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आया राम, गया राम के दुर्भाग्य की छाया

आया राम, गया राम के दुर्भाग्य की छाया

लगता है आया-राम, गया-राम की सरकारों के दुर्भाग्य की छाया उत्तराखंण्ड पर भी पड़ गई है। राज्य विधानसभा के बजट सत्र में उत्तराखंड के नौ कांग्रेसी विधायक अचानक बागी होकर सदन के भीतर और बाहर भाजपा विधायकों के साथ मिलकर उत्तराखंड में वैकल्पिक सरकार बनाने का दावा करने लगे।
उत्तराखंड: हरक रावत बर्खास्त, बागी विधायक गुड़गांव में

उत्तराखंड: हरक रावत बर्खास्त, बागी विधायक गुड़गांव में

राजनीतिक संकट का सामना कर रहे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत को आज उस समय बड़ी राहत मिली जब राज्यपाल कृष्णकांत पाल ने उन्हें 28 मार्च तक विधानसभा के पटल पर अपना बहुमत साबित करने को कहा।
चर्चाः पांच कदम आगे, दो कदम पीछे | आलोक मेहता

चर्चाः पांच कदम आगे, दो कदम पीछे | आलोक मेहता

जम्मू-कश्मीर में सरकार बनना हो या पाकिस्तान के साथ संबंध या सूफी सम्मेलन, भाजपा सरकार जोर-शोर से पांच कदम आगे बढ़ाती है। कुछ घंटे या कुछ दिन-सप्ताह बाद उसी पार्टी और सरकार के दो कदम पीछे जाते दिखाई देते हैं। यह लुकाछिपी के खेल जैसा है।
हरीश रावत को 28 मार्च तक साबित करना होगा बहुमत

हरीश रावत को 28 मार्च तक साबित करना होगा बहुमत

उत्तराखंड के राज्यपाल केके पॉल द्वारा हरीश रावत को बहुमत साबित करने के लिए 28 मार्च तक का समय दिए जाने के बाद कांग्रेस सरकार पर पैदा हुए संकट का समाधान तलाशने में कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व जोर-शोर से जुट गया है। बताया जा रहा है कि पार्टी के असंतुष्ट नौ विधायकों का नेतृत्व कर रहे हरक सिंह रावत और विजय बहुगुणा को साधने की हर संभव कोशिश की जा रही है। सूत्रों के अनुसार बहुगुणा को मनाने की जिम्मेदारी उनकी बहन रीता बहुगुणा को सौंपी गई है।
उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार खतरे में!

उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार खतरे में!

देश के कई राज्यों में पहले ही अपनी सरकार गंवा चुकी कांग्रेस पार्टी के लिए शुक्रवार को बेचैन करने वाली खबर उत्तराखंड से आ रही है। राज्य के 36 कांग्रेस विधायकों में से 9 ने खुलेआम पार्टी से बगावत कर दी है और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी से हाथ मिला दिया है।
चर्चाः सवाल सांसदों की आचार संहिता का | आलोक मेहता

चर्चाः सवाल सांसदों की आचार संहिता का | आलोक मेहता

सांसदों का ‘रिश्वत कांड’ एक बार फिर गूंज उठा। ममता बनर्जी देश की उन नेताओं में से हैं, जिन पर व्यक्तिगत भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लग सकते। जार्ज फर्नांडिस पर ‘तहलका स्टिंग आपरेशन’ के कारण आरोप लगा, लेकिन जार्ज को भ्रष्ट और बेईमान नहीं माना गया।
चर्चाः जय-पराजय का विवाद | आलोक मेहता

चर्चाः जय-पराजय का विवाद | आलोक मेहता

एक नामी व्यापारिक समूह के युवा प्रबंध निदेशक ने अनौपचारिक बातचीत में मुझसे कहा था-‘कंपनी के कार्यकारी निदेशक रिश्ते में हमारे ताऊजी हैं और मैं पैर छूकर उनका अभिवादन करता हूं, लेकिन अब कामकाज के मामले उनकी बातें और पारंपरिक नीतियां मुझे कतई स्वीकार नहीं हैं।’ मेरी नजर में यह रवैया पाखंड ही कहा जाना चाहिए।
चर्चाः न्याय के तराजू पर जंग के खतरे | आलोक मेहता

चर्चाः न्याय के तराजू पर जंग के खतरे | आलोक मेहता

न्यायपालिका पर आप या हम कोई प्रश्नचिह्न लगाएं, तो अवमानना कानून की लक्ष्मण रेखा सामने आ सकती है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर विराजमान राष्ट्रपति स्वयं न्याय की वर्तमान व्यवस्‍था एवं उसकी साख पर संकट की बात करें, तो निश्चित रूप से सुधार के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की आवाज उठनी चाहिये।
चर्चाः घर में काला धंधा, परदेस में तलाश | आलोक मेहता

चर्चाः घर में काला धंधा, परदेस में तलाश | आलोक मेहता

विदेशों में पहुंचा अरबों का काला धन वापस लाने के वायदे के साथ आई सरकार विदेशों में जाल बिछाने की बातें महीनों से कर रही है। लेकिन ललित मोदी, विजय माल्या, सुब्रत राय ही नहीं पचीसों लोगों ने बैंकों, सेबी, आयकर, कस्टम्स को चूना लगाकर अरबों रुपया अंदर बाहर किया है।
चर्चाः धन जनता का, चमके चेहरे मंत्रियों के | आलोक मेहता

चर्चाः धन जनता का, चमके चेहरे मंत्रियों के | आलोक मेहता

रेडियो पर एक गाना बहुत बजता है- ‘चेहरा न देखो, चेहरे ने लाखों को लूटा।’ यों यह गीत प्यार-मोहब्बत से जुड़ा है। लेकिन नेताओं-मंत्रियों के लिए इन शब्दों के अलग-अलग अर्थ लगाए जाते हैं। भोली भाली जनता चेहरे और वायदे पर वोट दे देती है। फिर खून-पसीने की मेहनत की कमाई का एक हिस्सा टैक्स के रूप में सरकारी खजाने को देती है। इसी सरकारी खजाने की रकम से सरकार में बैठे प्रभावशाली नेता-मंत्री अपना चेहरा चमकाए रखना चाहते हैं।
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