इराक की राजधानी से उत्तर में स्थित एक सरकारी प्राकृतिक गैस संयंत्र पर आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट हमले में कम से कम 29 लोग मारे गए। इस आशय की जानकारी इराकी अधिकारियों ने दी।
आतंकी संगठन आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट) भारत में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में देशविरोधी नारेबाजी के बाद मचे हंगामे का फायदा उठाना चाहता था। आईएसआईएस की गतिविधियों से संबंधित एक संदिग्ध आतंकियों के राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के सामने दिए बयान के बाद इस तरह की जानकारी सामने आई।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के तीन साल पहले अपहृत हुए बेटे को अमेरिकी और अफगानिस्तानी सेनाओं द्वारा चलाए गए एक संयुक्त अभियान के तहत मंगलवार को अफगानिस्तान से बरामद कर लिया गया। गिलानी के बेटे को तीन साल पहले संदिग्ध तालिबान आतंकियों द्वारा अपहृत कर लिया गया था।
प्रतिबंधित संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के प्रति वैचारिक रुझान रखने के संदेह में दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए 10 युवकों को पर्याप्त सबूतों के अभाव में रिहा कर दिया गया है। हिरासत में लिए गए अन्य चार युवकों को शनिवार को ही रिहा कर दिया गया था।
सौर मंडल में 10 साल बाद एक दुर्लभ खगोलीय घटना का संयोग बन रहा है। नौ मई को सूर्य के सामने बुध ग्रह एक काले बिंदु की तरह गुजरता दिखाई देगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह एक ऐसा अद्भुत नजारा होगा जो नई पीढ़ी खासकर स्कूल एवं कालेज के छात्रों की खगोल जगत के संबंध में कौतुहल को दूर करने के साथ ही उन्हें सौर मंडल की आकाशीय घटना से रूबरू कराएगा।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में 9 फरवरी को घटी विवादास्पद घटना के संबंध में विश्वविद्यालय द्वारा दिए गए दंड के विरोध में 25 छात्र अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।
पठानकोट आतंकी हमले की जांच के सिलसिले में भारत आए पाकिस्तान के संयुक्त जांच दल (जेआईटी) में वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक अधिकारी के शामिल होने का मुद्दा आज लोकसभा में उठा। कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मामले को उठाते हुए सरकार से सवाल किया कि आईएसआई के एक अधिकारी को कैसे पठानकोट जाने दिया गया।
पठानकोट वायु सेना स्टेशन पर हुए आतंकी हमले के बाद अपनी पहली औपचारिक द्विपक्षीय वार्ता में भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिवों ने हमले की जांच और कश्मीर समेत कई पेचीदा मुद्दों पर बातचीत की। मुलाकात के दौरान पाकिस्तानी पक्ष ने कश्मीर को मुख्य मुद्दा बताया।
भारतीय विदेश सेवा के 1975 बैच के अफसर रहे विवेक काटजू के अनुसार, 'कोई भी राजनीतिक दल भारत में सत्ता में आए, वह कश्मीर को लेकर ज्यादा छेड़छाड़ नहीं करेगा। कश्मीर का मसला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। कश्मीर के विभिन्न इलाकों में अलग तरह का धार्मिक झुकाव दिखता है लेकिन कोई भी राजनीतिक दल घाटी में या पूरे जम्मू एवं कश्मीर में किसी तरह के ध्रुवीकरण की कोशिश नहीं करेगा।’