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‘सरहद संभलती नहीं,अंदरूनी जंग की तैयारी कर रही सरकार’

‘सरहद संभलती नहीं,अंदरूनी जंग की तैयारी कर रही सरकार’

यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे पर देश के तमाम मुस्लिम संगठन एक मंच पर आ चुके हैं। उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि किसी भी सूरत में यूनिफॉर्म सिविल कोड मंजूर नहीं किया जाएगा। मुस्लिम संगठनों ने यहां तक कहा कि मोदी सरकार से सरहद तो संभल नहीं रही है और वह अंदरूनी जंग के लिए फिजा तैयार कर रही है।
भोपाल के कॉलेज में ड्रेस कोड पर छात्राओं का धरना, कार्रवाई की दी चुनौती

भोपाल के कॉलेज में ड्रेस कोड पर छात्राओं का धरना, कार्रवाई की दी चुनौती

मध्यप्रदेश में भोपाल के मौलाना आजाद नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलाजी में छात्राओं ने शुक्रवार को ड्रेस कोड और हॉस्‍टल की टााइमिंग को लेकर कॉलेज प्रशासन के खिलाफ हल्‍ला बोल प्रदर्शन किया। छात्राओं को उनके लिए बनाए गए ड्रेस कोड और हॉस्टल की टाइमिंग से दिक्‍कत हो रही है।
कॉमन सिविल कोडः अनुचित तरीके से तलाक पर हो 10 साल की सजा

कॉमन सिविल कोडः अनुचित तरीके से तलाक पर हो 10 साल की सजा

यह समझना कि कॉमन सिविल कोड आ जाएगा तो क्या मुस्लिम औरतों में सुधार आ जाएगा, यह गलत बात है। अभी औरतों की स्थिति बहुत दूभर है, सिर्फ मुस्लिम औरतों की ही नहीं, हिंदुस्तान की ज्यादातर औरतों के साथ मर्द का जो व्यवहार है, बहुत अच्छा नहीं है, तो इसके लिए तो मर्द की सोच बदलने की जरूरत है। यदि कॉमन सिविल कोड आ गया, कानून आ गया, सब कुछ आ गया, लेकिन मर्द की जो गंदी सोच है, उसको भी तो बदलना पड़ेगा, उसकी जहनियत को बदलना पड़ेगा।
भाजपा का चुनावी चुग्‍गा है यूनिफार्म सिविल कोड

भाजपा का चुनावी चुग्‍गा है यूनिफार्म सिविल कोड

देश को आजाद हुए पैंसठ साल से अधिक का समय हो गया पर भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर अभी तक आम राय नहीं बन पाई है। जब इतने समय पर यह नहीं हो पाया तो भाजपा अब क्‍या सोच समझ कर यूनिफार्म सिविल कोड का ताना-बाना बुनने लगी है। क्‍या छह माह में इसे लागू करने का दम केंद्र की भाजपा सरकार के पास है या यह महज एक चुनावी चुग्‍गा है। जो भाजपा ने यूपी चुनाव से पहले जनता की ओर फेंक दिया है।
शिवसेना गरजी : विरोध होता हो तो हो, यूनिफार्म सिविल कोड की फाइल आगे बढ़ाएं

शिवसेना गरजी : विरोध होता हो तो हो, यूनिफार्म सिविल कोड की फाइल आगे बढ़ाएं

विकास सहित कई अन्‍य मसलों पर केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना करने वाली शिवसेना ने यूनीफार्म सिविल कोड के प्रस्‍ताव पर मोदी सरकार को अपना समर्थन दिया है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय के जरिए साफ संदेश दिया है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सरकार को आगे बढ़ना चाहिए।
यूनिफॉर्म सिविल कोड:कल्‍बेे सादिक ने चेताया, शरिया लॉ में दखल बर्दाश्त नहीं होगा

यूनिफॉर्म सिविल कोड:कल्‍बेे सादिक ने चेताया, शरिया लॉ में दखल बर्दाश्त नहीं होगा

यूपी चुनाव को ध्‍यान में रखते हुए यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने की भाजपा की तैयारी पर मुस्लिम समाज बिफर सा गया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस प्रस्ताव को पूरी तरह नकार दिया है। उसने आरोप लगाया है कि महज वोटों की राजनीति के लिए भाजपा यह मसले को उछाल रही है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की तैयारी में मोदी सरकार! विधि आयोग से मांगी राय

यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की तैयारी में मोदी सरकार! विधि आयोग से मांगी राय

यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) पर एक बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने विधि आयोग से इस मुद्दे का अध्ययन करने को कहा है। सरकार के इस पहल को समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है जिससे देश का राजनीतिक तापमान बढ़ने की आशंका है।
विश्वनाथ मंदिर में विदेशियों का साड़ी पहनकर जाना अनिवार्य

विश्वनाथ मंदिर में विदेशियों का साड़ी पहनकर जाना अनिवार्य

वाराणसी में का‌शी विश्वनाथ मंदिर के सुरक्षाकर्मियों को अब एक अतिरिक्त जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी। उन्हें अब महिला श्रद्धालुओं की पोशाक पर नजर रखनी होगा, खासकर विदेशी महिलाओं पर जो बदन दिखाऊ या घुटने से ऊपर वाली छोटे वस्‍त्र पहनकर दर्शन के लिए आ जाती हैं।
आजादी विशेष | निजी कानून से निजात की छटपटाहट

आजादी विशेष | निजी कानून से निजात की छटपटाहट

मुसलमान औरत के दिल में आजादी की तड़प की थाह लेने की जब-जब कोशिश की गई है तो भीतर ज्वालामुखी की तपिश को महसूस किया गया। वे भी यह जताने को बेसब्र हैं कि वे भी मुकम्‍मल आजादी की तलबगार हैं। वे नहीं चाहतीं कि उनके शौहर को एक से अधिक निकाह करने का हक हो। वे तलाक-तलाक-तलाक यानी मुंह जबानी तलाक के खिलाफ हैं।
कूड़ेदान में डालो कूड़ा, पाओ मुफ्त वाईफाई कोड

कूड़ेदान में डालो कूड़ा, पाओ मुफ्त वाईफाई कोड

क्या हो यदि सार्वजनिक स्थान पर कचरे को निर्धारित जगह यानी डस्टबिन में डाला जाने लगे। कितना अहमकाना सवाल है। जाहिर है सभी जगह साफ-सफाई रहने लगेगी। लेकिन ऐसा कम ही लोग करते हैं। लेकिन यदि सार्वजनिक स्थानों पर डस्टबिन में कचरा फेंकने के एवज में मुफ्त वाईफाई की सुविधा मिलने लगे तो सोच कर देखिए माहौल कैसा हो जाएगा।
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