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मेरा बेटा देशद्रोही है या नहीं, कोर्ट को तय करने दें: उमर के पिता

मेरा बेटा देशद्रोही है या नहीं, कोर्ट को तय करने दें: उमर के पिता

जेएनयू में राष्ट्रविरोधी नारे लगाने के 10 आरोपी छात्रों में से एक छात्र उमर खालिद के पिता ने आज कहा है कि यह न्यायपालिका को तय करना है कि वह मामले में संलिप्त था या नहीं। साथ ही उन्होंने मांग की कि उनके बेटे को मीडिया ट्रायल से अलग रखा जाए।
तंजानियाई युवती से मारपीट में पांच गिरफ्तार

तंजानियाई युवती से मारपीट में पांच गिरफ्तार

बेंगलूरु में एक तंजानियाई युवती के साथ मारपीट और उसके कपड़े फाड़े जाने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है लेकिन कर्नाटक सरकार ने आज इस बात से इंकार किया कि उसे निर्वस्त्र कर चलवाया गया था। रविवार रात की इस घटना के गंभीर राजनयिक मोड़ लेने के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बेंगलूरु में वैश्विक निवेशक सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, मामला दर्ज किया जा चुका है और आरोपियों में से पांच लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। सुषमा स्वराज ने भी मुझसे बात की। मैं अपने प्रमुख सचिव के माध्यम से उन्हें रिपोर्ट भी भिजवा रहा हूं।
छत्तीसगढ़ में 70 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

छत्तीसगढ़ में 70 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल बस्तर क्षेत्र के सुकमा जिले में 15 महिलाओं सहित 70 नक्सलियों ने आज आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस के अनुसार माओवादी आंदोलन और हिंसा से निराश होकर इन लोगों ने अपने हथियार डालने का फैसला किया।
रोहतक सामूहिक दुष्कर्म के सात दोषियों को सजा-ए-मौत

रोहतक सामूहिक दुष्कर्म के सात दोषियों को सजा-ए-मौत

पिछले साल रोहतक के बहुअकबरपुर में एक नेपाली युवती से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में स्‍थानीय अदालत ने सात दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। युवती का शव 4 फरवरी को बहुअकबरपुर के पास खेतों में क्षत-‌विक्षत अवस्‍था ‌में मिला था और उसके साथ नौ लोगों द्वारा बलात्कार की पुष्टि हुई थी। इन दोषियों में से एक ने आत्महत्या कर ली थी जबकि एक आरोपी नाबालिग है।
कर्नाटक में चलती बस में युवती से बलात्कार

कर्नाटक में चलती बस में युवती से बलात्कार

कर्नाटक की राजधानी बेंग्लुरू से 40 किलोमीटर दूर दिनदहाड़े एक युवती से चलती बस में सामूहिक बलात्कार का मामला सामने आया है। युवती का इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है।
राजनीतिक अस्थिरता ने झारखंड को पीछे धकेला: रघुवर दास

राजनीतिक अस्थिरता ने झारखंड को पीछे धकेला: रघुवर दास

डेढ़ दशक पहले बने झारखंड में पहली बार गैर आदिवासी मुख्यमंत्री ने राज्य की सत्ता संभाली है। बीते वर्षों में यह राज्य घोटालों और राजनीतिक अस्थिरताओं के कारण चर्चा में रहा है। प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण यह राज्य विकास के मामले में लगातार पिछड़ता रहा। करीब नौ महीने के कार्यकाल में रघुवर दास ने राज्य के विकास के लिए कई नई योजनाओं का शुभारंभ किया। उनसे आउटलुक के विशेष संवाददाता कुमार पंकज ने सरकार की योजनाओं और विकास को लेकर विस्तार से बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश:
कुपोषण से लुप्त हो रहे कमार आदिवासी

कुपोषण से लुप्त हो रहे कमार आदिवासी

‘ एक आदमी के लिए सात किलो चावल और दो किलो चना, क्या इससे गरीबी दूर होती है?’ कोंडागांव के नगरी संभाग के गांव उमर का सुखदेव यह सवाल करते हुए रुआंसा हो जाता है। उसकी पत्नी और तीन बच्चे खेत में मजदूरी करने गए हैं। सौ रुपये दिहाड़ी मिलती है और जंगल से मिलने वाली साग-भाजी तो अब पहले जैसी नहीं रही। सुखदेव का कहना है कि वह अपने बच्चों को पढ़ाना चाहता है। लेकिन सरकार ने सिर्फ साइकिल देकर अपनी जिम्मेदारी खत्म कर दी। उसकी छोटी बेटी नौवीं कक्षा में दो बार फेल हो गई थी तो स्कूल वालों ने तीसरी बार एडमिशन देने से इनकार कर दिया।
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