पाकिस्तान की तरफ से 31 दिसंबर 2014 की रात भारतीय सीमा में प्रवेश करने वाली रहस्यमय नौका को लेकर नौसेना अधिकारियों और भारत सरकार के विवादास्पद बयानों से रहस्य और गहराता जा रहा है।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय से गोपनीय सरकारी दस्तावेज लीक करने के मामले में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने पांच लोगों की गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को दो और लोगों को गिरफ्तार किया।
पेट्रोलियम मंत्रालय से दस्तावेज लीक मामले में गिरफ्तार आरोपी आसाराम के बारे में बताया जाता है कि वह पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का ही चपरासी है जबकि शांतनु सैकिया पत्रकार हैं
भारतीय मुद्रा की छपाई के दौरान हुई सुरक्षा लापरवाही के मामले को दबाते हुए वित्त मंत्रालय ने अंदरखाने जांच भी शुरू कर दी लेकिन इस बात की किसी को भनक तक नहीं लग पाई। समाचार चैनल सीएनएन आईबीएन के हाथ लगी मामले की जांच रिपोर्ट सामने आई है। यह मामला पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के दौर का है।
कॉरपोरेट लॉबींग और सरकारी नीतियों को अपने पक्ष में मोड़ने का एक और बड़ा मामला सामने आया है। साल 2010 में कॉरपोरेट लॉबीस्ट नीरा राडिया के टेप के बाहर आने पर कॉरपोरेट, मीडिया, नौकरशाही और राजनीति के गठजोड़ से बड़े पैमाने पर पर पर्दा हटते दिखा था। उसी तरह पेट्रोलियम मंत्रालय के गोपनीय दस्तावेज़ों को हासिल करने में बड़े कॉरपोरेट समूहों ने किस तरह के हथकंडे अपनाये यह अब सामने आ चुका है।
कोयला ब्लाक नीलामी में जिंदल पावर लिमिटेड को छत्तीसगढ़ में अनुमानित ।,679 करोड़ रुपये में दो ब्लाक हासिल हुए है। निजी क्षेत्र के आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी हिंडाल्को इंडस्टीज को भी करीब 14,858.9 करोड़ रुपये में एक कोयला ब्लॉक मिला है। नीलामी में अब तक 15 कोयला ब्लॉकों का आवंटन हो चुका है।
सीबीआई ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) द्वारा दिए गए उस सुझाव (रेफरेंस) की प्रति गुरुवार को विशेष अदालत में पेश की जिसके आधार पर कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड तथा अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
सीबीआई ने विशेष अदालत में कोयला ब््लॉक आवंटन से जुड़े एक मामले में अपनी अंतिम जांच रिपोर्ट पेश कर दी जिस पर 11 मार्च को सुनवाई होगी। इस मामले में पूर्व कोयला सचिव पी सी पारख, हिंडाल्को और अन्य कथित तौर पर संलिप्त हैं।
३१ दिसंबर की रात गुजरात में पोरबंदर तट के निकट पाकिस्तानी बोट विस्फोट मामले में कोस्ट गार्ड के डीआईजी बीके लोशाली के खुलासे और फिर खंडन ने पाकिस्तान को भारत को घेरने का मौका दे दिया। इस बीच सरकार ने लोशाली को कारण बताओ नोटिस दे दिया है।
पेट्रोलियम मंत्रालय के दो कर्मचारियों सहित पांच लोगों को कथित रूप से गोपनीय सरकारी दस्तावेज को कुछ निजी सलाहकारों और उर्जा कंपनियों को लीक करने के आरोप में गिरफ्तारी के बाद से यह सवाल उठने लगा है कि किसने और क्यों यह दस्तावेज चोरी किया है।