Advertisement

Search Result : "आलोक रावत"

चर्चाः परदेशी साइबर दस्युओं के खतरे | आलोक मेहता

चर्चाः परदेशी साइबर दस्युओं के खतरे | आलोक मेहता

सरकार देश में आतंकवाद और कानून व्यवस्‍था की समस्या से निपटने के लिए इंफॉर्मेशन टेक्नालॉजी एक्ट में फिर एक नया कानून लाने की तैयारी कर रही है। इस एक्ट में 66ए के तहत इंटरनेट सुविधा पर नजर रखने का प्रावधान 2008 में किया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में यह धारा इस आधार पर रद्द कर दी थी कि इससे अभिव्यक्ति की आजादी का अतिक्रमण होता है।
चर्चाः सूरज की रोशनी पर अमेरिकी ग्रहण | आलोक मेहता

चर्चाः सूरज की रोशनी पर अमेरिकी ग्रहण | आलोक मेहता

दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दोस्त बराक के स्वागत-सत्कार और समझौतों के साथ जयकार कराते हैं और वाशिंगटन में बराक ओबामा प्रशासन भारत के सौर ऊर्जा मिशन के तहत हजारों गांवों में रोशनी देने वाले कार्यक्रम को रोकने के लिए विश्व व्यापार संगठन में मामला दर्ज कर देता है।
उत्तराखंड में एक शो के दौरान घायल हुए मशहूर पहलवान खली

उत्तराखंड में एक शो के दौरान घायल हुए मशहूर पहलवान खली

उत्तराखंड में हुए एक रेसलिंग एंटरटेनमेंट शो के दौरान मशहूर पहलवान खली बुरी तरह घायल हो गए। खली को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है।
चर्चाः अभिव्यक्ति पर नई तोप | आलोक मेहता

चर्चाः अभिव्यक्ति पर नई तोप | आलोक मेहता

‘तोप चलाओ और सत्ता पाओ’। वह बात भूल जाएं कि तोप के बजाय अखबार निकालें, क्योंकि सरकारी बंदूक रखने वाले इसी हथियार की ताकत से सत्ता के बड़े पदों की कामना करने लगते हैं। तभी तो जल्द ही रिटायर होने वाले दिल्ली के पुलिस आयुक्त बी.एस. बस्सी ने राजनीतिक तोप इस्तेमाल कर राष्ट्रद्रोह के वर्तमान कानून को खत्म करने के बजाय इसका दायरा बढ़ाने की सलाह दे डाली है।
11 मिनट और अंतिम इच्छा

11 मिनट और अंतिम इच्छा

पाउलो कोएलो की 11 मिनट्स किताब जिन लोगों ने पढ़ी है उन्हें इन 11 मिनट्स की उपयोगिता पता होगी। हाल ही में आई एक शॉर्ट फिल्म ने मजाकिया अंदाज में धूम्रपान से जोड़ कर अच्छा संदेश दिया है।
परियोजनाओं में देरी कमजोर कर रही है मेक इन इंडिया की उम्मीदें'

परियोजनाओं में देरी कमजोर कर रही है मेक इन इंडिया की उम्मीदें'

भारत के प्रमुख उद्योग मंडल एसोचैम ने देश में आ रहे निवेश के परियोजनाओं में बदलने की धीमी रफ्तार पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि इससे मेक इन इंडिया की उम्मीदों पर असर पड़ रहा है। साथ ही देश के प्रमुख उद्योग मंडल ने कहा कि कई जारी परियोजनाओं में मौजूदा धीमी रफ्तार की वजह से भी मेक इन इंडिया को लेकर जाहिर की गई उम्मीदें अपनी चमक खोती जा रही हैं।
चर्चाः वायदों और दावों का क्या | आलोक मेहता

चर्चाः वायदों और दावों का क्या | आलोक मेहता

‘कसमें, वादे, प्यार, वफा-सब बातें हैं बातों का क्या?’ यह फिल्मी गाना पुराना हो गया। लेकिन इन दिनों जिस इलाके में जाएं, लोग सरकारों के वायदों और दावों के साथ इसी तरह के सवाल उठा रहे हैं। संसद के बजट-सत्र के उद्घाटन अवसर पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भारत सरकार की ‘सफलताओं का लेखा-जोखा’ आधारित भाषण पढ़ दिया।
चर्चाः षडयंत्रों का सिरदर्द | आलोक मेहता

चर्चाः षडयंत्रों का सिरदर्द | आलोक मेहता

सिंहासन के लिए महाभारत और रामायण युग के षडयंत्रों की कहानियां भारत के गौरवशाली इतिहास के साथ सुनाई-पढ़ाई जाती रही हैं। इसलिए अरविंद केजरीवाल और नरेंद्र मोदी को षडयंत्रों की सूचनाओं पर क्या अधिक चिंतित होकर जनता के दरबार में गुहार लगानी चाहिए?
चर्चा : अपने हाथ क्यों जलाएं ?। आलोक मेहता

चर्चा : अपने हाथ क्यों जलाएं ?। आलोक मेहता

विरोध, प्रदर्शन, आंदोलन, लोकतंत्र में अनुचित नहीं माने जाते। लेकिन अपने खेत-खलिहान-घर-आंगन को सुरक्षित रखने के साथ मासूम बच्चों के स्कूलों, बीमार और घायलों का उपचार करने वाले अस्पतालों, गांव से कस्बों तक पहंुचाने वाली बसों अथवा जानमाल की सुरक्षा के लिए बनाए गए थानों को आग लगाने के बजाय सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी भी तो समाज की है।
चर्चाः झंडे की शान में जुड़ी आन | आलोक मेहता

चर्चाः झंडे की शान में जुड़ी आन | आलोक मेहता

तिरंगे की शान रखने के लिए हर भारतीय नागरिक सब कुछ न्यौछावर करने के लिए तैयार रहता है। हिमालय की सर्वोच्च चोटी से समुद्र के सुदूर क्षेत्र और अंतरिक्ष तक भारतीयों ने गौरव के साथ तिरंगा फहरा कर सैल्यूट किया है। इसलिए मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा केंद्रीय विश्वविद्यालयों की इमारतों पर तिरंगा ध्वज लहराने की अनिवार्यता के निर्देश का स्वागत ही होना चाहिए।
Advertisement
Advertisement
Advertisement