Advertisement

Search Result : "आयुर्वेद"

चार दिन में हुआ दिल्ली के दो हजार मरीजों का मुफ्त इलाज

चार दिन में हुआ दिल्ली के दो हजार मरीजों का मुफ्त इलाज

राजस्थान के आईएएसई विश्वविद्यालय सरदारशहर और श्री भंवरलाल डूगड़ आयुर्वेद विश्वभारती संस्थान ने संयुक्त रूप से राजधानी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में शिविर लगाकर डेंगू व चिकनगुनिया के मरीजों की मुफ्त जांच की और उन्हें संबंधित दवाएं भी निःशुल्क वितरित की गईं।
आचार्य बालकृष्ण : 21 साल में 3500 रुपए से ढाई अरब डॉलर का सफर

आचार्य बालकृष्ण : 21 साल में 3500 रुपए से ढाई अरब डॉलर का सफर

1995 में पतंजलि का कंपनी के रुप मेंं पंजीयन कराने के लिए अधिकारियों ने बतौर शुल्‍क 13 हजार रुपए बाबा रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण से मांगे थे। उस वक्‍त इन दोनों के पास महज 3500 रुपए थे। किसी तरह दोस्‍तों से उधारी लेकर पंजीयन शुल्‍क चुकाया गया। आज 21 साल बाद पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण फोर्ब्‍स की सूची में भारत में 48 वें सबसे अमीर व्‍यक्ति हैं। इस सूची में यह नाम आश्चर्यजनक है। बालकृष्ण को 2.5 अरब डालर की संपत्ति के साथ सूची में स्‍थान दिया गया है।
रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद को मध्य प्रदेश में मिली 40 एकड़ जमीन

रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद को मध्य प्रदेश में मिली 40 एकड़ जमीन

योग गुरू रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को मध्य प्रदेश सरकार ने पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में 40 एकड़ जमीन आवंटित की है। यहां कंपनी करीब 500 करोड़ रुपए के निवेश से खाद्य प्रसंस्करण संयंत्र लगाएगी। इस जमीन के लिए कंपनी को 10 करोड़ रुपए चुकाने होंगे।
बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद के 33 विज्ञापनों के खिलाफ मिली शिकायत : केंद्र

बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद के 33 विज्ञापनों के खिलाफ मिली शिकायत : केंद्र

केंद्र सरकार ने आज बताया कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के 33 विज्ञापनों के खिलाफ शिकायत मिली है। सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
बाबा रामेदव बोगस विज्ञापन के मामलेे में एएससीआई पर करेेंगे केस

बाबा रामेदव बोगस विज्ञापन के मामलेे में एएससीआई पर करेेंगे केस

योग गुरु बाबा रामदेव का पतंजलि आयुर्वेद भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) पर केस करने जा रहा है। एएससीआई ने पतंजलि आयुर्वेद की खिंचाई करते हुए कहा था कि उसके विज्ञापन ‘भ्रामक’ और प्रतिस्पर्धी फर्मों के उत्पादों पर आरोप लगाने वाले हैं।
पतंजलि के विज्ञापन निराधार और भ्रामक: विज्ञापन मानक परिषद

पतंजलि के विज्ञापन निराधार और भ्रामक: विज्ञापन मानक परिषद

भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) ने योगगुरू बाबा रामदेव प्रायोजित पतंजलि आयुर्वेद की खिंचाई करते हुए कहा है कि उसके विज्ञापन भ्रामक और प्रतिस्पर्धी फर्मों के उत्पादों पर आक्षेप करने वाले हैं।
मंदी बेअसर, पतंजलि का धंधा होगा 10 हजार करोड़ के पार

मंदी बेअसर, पतंजलि का धंधा होगा 10 हजार करोड़ के पार

ऐसे समय जब पूरी दुनिया आर्थिक सुस्ती के दौर से गुजर रही है पतंजलि आयुर्वेद ने चालू वित्त वर्ष के दौरान अपना कारोबार दोगुने से भी अधिक बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये के पार पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। कंपनी ने वर्ष के दौरान छह प्रसंस्करण इकाइयों पर 1,150 करोड़ रुपये निवेश की भी योजना बनाई है।
आयुर्वेद का 'उद्योगीकरण’

आयुर्वेद का 'उद्योगीकरण’

अनछुए वैश्विक कारोबार पर भारतीय आयुर्वेदिक एवं फार्मा कंपनियों के साथ ही विदेशी उद्योग समूहों की भी नजर
जीवन का विज्ञान आयुर्वेद

जीवन का विज्ञान आयुर्वेद

आयुर्वेद का अर्थ है, जीवन का विज्ञान। आयुष वेद से मिल कर बने इस शब्द में आयुष का मतलब है जीव और वेद का मतलब है विज्ञान। आयुर्वेद के सिद्धांत को आगे बढ़ाने के लिए दिल्ली के खेड़ा डाबर, नजफगढ़ में चौधरी ब्रह्मप्रकाश आयुर्वेद चरक संस्थान की नींव रखी गई है। यह संस्थान आयुर्वेद की उस धारणा को तोड़ता है जिसमें समझा जाता है कि आयुर्वेद मात्र कुछ जड़ी-बूटियों के सहारे चलता है। यहां पूरे भारत से उच्च शिक्षा प्राप्त अध्यापक हैं और वैज्ञानिक तरीके से मरीजों का इलाज किया जाता है। यहां अन्य विभागों के साथ लीच यानी जोंक चिकित्सा पद्धति, पंचकर्म, क्षार सूत्र विधि विशेष तौर पर लोकप्रिय हैं। पंचकर्म विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अरुण गुप्ता कहते हैं, 'आम आदमी के लिए पंचकर्म सिर्फ मसाज है। ज्यादातर स्पा केंद्रों ने पंचकर्म की एक प्रक्रिया शिरोधारा के फोटो को इतना प्रमोट किया है कि आम जन में यह धारणा हो गई है कि शिरोधारा ही पंचकर्म है।’ प्रो. गुप्ता कहते हैं, 'सरकार को इस चिकित्सा पद्धति के मानक तय करने चाहिए। यानी यदि कोई केंद्र पंचकर्म शब्द का इस्तेमाल कर रहा है तो उसके पास अनिवार्य रूप से क्या सुविधाएं होनी चाहिए। जैसे मधुमेह के रोगियों को तेल की मालिश पंचकर्म में वर्जित है।’ प्रोफेसर गुप्ता बस्ती नेत्र यानी एनीमा देने के उपकरण पर भी सवाल उठाते हैं। वह बताते हैं कि इस अस्पताल में हर चीज मानक रूप से तय की गई है। लंबे मीनारनुमा इस उपकरण के आगे के छेद की गोलाई मटर के दाने बराबर और पीछे का छेद की गोलाई अंगूठे की मोटाई के बराबर होनी चाहिए। यह अस्पताल का सबसे ज्यादा व्यस्त रहने वाला विभाग है, जिसमें सौ से ज्यादा मरीज हमेशा मौजूद रहते हैं।
Advertisement
Advertisement
Advertisement