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वेतन बढ़ोतरी को कैबिनेट की मंजूरी, छोटेे बाबू 18000 और बड़े बाॅस ढाई लाख पाएंगे

वेतन बढ़ोतरी को कैबिनेट की मंजूरी, छोटेे बाबू 18000 और बड़े बाॅस ढाई लाख पाएंगे

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्य़क्षता में बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक पर वेतन आयोग की सिफारिशों काे लागू करने का फैसला किया गया।
सरकारी वेतन 20 फीसदी बढ़ेेगा, कैबिनेट की कल मिल सकती है मंजूरी

सरकारी वेतन 20 फीसदी बढ़ेेगा, कैबिनेट की कल मिल सकती है मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल केंद्रीय कमिर्याें के वेतन-भत्तों और पेंशन मानों में संशोधन के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को कुछ और बढ़़त के साथ बुधवार को मंजूरी दे सकता है। आयोग ने मूल वेतन में करीब 15 प्रतिशत बढ़ोतरी की सिफारिश की है। इसके लागू होने से कुल एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनधारकों को फायदा होगा।
बेहतर पारदर्शिता के लिए सभी मंत्रालय हर माह अपनेे कार्यों का ब्‍यौरा आनलाइन करें

बेहतर पारदर्शिता के लिए सभी मंत्रालय हर माह अपनेे कार्यों का ब्‍यौरा आनलाइन करें

केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों से कहा गया है कि वे बेहतर पारदर्शिता के लिए अपने द्वारा किए गए कार्यों का मासिक आधार पर आॅनलाइन ब्यौरा प्रदान कर अपनी उपलब्धियों को उजागर करें। कैबिनेट सचिवालय ने हाल में इस संबंध में सभी मंत्रालयों के सचिवों को निर्देश जारी किया है।
अखिलेश कैबिनेट का सातवां विस्‍तार, बलराम यादव की दोबारा एंट्री, शिवपाल हुए नाराज

अखिलेश कैबिनेट का सातवां विस्‍तार, बलराम यादव की दोबारा एंट्री, शिवपाल हुए नाराज

उत्‍तर प्रदेश में अखिलेश यादव की कैबिनेट का सोमवार को सातवां विस्तार हुआ। नए मंत्रियों को सुबह 11 बजे राजभवन में राज्यपाल राम नाइक ने शपथ दिलाई। कुछ दिनों पहले बर्खास्त किए गए मंत्री बलराम यादव को फिर मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया है। इसके अलावा नारद राय, जियाउद्दीन रिजवी, रविदास मेहरोत्रा और शारदा प्रसाद शुक्ल मंत्री बने हैं। मुख्‍तार अंसारी प्रकरण और अब बलराम यादव के दोबारा कैबिनेट में प्रवेश के बाद अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव नाराज बताए जा रहे हैं।
ब्रेग्जिट का असर: ब्रिटेन की लेबर पार्टी में संकट, तीन सदस्यों का इस्तीफा

ब्रेग्जिट का असर: ब्रिटेन की लेबर पार्टी में संकट, तीन सदस्यों का इस्तीफा

जेरेमी कोरबीन के अपने विदेश मंत्री को बर्खास्त करने और शैडो कैबिनेट (समानांतर मंत्रिमंडल) के तीन मंत्रियों के इस्तीफा देने के बाद ब्रिटेन की विपक्षी लेबर पार्टी को जबरदस्त बगावत का सामना करना पड़ रहा है। ईयू जनमत संग्रह से इस सोशलिस्ट नेता के निबटने के तरीकों को लेकर पार्टी में गहरा मतभेद उभर आया है।
कमलनाथ के बाद कांग्रेस की नई पंजाब प्रभारी आशा कुमारी पर भी उठा विवाद

