टीपू सुल्तान को लेकर विवाद थमने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है। अब आरएसएस के मुखपत्र पांचजन्य में छपे एक लेख में टीपू सुल्तान को दक्षिण भारत का औरंगजेब बताया गया है।
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से अपनी नागरिकता पर उठाए गए सवालों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोल दिया। उन्होंने कहा कि मोदी जी आरोप लगाना बंद कीजिए, अगर मैं गलत हूं तो जांच कराइए और जेल भेजिए।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच होने वाले चौथे टेस्ट मैच को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) और भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के बीच हालांकि विवाद अभी थमा नहीं है और अंतिम फैसला बीसीसीआई को ही करना है।
भाजपा के लोकसभा सांसद और देश के जाने-माने पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने दिल्ली क्षेत्र के कंपनी रजिस्ट्रार पर आरोप लगाया है कि दिल्ली एवं जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) की वित्तीय अनियमितताओं की जांच के नाम पर कंपनी रजिस्ट्रार एवं उनकी टीम ने लीपापोती की है।
अगर आजादी का मतलब विदेशी हुकूमत से आजादी है तो वह यकीनन हमने हासिल कर ली। लेकिन सवाल यह है कि क्या महिलाओं को परंपराओं-मान्यताओं की जकड़न से आजादी मिली ? या पुराने पड़ चुके कानूनों ने उन्हें दूसरे तरह की जकड़न में बांध दिया है, आजाद हिंदुस्तान के कानूनों की बेड़ियां ?
27 जुलाई, 2015 दो झटके लेकर आया। पंजाब के गुरदासपुर में आतंकी हमला और पूर्व राष्ट्रपति 'मिसाइलमैन’ अब्दुल कलाम का निधन। कलाम का जाना एक दौर का अवसान था जबकि गुरदासपुर हमले की घटना आतंक के एक नए मोर्चे की शुरुआत।
भारतीय हॉकी संघ (आईएचएफ) का अस्तित्व सन 1925 से है जिसे मेजर ध्यानचंद जैसे हॉकी के दिग्गजों ने स्थापित किया था। हमारे लिए यह बड़े सदमे की बात है कि सन 2009 में स्थापित हॉकी इंडिया के पक्ष में 90 साल पुराने आईएचएफ को अलविदा कर दिया गया क्योंकि हॉकी इंडिया को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। ओलिंपिक और अंतरराष्ट्रीय खेलों से जुड़े कई पूर्व खिलाड़ी भारतीय हॉकी संघ की जगह अनुचित तरीके से हॉकी इंडिया को स्थापित करने का मुद्दा बार-बार उठाते रहे हैं लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ।
दिल्ली में क्रिकेट को साफ-सुथरा करने में जुटे एक पूर्व क्रिकेटर से जब आईपीएल की दो टीमों पर लगे प्रतिबंध और उनमें से एक टीम के मालिक और दूसरे के छद्म मालिक पर आजीवन क्रिकेटीय गतिविधियों में शामिल होने पर रोक के बारे में प्रतिक्रिया मांगी तो उनका तल्ख जवाब था, इससे क्या होगा, यहां तो पूरे कुएं में ही भांग घुली है।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने एक दिवसीय मैचों से बैटिंग पावरप्ले भले ही हटा दिया हो, ललित मोदी कांड के बाद लगातार रहस्योद्घाटनों से लगता है कि भारतीय क्रिकेट में पावर प्ले और मनी प्ले यानी राजनीति और धन के गठजोड़ का वर्चस्व अपूर्व है। इसमें अपनी करतूतों के कारण विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की जनमत में धुनाई के बाद अब वित्त मंत्री की बारी है।
क्या दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष अरुण जेटली डीडीसीए के कथित घपलों और अनियमितताओं को लगातार उजागर रहे भाजपा सांसद कीर्ति आजाद को प्रलोभन देकर अपने पाले में करना चाहते थे? करीब पांच साल पहले के एक पत्र पर नजर डालें तो पहली नजर में ऐसा ही लगता है। यह चिट्ठी अभी सामने आई है।