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पेश हुआ रेल बजट, किराये के साथ भाड़े में भी कोई इजाफा नहीं

पेश हुआ रेल बजट, किराये के साथ भाड़े में भी कोई इजाफा नहीं

केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु गुरुवार को अपना दूसरा रेल बजट पेश कर रहे हैं। बजट की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि ये चुनौतियों का समय और सबसे कठिन दौर है जिसका हम सामना कर रहे हैं। अंत्योदय एक्सप्रेस, हमसफर, तेजस और उदय नाम से नई ट्रेनें चलेंगी। हमसफर में एसी-3 डिब्बे औऱ उदय एक्सप्रेस डबल डेकर होगी। महामना एक्सप्रेस नाम से भी नई ट्रेन चलाने की घोषणा की गई है। बजट मे रेल मंत्री ने घोषणा की कि देश के 311 स्टेशनों पर सीसीटीवी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
यूपी के शिक्षामित्रों को मिली सुप्रीम कोर्ट से राहत

यूपी के शिक्षामित्रों को मिली सुप्रीम कोर्ट से राहत

उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में ठेके पर कार्यरत करीब दो लाख शिक्षामित्रों को आज बड़ी राहत देते हुए उन्हे नियमित करने तथा सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्त करने की राज्य सरकार की कवायद को गैरकानूनी करार देने वाले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगा दी है।
‘अब क्या’ सोचने का वक्त

‘अब क्या’ सोचने का वक्त

श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर फाउंडेशन के संवाद श्रृंखला 2 में समसामयिक घटना पुरस्कार वापसी और उसके विरोध पर ‘अब क्या’ विषय पर संवाद का आयोजन किया गया। पुरस्कार वापसी का समर्थन और विरोध कर रहे दोनों ही पक्षों ने अपनी-अपनी बात रखी।
ऐतिहासिक मुकाम, लेखकों के इस्तीफे का बवंडर

ऐतिहासिक मुकाम, लेखकों के इस्तीफे का बवंडर

देश के सभी कोनों से, सभी भाषाओं में एक ही आवाज उठ रही है। यह अपने आप में ऐतिहासिक परिघटना है। इससे पहले इस देश में इतने बड़े पैमाने पर लेखकों-साहित्यकारों-रंगकर्मियों ने एक साथ एक ही मुद्दे पर मिलकर आवाज नहीं उठाई थी। वे सब अलग-अलग राज्यों से, अपनी-अपनी भाषाओं में एक ही स्वर बोल रहे हैं।
सेकुलर ग्रंथि पीड़‍ित कलमकारों ने लौटाए हैं पुरस्कार: संघ

सेकुलर ग्रंथि पीड़‍ित कलमकारों ने लौटाए हैं पुरस्कार: संघ

उदय प्रकाश, अशोक वाजपेयी और नयनतारा सहगल सहित 21 लेखकों द्वारा साहित्यिक सम्मान लौटाने की घोषणा पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि हिन्दू धर्म को विकृत करने और भारत को नष्ट करने के प्रयासों में सेकुलर ग्रंथि से पीड़ित कुछ असहिष्णु कलमकारों ने अपने तमगे लौटा दिए हैं।
डबराल, जोशी समेत कई साहित्‍यकारों ने लौटाए पुरस्‍कार

डबराल, जोशी समेत कई साहित्‍यकारों ने लौटाए पुरस्‍कार

सांप्रदायिक राजनीति, अभिव्‍यक्ति की आजादी पर बढ़ते हमलों और बढ़ती असहिष्‍णुता के खिलाफ साहित्‍य अ‍कादमी पुरस्‍कार लौटाने का सिलसिला तेज होता जा रहा है। अब तक विभिन्‍न भाषाओं के करीब 15 साहित्‍यकार पुरस्‍कार लौटा चुके हैं।
प्रतिरोध बढ़ा, सारा जोसेफ ने भी लौटाया साहित्य अकादमी

प्रतिरोध बढ़ा, सारा जोसेफ ने भी लौटाया साहित्य अकादमी

देश में सांपद्रायिक हिंसा की बढ़ती घटनाओं से आहत होकर अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने वाले साहित्यकारों की सूची में मलयाली लेखिका सारा जोसेफ का नाम भी जुड़ गया है। जोसेफ को वर्ष 2003 में उनकी रचना अलहयूद पेनमक्कल के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया था।
हिंदी वालों, कब तक पाखंड का हिस्सा रहोगेः नीलाभ अश्क

हिंदी वालों, कब तक पाखंड का हिस्सा रहोगेः नीलाभ अश्क

हिंदी के नामचीन कथाकार उदय प्रकाश की हिंदुत्व वादी ताकतों द्वारा कन्नड़ विद्वान एमएम कलबुर्गी की हत्या के विरोध में साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने की घोषणा लगातार विवादों में आ रही है। गौरतलब है कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ के हाथों पुरस्कार लिया था। अब इस मुद्दे पर कथाकार नीलाभ अश्क और विष्णु खरे ने भी आपत्ति जताई है -
प्रो. कलबुर्गी हत्या: उदय प्रकाश ने लौटाया अकादमी पुरस्कार

प्रो. कलबुर्गी हत्या: उदय प्रकाश ने लौटाया अकादमी पुरस्कार

हिंदी के नामचीन कथाकार उदय प्रकाश ने हिंदुत्ववादी ताकतों द्वारा कन्नड़ विद्वान एमएम कलबुर्गी की हत्या के विरोध में साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है। उन्होंने शुक्रवार की सुबह अपने फेसबुक वॉल पर इस संबंध में लिखा था। यह पुरस्कार उन्हें मोहनदास कृति पर वर्ष 2010-11 में मिला था।
उदय प्रकाश पर दोहरेपन के आरोपों की झड़ी

उदय प्रकाश पर दोहरेपन के आरोपों की झड़ी

हिंदी के नामचीन कथाकार उदय प्रकाश की हिंदुत्व वादी ताकतों द्वारा कन्नड़ विद्वान एमएम कलबुर्गी की हत्या के विरोध में साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने की घोषणा सोशल मीडिया पर विवादों में आ गई है। अब उदय प्रकाश के भी गड़े मुर्दे उखाड़े जा रहे हैं कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ के हाथों पुरस्कार लिया था। शाम तक तो उदय प्रकाश की तारीफ में कसीदे पढ़े जा रहे थे लेकिन उसके बाद गड़े मुर्दे उखड़ गए। खबर लिखे जाने तक उदय प्रकाश के पक्ष में आवाजें नहीं आई थीं-