कमलनाथ के बाद कांग्रेस की नई पंजाब प्रभारी आशा कुमारी पर भी उठा विवाद

कांग्रेस ने रविवार को पंजाब में कमलनाथ की जगह पार्टी सचिव आशा कुमारी को एआईसीसी प्रभारी नियुक्त किया लेकिन जमीन कब्जाने के एक मामले में उनके दोषी होने को लेकर विवाद शुरू हो गया। इससे पहले कमलनाथ ने 1984 के सिख-विरोधी दंगों में कथित भूमिका को लेकर भाजपा, अकाली दल और आप के विरोध के बाद पिछले दिनों यह जिम्मेदारी छोड़ दी थी।
अब स्वामी ने किया शक्तिकान्त दास पर हमला, जेटली ने कहा गलत

अब स्वामी ने किया शक्तिकान्त दास पर हमला, जेटली ने कहा गलत

भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने आज आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकान्त दास पर हमला बोला। जिस पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक अनुशासित सरकारी अधिकारी पर इस तरह के हमले को अनुचित व गलत बताया।
नए विधायकों के लिए इंटर्नशिप था संसदीय सचिव पद

नए विधायकों के लिए इंटर्नशिप था संसदीय सचिव पद

1937 में जब पहली बार कांग्रेस-लीग के समझौते के बाद उत्तर प्रदेश में पहली कांग्रेस सरकार चुनकर आई तो नेहरू जी मंत्रिमंडल में लीग को स्थान देने के लिए तैयार नहीं हुए थे। जिसके फलस्वरूप देश के विभाजन की नींव रखी गई थी। मेरा उद्देश्य इस सवाल को उठाना नहीं है। उससे कई और सवाल जुड़े हैं। मैं यहां संसदीय सचिव (पार्लियामेंन्ट्री सेक्रेट्री) के पद के इतिहास के बारे में बात करना चाहता हूं। यह पद ब्रिटिश सरकार की परंपरा का हिस्सा है। मैंने कहीं पढ़ा था चर्चिल भी शायद पहले संसदीय सचिव ही हुए थे। सन 1937 में जब पंडित गोविंद वल्लभ पंत के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनी थी तो वह मुख्यमंत्री बने थे और विजय लक्ष्मी पंडित मंत्री बनी थीं। यदि संसद सचिवों की बात की जाए तो चौधरी चरण सिंह (जो प्रधानमंत्री बने), चंद्रभानु गुप्त (चार बार मुख्यमंत्री बने और कांग्रेस के कद्दावर नेता थे), आचार्य जुगल किशोर (1947 में आजादी के वक्त कांग्रेस के जनरल सेक्रेट्रियों में थे) समेत कई संसदीय सचिव थे। उसके बाद भी संसदीय सचिव की परंपरा मंत्रिमंडल का अंग रही। मैं स्मृति से लिख रहा हूं। केंद्र में भी यह पद था। प्रदेश में कई बड़े नेताओं ने संसदीय सचिव के पद से अपना करिअर आरंभ किया था जिनमें बाबू बनारसी दास (मुख्यमंत्री रहे), हेमवतीनंदन बहुगुणा (पूर्व मुख्यमंत्री, कैलाश प्रकाश पूर्व. शिक्षा मंत्री) आदि सम्मिलित हैं।
चर्चाः सिंहासन पर बैठ कांव कांव | आलोक मेहता

चर्चाः सिंहासन पर बैठ कांव कांव | आलोक मेहता

सांसद, विधायक, मुख्यमंत्री लाखों लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके कर्म-वचन जनता के हित के लिए होने चाहिए। सिंहासन पर बैठकर कांव कांव करना उन्हें शोभा नहीं देता। पेड़, शाखा, गांव, शहर और मंच पर छलांग लगाते हुए उन्हें अलग-अलग बातें नहीं करनी चाहिए।
कैबिनेट फेरबदल में अटकलबाजों को निराश करेंगे मोदी

कैबिनेट फेरबदल में अटकलबाजों को निराश करेंगे मोदी

नरेंद्र मोदी सरकार में बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडलीय फेरबदल की तैयारी हो चुकी है। 20 से 22 जून के बीच यह फेरबदल हो सकता है। सरकार ने राष्ट्रपति भवन से यह जानकारी मांगी है कि 19 से 23 जून के बीच राष्ट्रपति की उपलब्‍धता की क्या स्थिति है। इसके कारण मंत्रिमंडल फेरबदल की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
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