आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारकों का सम्मेलन आज से वडोदरा में शुरू हो रही है। सम्मेलन 20 दिसंबर तक चलेगा। यह आयोजन स्वामीनारायण मंदिर परिसर में किया जाएगा।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े संगठन लघु उद्योग भारती ने भी माना है कि नोटबंदी के बाद समूचे देश में छोटे व्यापारी की हालात खराब है। उनके हाथ से कारोबार जा रहा है। वेतन न दे पाने की स्थिति में कर्मचारी नौकरी छोड़कर भाग रहे हैं। सरकार चाहती है कि छोटे कारोबारी रातोंरात कैशलेस पद्धति को फॉलो करें, यह उनके लिए मुश्किल है। नोटबंदी के चलते लघु उद्योगों का उत्पादन 40 से 50 फीसदी कम हो गया है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आरएसएस से जुड़े आर्थिक चिंतक एस गुरुमूर्ति ने कहा है कि आने वाले दिनों में 2000 के नोट भी बंद हो जाएंगे। सबसे बड़ा नोट 500 का होगा। ढाई सौ का भी नोट जारी किया जाएगा।
तीन तलाक पर राजनीतिक घमासान के बीच इसे लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुस्लिम समुदाय से सीधे संवाद में जुट गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से हलफनामा मांगे जाने के बाद से संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी लगातार मुस्लिम धर्म गुरुओं व बुद्धिजीवियों के संपर्क में हैं। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी इस मुद्दे पर पहली बार धर्म गुरुओं और मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मुलाकात कर उनकी राय जानने की कोशिश की है।
पुणे स्थित थिंकटैंक अर्थक्रांति के संस्थापक अनिल बोकिल ने दोबारा कहा कि बिना समुचित तैयारी के नोटबंदी का कदम उठाया गया। बोकिल उस टीम का हिस्सा थे जिन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को नोटबंदी का सुझाव दिया था।
महात्मा गांधी की हत्या को लेकर आरएसएस को जिम्मेदार ठहराने संबंधी कथित टिप्पणी से जुड़े मानहानि मामले में भिवंडी की एक अदालत ने आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को जमानत दे दी।
दिल को छू लेने वाली एक पहल के तहत महाराष्ट्र में एक जिलाधिकारी ने बिल्कुल ही निराले अंदाज में सेवानिवृत्त हो रहे अपने ड्राइवर का सम्मान किया। जिलाधिकारी ने ड्राइवर को अपनी सजी-धजी सरकारी गाड़ी में पिछली सीट पर बिठाया और खुद गाड़ी चलाकर कार्यालय तक लेकर गए। सेवानिवृत्ति के दिन अपने उच्चाधिकारी से ऐसी सम्मानजनक विदाई पाकर चालक भाव विह्वल हो उठा।
कुछ संगठनों द्वारा अंग्रेजी भाषा को पढ़ाई से हटाने की सिफारिश किए जाने पर एक प्रमुख मुस्लिम थिंकटैंक ने आज कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में किसी भाषा को थोपना उचित नहीं रहेगा और अंग्रेजी आधुनिक दौर में विकास की एक प्रमुख धुरी है जिससे आज की पीढ़ी को उपेक्षित नहीं रखा जा सकता।