यवाही पूरी करने के लिए अहमदाबाद की अदालत को आज तीन महीने की और मोहलत दे दी। नरसंहार की इस घटना में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी सहित 68 व्यक्ति मारे गये थे।
नाबालिग बलात्कार पीड़िता का 25 सप्ताह का गर्भ गिराया

नाबालिग बलात्कार पीड़िता का 25 सप्ताह का गर्भ गिराया

कानून के अनुसार 20 सप्ताह से उपर के गर्भ को गिराने की अनुमति नहीं है। हालांकि शीर्ष अदालत ने 14 वर्षीय लड़की और उसके परिवार को राहत देते हुए 25 हफ्ते का भ्रूण गिराने की अनुमति दे दी।
नाबालिग बलात्कार पीड़िता के गर्भपात से आगे के सवाल

नाबालिग बलात्कार पीड़िता के गर्भपात से आगे के सवाल

बलात्कार पीड़ित नाबालिग मां के बच्चे के जन्म लेने के बाद परिवार, समाज या कानून से उसे ऐसी व्यवस्था नहीं मिल पाती, जिसमें बच्चा आवश्यक जरूरी सुविधाओं के साथ पल-बढ़ सके। बल्कि वह सबके लिए एक बोझ सरीखा बन जाता है। अहमदाबाद की बच्ची को कानून से थोड़ा छूट देते हुए 25 सप्ताह के गर्भपात की इजाजत जरूर मिलनी चाहिए थी, और मिली भी। यहीं पर इस तरह के तमाम सवाल कानून के दायरे में रहकर जवाब मांगते हैं।
अहमदाबाद में रथयात्रा और ईद का उल्‍लास

अहमदाबाद में रथयात्रा और ईद का उल्‍लास

सुरक्षा एजेंसियों की भारी चौकसी के बीच शहर में आज भगवान जगन्नाथ की 138 वीं रथयात्रा और ईद उल फित्र का त्योहार मनाया गया। ये दोनों त्योहार 30 वर्ष बाद संयोग से एक ही दिन मनाये गये। धूमधाम से शुरू हुई इस रथयात्रा में हजारों श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।
सीबीआई छापों को तीस्‍ता ने बताया राजनीतिक साजिश

सीबीआई छापों को तीस्‍ता ने बताया राजनीतिक साजिश

गैर-कानूनी तरीके से विदेशी चंदा जुटाने के मामले में सीबीआई ने आज मुंबई में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्‍ता सीतलवाड़ के आवास और दफ्तर पर छापे मारे। तीस्‍ता ने कार्रवाई की आलोचना करते हुए इसे एक राजनीतिक साजिश करार दिया है।
तीस्ता सीतलवाड़ के दो एनजीओ को नोटिस

तीस्ता सीतलवाड़ के दो एनजीओ को नोटिस

गुजरात के दंगों से जुड़े मामलों को जोर-शोर से उठाने वाली सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद को घेरने का एक और प्रयास किया गया है। इस बार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनके द्वारा संचालित दो एनजीओ को विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
अटाली में हिंसा से पलायन को मजबूर अल्‍पसंख्‍यक

अटाली में हिंसा से पलायन को मजबूर अल्‍पसंख्‍यक

देश के अल्पसंख्यकों को वे स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं। इसके लिए तरीके अलग-अलग अपनाए जा रहे हैं। निशाने पर उनका धर्म है और हमले लगातार उनकी लगातार धार्मिक संस्थाओं पर हो रहे हैं। खान-पान, रहन सहन, पहनावे पर बहुसंख्यकवाद का आतंकी डंडा बज रहा है। दोषियों के खिलाफ सख्त निर्णायक कार्रवाई की कोई नजीर नहीं दिखाई दे रही। लिहाजा हमलावरों के मंसूबे परवान चढ़े हुए हैं। देश की राजधानी दिल्ली से महज 30-40 किलोमीटर दूर हरियाणा के बल्लभगढ़ में हुई सांप्रदायिक हिंसा की वारदात में जिस तरह से एकतरफा मुसलमानों को निशाने पर लिया गया, उनके घरों में आग लगाई गई, पुलिस की तैनाती के बीच कुल्हाड़ी से 60 वर्षीय हसन मोहम्मद पर हमला किया गया, उससे साफ है कि नफरत का यह चक्र लंबा चलेगा। अल्पसंख्यकों को सबक सिखाने की मानसिकता जोरों पर है।
नानावटी आयोग की रिपोर्ट विधानसभा में नहीं रखी गई

नानावटी आयोग की रिपोर्ट विधानसभा में नहीं रखी गई

गुजरात विधानसभा का बजट सत्र बुधवार को समाप्त हो गया लेकिन 2002 के दंगों के जांच आयोग की रिपोर्ट चार महीने पहले जमा किए जाने के बाद भी सदन में नहीं रखी गई।
पाबंदियों का देश

पाबंदियों का देश

भारत में भारत की बेटियों (इंडियाज डॉटर्स) पर बनी फिल्म देखना चाहे तो नहीं देख सकते, इस पर प्रतिबंध है। महाराष्ट्र में कोई गौ-मांस से बनी कोई डिश खाना चाहे, वह नहीं खा सकता, उसे बेचना चाहे नहीं बेच सकता-इस पर प्रतिबंध है। केरल या गुजरात में शराब का सेवन करना चाहे नहीं कर सकते, इस पर प्रतिबंध है।
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