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Search Result : "कितने कटघरे"

मंत्री बनते ही आठवले ने मोदी सरकार को किया कटघरे में खड़ा

मंत्री बनते ही आठवले ने मोदी सरकार को किया कटघरे में खड़ा

आरपीआई सांसद रामदास आठवले ने मंत्री बनते ही सबसे पहले मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया। एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में आठवले ने कहा कि जवाहर लाल नेहरु विश्‍वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के साथ अन्याय हुआ। उन्होने कहा कि बिना वजह ही कन्हैया कुमार पर देशद्रोह का मामला बना दिया गया जबकि जो आरोप थे वे साबित नहीं हो पाए थे।
इशरत मामलाः गुम फाइलों की जांच में गड़बड़ी से सरकार कटघरे में

इशरत मामलाः गुम फाइलों की जांच में गड़बड़ी से सरकार कटघरे में

केंद्र की नरेंद्र मोदी नीत एनडीए सरकार पर आरोप लग रहा है कि इशरत जहां एनकाउंटर मामले में दायर दो हलफनामों से संबंधित गुम फाइलों की जांच में गड़बड़ी हुई है। इस मामले में गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी अतिरिक्त सचिव बी.के. प्रसाद की अध्यक्षता में गठित कमेटी पर गड़बड़ी का आरोप है।
कहानी - बेआवाज टूटती हैं कोंपलें

कहानी - बेआवाज टूटती हैं कोंपलें

चिरगांव, झांसी, उ.प्र. में जन्म। जवाहर लाल विश्वविद्याल से पीएच.डी। कहीं कुछ और, किशोरी का आसमां, एक न एक दिन और कुल जमा बीस, ये आम रास्ताव नहीं, कितने कठघरे उपन्यारस। एक नई सुबह, हाट बाजार, प्रेम संबंधों की कहानियां, अस्ताचल की धूप कहानी संग्रह। स्त्री विमर्श पर भी काम। सुनो तो सही ( आलोचनात्मंक पुस्तंक) बहेलिया समय में स्त्रीर दो पुस्तकें पुरस्कांर / सम्मारन, युवा लेखन सर्जना पुरस्काधर ( उत्ततर प्रदेश हिंदी संस्थासन द्वारा ), आर्यस्मृसति साहित्यं सम्मा न (किताब घर प्रकाशन) किशोरी का आसमां पर अमृत लाल नागर पुरस्का‍र, कलमकार फाउंडेशन द्वारा अखिल भारतीय कहानी प्रतियोगिता में द्वितीय पुरस्कानर, उत्तपर प्रदेश हिंदी संस्था न द्वारा अस्तााचल की धूप कहानी संग्रह पर सर्जना पुरस्कावर। विभिन्नल विश्वविद्यालयों में कई उपन्या सों और कहानी संग्रहों पर शोध कार्य।
बचे समय में कितने वादे पूरे कर पाएंगे अखिलेश यादव

बचे समय में कितने वादे पूरे कर पाएंगे अखिलेश यादव

उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार चुनावी मोड में है। अपने चार साल के कार्यकाल को प्रदेश के लिए सर्वोत्तम बताते हुए मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि उन्होंने सारे वायदे पूरे किए हैं, अब जनता को चाहिए कि उन्हें रिटर्न गिफ्ट के रूप में 2017 में फिर से सत्ता सौंपे। उनका दावा है कि वह प्रदेश का छठा बजट भी पेश करेंगे। इसलिए उनके समर्थक अभी से नारे लगाने लगे हैं-पूरे हुए वायदे, अब हैं नए इरादे....कहो दिल से, अखिलेश फिर से....।
कटघरे में संघ नहीं ‘जनता की सामूहिक चेतना’ है

कटघरे में संघ नहीं ‘जनता की सामूहिक चेतना’ है

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे दादरी में बीफ खाने की अफवाह फैलाकर सांप्रदायिक उन्मादियों द्वारा एक मुस्लिम परिवार पर हमला करके 50 वर्षीय एखलाक नाम के व्यक्ति की हत्या राष्ट्रीय बहस का मुद्दा बना हुआ है। कटघरे में संघ परिवार है, जिसके कुछ लोग इसे गलतफहमी में की गई हत्या बता रहे हैं तो कुछ इसे अत्यधिक जोश में की गई कार्रवाई।
ऐसे कितने दिन चलेगा भाजपा शिवसेना गठबंधन

ऐसे कितने दिन चलेगा भाजपा शिवसेना गठबंधन

शिवसेना ने साफ कर दिया है कि कोल्हापुर निकाय चुनाव वह अपने दम पर लड़ेगी और भाजपा से गठबंधन नहीं करेगी। इस फैसले ने साफ कर दिया है कि राज्य की राजनीति में 25 वर्ष तक साथ चले दोनों दलों के दिल एक दूसरे से भर चुके हैं और सिर्फ सियासी मजबूरी ने ही उन्हें राज्य सरकार में एक साथ बना रखा है।
ललित मोदी के इस आईपीएल में कितने होंगे क्‍लीन बोल्‍ड

ललित मोदी के इस आईपीएल में कितने होंगे क्‍लीन बोल्‍ड

ललित मोदी गेट में एक प्रेस कान्फ्रेंस और एक इंटरव्यू के कूट संकेत भारतीय जनता पार्टी की गुटबाजी, क्रिकेट की खेमेबंदी और उससे धन के रिश्तों की एक पूरी कहानी ‘कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना’ की तर्ज पर अपने में समोये हुए हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली भले ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को डंसने वाले और भाजपा सांसद कीर्ति आजाद इंगित आस्तीन का सांप, जैसा कि बाद में भाजपाई शत्रुघ्न सिन्हा और आम आदमी पार्टी वालों ने भी सोशल मीडिया पर इशारा किया, हों या नहीं, उन्होंने स्वराज के नेक इरादे का तो बचाव किया, उनके कृत्य के औचित्य या नैतिकता का नहीं। और ललित मोदी, जो क्रिकेट दुकानदारी में उनके प्रतिद्वंद्वी खेमे के हैं, के बचाव से तो उन्होंने बिल्कुल ही परहेज किया।
कोई है, जो सुन रहा है

कोई है, जो सुन रहा है

‘कितने कठघरे’ रजनी गुप्त की नवीनतम पुस्तक है। यह विचलित कर देने वाली पुस्तक है। वस्तुतः यह पुस्तक है ही नहीं, मार्मिक गुहार है। कोई है, जो सुन रहा है ? इसको पढ़ते-पढ़ते अपने निजी घावों के टांके खुलने लगते हैं। न जाने कितने चेहरे हैं जो न्याय मांगने हमारे सामने आ खड़े होते हैं - शंकर गुहा नियोगी, सोनी सोरी, डॉ. विनायक चटर्जी - और वह पत्रकार, जो स्वामी अग्निवेश की मध्यस्थता के आश्वासन पर बस्तर गया था, उसकी हत्या ? ये कुछ नाम हैं, हजारों ऐसे नाम होंगे जो अब याद नहीं।
नेता-माफिया के गठजोड़ से मध्य प्रदेश सरकार कटघरे में

नेता-माफिया के गठजोड़ से मध्य प्रदेश सरकार कटघरे में

मध्य प्रदेश एक बार फिर माफिया की करतूतों से चर्चा में है। खनन, भूमि, स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा के क्षेत्र में फैले माफियाओं ने राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। कल तक मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार का गुणगान करने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेता भी अब मानने लगे हैं कि राज्य में अव्यवस्था फैलती जा रही है।
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