बजट एअरलाइन स्पाइसजेट लिमिटेड, इसके पूर्व चेयरमैन कलानिधि मारन और कंपनी के दो अन्य उच्च अधिकारियों को दिल्ली की एक अदालत द्वारा कर चोरी के दो मामलों में समन जारी किया गया है।
जुलाई का महीना शुरू होते ही पूरे साल की कमाई का लेखा-जोखा सरकार को भेजने की आपाधापी शुरू हो जाती है। इसी जल्दबाजी के चक्कर में लोग कई सारी गलतियां कर बैठते हैं जबकि सरकार ने ऑनलाइन रिर्टन भरने वालों के लिए इसी साल से सरल फॉर्म शुरू किया है। आइए जानते हैं कि हम किस तरह की गलतियां कर सकते हैं और किन-किन बातों का ख्याल रखना चाहिए।
कारपोरेट क्षेत्र का एक हिस्सा और भारत के वित्त मंत्रालय में एक प्रभावशाली तबका विदेशी दान दाताओं के मामले में ज्यादा अनुदार रवैये की उपयोगिता के बारे में संशय रखता है। उनकी राय में सामाजिक क्षेत्र में विदेशी दाता पूंजी के प्रति ज्यादा अनुदार रुख प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को हतोत्साहित करेगा। ऐसी कारपोरेट राय की अगुवाई नारायण मूर्ति करते हैं। देखें नृपेंद्र मिश्र की पंचायती क्या रंग लाती है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर विभाग (सीबीडीटी) पूर्व केंद्रीय मंत्री परनीत कौर के एचएसबीसी खाते का ताल्लुक लंदन और दुबई में उनके न्यासों और संपत्तियों से जोड़कर देखने की कोशिश कर रहा है। हालांकि कौर और उनके परिजनों के इनकार के बावजूद आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे उनके जिनेवा स्थित एचएसबीसी बैंक खाते और उनके न्यासों तथा कंपनियों का आपस में ताल्लुक है या नहीं, इसकी जांच कर रहे हैं। इस खाते के साथ लंदन और दुबई में उनकी संपत्तियों के तार खंगालने की भी कोशिश की जा रही है।
आयकर विभाग ने कड़े शब्दों में अपने अधिकारियों से कहा है कि कर चोरों के खिलाफ अब सिर्फ छापेमारी की कार्रवाई से काम नहीं चलेगा बल्कि उन्हें लक्ष्य करते हुए सघन तलाशी अभियान चलाया जाएगा।
करदाताओं के विरोध को देखते हुए वित्त मंत्रालय ने नए आयकर रिटर्न फार्म जारी किए हैं। इनमें विदेश यात्राओं और निष्क्रिय बैंक खातों की जानकारी देने के विवादास्पद प्रावधानों को हटा दिया है। आयकर रिटर्न अब 31 अगस्त तक भरा जा सकेगा।
वित्त मंत्री संशोधित आयकर रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म में संभवतः कंपनी प्रायोजित विदेश दौरे के जिक्र वाले खाने को हटा सकते हैं लेकिन विदेश बैंक में खाते का कॉलम यथावत रख सकते हैं। संशोधित आईटीआर फॉर्म इसी महीने के अंत तक पेश कर दिया जाएगा।
करदाताओं को बड़ी राहत देने के प्रयास के तहत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने घोषणा की है कि अब करदाताओं को ऑनलाइन रिटर्न भरने के बाद डाक के जरिये विभाग में पावती पत्र भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि इस पत्र की प्रामाणिकता के लिए नए प्रकार का आधार कार्ड इस्तेमाल किया जा सकता है।
सरकार ने उन व्यक्तिगत और संस्थागत करदाताओं पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है जो आयकर विभाग का करोड़ों रुपया दबाकर बैठे हैं। पहले दौर में ऐसे 18 नाम सार्वजनिक किए गए हैं। आयकर विभाग ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के निर्देश पर इन बकायेदारों के नाम का खुलासा किया है ताकि इनसे वसूली में मदद मिल सके।