एक बाद एक नई सफलता हासिल करने वाले भारत अंतरिक्ष संगठन इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने आज एक और मिसाइल का सफल परीक्षण कर कामयाबी हासिल की है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इसरो की ओर से लॉन्च किए गए मिसाइल के सफल परीक्षण पर वैज्ञानिकों को बधाई दी है। इसरो ने आज कार्टोसैट-2s सैटलाइट के साथ 30 नैनो सैटलाइट्स को पीएसएलवी-सी38 वीइकल से छोड़ा।
इसरो ने देश के सबसे भारी और ताकतवर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल जीएसएलवी मार्क-तीन को लांच कर एक और उपलब्धि हासिल की है। सैटेलाइट को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से शाम 5.28 बजे सफलता पूर्वक लांच कर दिया गया है!
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार शाम ठीक 5:28 बजे जीएसएलवी मार्क-3 रॉकेट लॉन्च कर इतिहास रच दिया है। पूरी तरह देश में बने सबसे भारी रॉकेट के लांच के साथ ही इसरो और मोदी सरकार के खाते में एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। पिछले तीन सालों में इसरो की सफलता की कहानी उल्लेखनीय रही है!
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन :इसरो: के एक बेहद सुरक्षित और साफ कमरे में एक नई किस्म की जुगलबंदी बन रही है। निजी क्षेत्र के दल सरकारी इंजीनियरों के साथ मिलकर एक ऐसा उपग्रह बनाने का काम कर रहे हैं, जो जल्दी ही आसमान में स्थापित किया जाएगा।
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने आज एक ही रॉकेट के माध्यम से रिकॉर्ड 104 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण कर इतिहास रच दिया। इनमें से तीन उपग्रह दूसरे देशों के हैं। इन उपग्रहों में भारत का पृथ्वी पर्यवेक्षण उपग्रह भी शामिल है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो को इस सफलता के लिए बधाई दी है।
भारत द्वारा चेन्नई से करीब 125 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा से एक ही प्रक्षेपास्त्र से रिकॉर्ड 104 उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए 28 घंटे की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। अगर भारत एक रॉकेट से 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने में सफल हो जाता है तो वह इस तरह का इतिहास रचने वाला पहला देश बन जाएगा।
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम मंगलयान प्रक्षेपण के गवाह बनना चाहते थे, लेकिन प्रक्षेपण तिथि 24 सितंबर, 2014 के ठीक एक दिन पहले उनकी बिलकुल इच्छा न होने के बावजूद उन्हें बेंगलुरू से बाहर जाना पड़ा।
भारत के नवीनतम संचार उपग्रह जीसैट 18 का फ्रेंच गुयाना में कोउरू के अंतरिक्ष केंद्र से एरियनस्पेस राॅकेट के जरिए गुरुवार को सफल प्रक्षेपण किया गया। यह प्रक्षेपण पहले बुधवार को किया जाना था लेकिन कोउरू में मौसम खराब होेने के कारण इसे 24 घंटे के लिए टाल दिया गया था। कोउरू दक्षिणी अमेरिका के पूर्वाेत्तर तट स्थित एक फ्रांसीसी क्षेत्र है। पीएम मोदी ने इसरो को इस ऐतिहासिक सफलता पर बधाई दी है। मोदी ने सफल प्रक्षेपण को देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम का दूसरा मील का पत्थर बताते हुये वैज्ञानिको की सराहना की।