पूर्व विदेश मंत्री तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने कहा, ‘एनएसजी (न्यूक्लियर सप्सायर ग्रुप) की सदस्यता पाकर भारत को कोई फायदा नहीं होगा, नुकसान ही होगा। इसलिए उस पर उतावलेपन की जरूरत नहीं थी।’
देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अपना शीश कटा डालने वाले उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद निवासी शहीद हेमराज का गांव उनकी शहदत के तीन वर्ष बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहा है। हेमराज के शहीद होने के बाद गांववासियों को उम्मीद थी कि सरकार अब हेमराज के नाम पर गांव में मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था कर देगी। लेकिन तीन साल के बाद भी नतीजा सिफर रहा। गांव वाले सरकार द्वारा की गई घोषणाओं के पूरा होने का अब भी इंतजार कर रहेे हैं।
पिछले दिनों छत्तीसगढ़ में कथित पुलिस मुठभेड़ में मारी गई आदिवासी युवती के मामले को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सोमवार को बिलासपुर उच्च न्यायालय में प्रारंभिक सुनवाई हुई।
भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के भगवान हैं और पश्चिम बंगाल के एक आदिवासी गांव के लिए भी राज्यसभा सांसद तेंदुलकर फरिश्ता ही साबित हुए जिन्होंने 51 साल पुराने उपेक्षित स्कूल के पुनर्निर्माण के लिए धन जुटाने में मदद की है।
पंजाब प्रदेश कांग्रेस प्रधान कैप्टन अमरिंदर सिंह अब सीएम प्रकाश सिंह बादल के गांव बादल में गरजेंगे। कैप्टन की अगुवाई में कांग्रेस 18 जून को भर्ती घोटाले के विरोध में बादल गांव में धरना देगी।
नर्मदा किनारे बसे कसरावद के सुंदर गांव बसे हैं। जल्द ही ये गांव नर्मदा मैया की गोद में समा जाएंगे। सरदार सरोवर बांध के पास बने इन गांवों को सदियों से नर्मदा सींचती और जीवन देती आई है। सन 2001 में सरकार की ओर से सर्वे में कहा गया था, यदि बांध की ऊंचाई बढ़ाई गई तो 360 घर प्रभावित होंगे। लेकिन 2008 में हुए एक और सर्वे में कहा गया था कि 364 में से केवल 25 घर प्रभावित होंगे। सर्वे के इन तथ्यों की छेड़छाड़ पर आरटीआई के तहत कुछ जानकारियां बाहर आई हैं।
उत्तरी थाइलैंड में पहाड़ी आदिवासियों के बच्चों के लिए खुले एक निजी स्कूल के छात्रावास में आग लग जाने के कारण कम से कम 18 लड़कियों की मौत हो गई और कई लड़कियां घायल हो गईं।
हरियाणा के एक गांव में ऊंची जाति के कुछ लोगों द्वारा एक दलित दूल्हे को उसकी बारात में घोड़ा बग्गी पर चढने से रोकने और बाराती समेत पुलिस दल पर पथराव करने का मामला सामने आया है। घटना के बाद से इलाके में तनाव की स्थिति है।
मेघालय का एक छोटा सा गांव एक समय में देशी शराब बनाने और शराबियों को लेकर बदनाम था लेकिन अपनी छवि में आमूल परिवर्तन लाकर गांव ने एक अनूठी नजीर पेश की है।