भारत द्वारा चेन्नई से करीब 125 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा से एक ही प्रक्षेपास्त्र से रिकॉर्ड 104 उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए 28 घंटे की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। अगर भारत एक रॉकेट से 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने में सफल हो जाता है तो वह इस तरह का इतिहास रचने वाला पहला देश बन जाएगा।
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम मंगलयान प्रक्षेपण के गवाह बनना चाहते थे, लेकिन प्रक्षेपण तिथि 24 सितंबर, 2014 के ठीक एक दिन पहले उनकी बिलकुल इच्छा न होने के बावजूद उन्हें बेंगलुरू से बाहर जाना पड़ा।
भारत के नवीनतम संचार उपग्रह जीसैट 18 का फ्रेंच गुयाना में कोउरू के अंतरिक्ष केंद्र से एरियनस्पेस राॅकेट के जरिए गुरुवार को सफल प्रक्षेपण किया गया। यह प्रक्षेपण पहले बुधवार को किया जाना था लेकिन कोउरू में मौसम खराब होेने के कारण इसे 24 घंटे के लिए टाल दिया गया था। कोउरू दक्षिणी अमेरिका के पूर्वाेत्तर तट स्थित एक फ्रांसीसी क्षेत्र है। पीएम मोदी ने इसरो को इस ऐतिहासिक सफलता पर बधाई दी है। मोदी ने सफल प्रक्षेपण को देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम का दूसरा मील का पत्थर बताते हुये वैज्ञानिको की सराहना की।
अपने अब तक के सबसे लंबे अभियान के तहत भारत के सबसे अहम प्रक्षेपणयान पीएसएलवी ने सोमवार को आठ उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण करने के बाद उन्हें दो अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित कर दिया। इन आठ उपग्रहों में भारत का एक मौसम उपग्रह स्कैटसैट-। और अन्य देशों के पांच उपग्रह भी शामिल हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस एेतिहासिक सफलता पर इसरो को बधाई दी है।
इसरो के अध्यक्ष एएस किरण कुमार ने आज कहा कि अंतरिक्ष में देश की क्षमता उल्लेखनीय रूप से कम है और उपग्रहों की संख्या दोगुनी करने की जरूरत है। कुमार ने कहा, हम अब भी अंतरिक्ष में क्षमता के मामले में उल्लेखनीय रूप से पीछे हैं।
भारत ने स्क्रैमजेट इंजन का सफल परीक्षण करते हुए रविवार को इतिहास रच दिया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसरो का यह मिशन सफल रहा। इस दौरान दो स्क्रैमजेट इंजनों का परीक्षण किया गया।
केंद्रीय जांज ब्यूरो (सीबीआई) ने एंट्रिक्स-देवास सौदा मामले में जांच के बाद आरोप पत्र दायर किया है जिसमें इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी माधवन नायर समेत कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के नाम शामिल हैं। उन पर इसरो की वाणिज्यिक कंपनी एंट्रिक्स द्वारा निजी मल्टीमीडिया कंपनी देवास को 578 करोड़ रुपए का गलत तरीके से लाभ पहुंचाने का आरोप है।
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने बुधवार आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा रेंज से एक ही उड़ान में एक साथ 20 सैटेलाइट अंतरिक्ष में लॉन्च कर नया इतिसास रच दिया है। इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान की ये उड़ान सुबह 9 बजकर 26 मिनट पर लॉन्च की गई। ऐसी सुनहरी कामयाबी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर वैज्ञानिकों को बधाई दी है। इस कामयाबी के बाद भारत अमेरिका और रुस के एलीट क्लब में शामिल हो गया है।
भारत ने सोमवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से पहली बार स्वदेशी, पुन: इस्तेमाल किए जा सकने वाला प्रक्षेपण यान (आरएलवी) प्रक्षेपित किया। यह भारत का अपना खुद का अंतरिक्ष यान है। स्वदेशी स्पेस शटल का सफल परीक्षण कर भारत ने अंतरिक्ष में एक और कामयाबी हासिल कर ली।