हैदराबाद विश्वविद्यालय के एक दलित छात्र की आत्महत्या के विरोध में जाने-माने लेखक अशोक वाजपेयी ने विश्वविद्यालय से उन्हें प्रदान की गई डी. लिट की उपाधी लौटाने का एलान किया है। वाजपेयी ने यह फैसला विश्वविद्यालय प्रशासन के दलित विरोधी रवैये के विरोध में लिया है जिसकी वजह से रविवार की रात रोहित वेमुला नाम के एक दलित छात्र को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ा।
पंजाब में कर्ज की वजह से न केवल किसान बल्कि खेत मजदूर भी आत्महत्या कर रहे हैं। राज्य में अरसे से किसानों के अलावा खेत मजदूरों की सुध लेने के लिए आंदोलन भी जारी है। गौरतलब है कि राज्य की कपास पट्टी में सर्वाधिक किसानों ने आत्महत्याएं की हैं। अब सरकार कपास की चुगाई करने वाले उन खेत मजदूरों की स्थिति का जायजा लेगी जो भूख और कर्ज की वजह से आत्महत्याएं करने पर विवश हैं।
ओडिशा में किसान बचाओ पदयात्रा की शुरुआत करते हुए राहुल गांधी ने आज नरेंद्र मोदी सरकार पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाया और प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि किसानों के लिए अच्छे दिन कब आएंगे।
देश में किसानों की आत्महत्या के मामलों में व्यापक कमी आने संबंधी केंद्र सरकार के दावों से उच्चतम न्यायालय आज संतुष्ट नहीं हुआ और उसने कहा कि एक भी ऐसा मामला नहीं होना चाहिए। साथ ही न्यायालय ने आठ साल पुरानी कृषि नीति पर फिर से गौर करने के बारे में केंद्र से जवाब मांगा है।
किसानों की खुदकुशी के मुद्दे पर कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के एक जवाब ने हंगामा खड़ा कर दिया है। कृषि मंत्री की मानें तो हर साल हजारों किसान प्रेम संबंध और नामर्दी जैसी वजहों से खुदकुशी कर रहे हैं।
अप्रैल में जंतर-मंतर पर आयोजित आम आदमी की पार्टी की रैली में कथित तौर पर फांसी लगा लेने वाले राजस्थान के किसान को शहीद का दर्जा दिए जाने के दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल के फैसले पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने आप सरकार से जवाब-तलब किया।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को पंजाब के फतेहगढ़ साहिब के दाबूमाजरा गांव पहुंचकर पिछले हफ्ते आत्महत्या करने वाले किसान सुरजीत के परिजनों से मुलाकात की। किसान सुरजीत ने पिछले हफ्ते कर्ज के बोझ के कारण सल्फास की गोली खाकर आत्महत्या कर ली थी।
विकास के तमाम दावों और चकाचौंध के बीच खेती और किसानी चर्चा के पाएदान पर ही रहती है। केंद्र सरकार के एक साल पूरे होने पर जहां तमाम दूसरे क्षेत्रों की सघन पड़ताल हो रही है, वहीं कृषि पर तवज्जो कम रही। वह भी तब जब पिछले तीन-चार महीने से मौसम की मार की वजह से फसल बर्बाद होने और किसानों की आत्महत्या ने देश का ध्यान बरबस ही गहराते कृषि संकट की ओर खींचा था। नरेंद्र मोदी सरकार को एक साल में किसानों की आत्महत्या, मुआवजा, भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दे पर विपक्षी दलों ने घेरने की लगातार कोशिश की और इसी पर केंद्र सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा। इन तमाम ज्वलंत सवालों और संकट से बाहर निकलने की सरकार की रणनीति पर बिहार के मोतिहारी से पांच बार से सांसद और केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह से बातचीत के प्रमुख अंश