भूकंप से थर्राए इक्वाडोर में बचाव कर्मी और अपनों के खोने से हताश परिवार मलबे में दबे लोगों को तलाश कर रहे हैं। दो दिन पहले आए इस प्राकृतिक आपदा में कम से कम 413 लोगों की जान जा चुकी है।
फरवरी 2014 में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की कमान संभालने वाले हरीश रावत राज्य के कद्दावर नेताओं में शुमार किए जाते हैं। लंबे समय के राजनीतिक जीवन में रावत ने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे। उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड राज्य बनने के बाद माना जा रहा था कि अगर राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी तो रावत को कमान मिल सकती है। लेकिन सियासी कारणों सेे रावत को देर से राज्य की कमान मिली। साल 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जब सरकार बनी तो विजय बहुगुणा को मुख्यमंत्री पद दिया गया। उस समय रावत केंद्र सरकार में मंत्री थे। विजय बहुगुणा को बीच कार्यकाल से ही हटाकर हरीश रावत को राज्य की कमान दी गई। दो साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हरीश रावत से विभिन्न मुद्दों पर आउटलुक के विशेष संवाददाता ने देहरादून के बीजापुर गेस्ट हाउस में विस्तार से बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश-
पूर्वोत्तर भारत में आज 6.7 तीव्रता का भीषण भूकंप आया जिससे कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हैं। भूकंप का केंद्र मणिपुर में था जिससे कई इमारतें ढह गईं तथा लोग दहशत में आ गए। भूकंप के 5 घंटे बाद दूसरी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.6 थी। माना जा रहा है ये भूकंप के बाद आने वाले आफ्टर शॉक हैं।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के सीमाई इलाकों में आज एक शक्तिशाली भूकंप आया जिसमें 89 लोग घायल हो गए। 6.9 तीव्रता के भूकंप के झटकों को अफगानिस्तान पाकिस्तान समेत उत्तर भारत में भी महसूस किया गया।
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में भारी बारिश और बाढ़ का कहर जारी है। स्थिति का जायजा लेने के लि्ए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद चेन्नई पहुंचे। उन्होंने मुख्यमंत्री जयललिता से मुलाकात के दौरान तमिलनाडु को 1000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मदद देने का ऐलान किया है। लगातार बारिश के चलते चेन्नई और उससे सटे कई उपनगरों में हालात बेहद खराब हैं। राज्य में बारिश और बाढ़ की वजह से मरने वालों का आंकड़ा 269 तक पहुंच चुका है।
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई और उसके आसपास के इलाकों में आई भीषण बाढ़ को लेकर सरकार ने माना कि स्थिति अधिक गंभीर है और शहर एक टापू बनकर रह गया है। संसद के दोनों सदनों में बाढ़ को लेकर चर्चा हुई और सांसदों ने कहा कि स्थिति की भयावहता को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए। यह संभव है कि सरकार इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दे।
भीषण गर्मी और लू से अब तक देश में 1100 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है। इसके बावजूद अभी तक इसे राष्ट्रीय आपदा नहीं माना जा रहा है। नेपाल भूकंप में तुरंत राहत पहुंचाने वाली केंद्र सरकार भी इस मामले को हल्के में ले रही है।