बिहार विधानमंडल के समवेत सत्रा में आज राज्यपाल केशरी नाथ त्रिापाठी के अभिभाषण और उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार के विश्वास मत हासिल करने के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी सदन से अनुपस्थित रहे। वह विधानसभा सचिवालय के जवाब का इंतजार कर रहे हैं कि उन्हें असंबद्ध घोषित किए जाने के बाद उनपर व्हिप लागू होगा।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विश्वासमत हासिल कर लिया। पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी गुट के विधायकों ने भी विधायकी जाने के डर से नीतीश कुमार का साथ दिया। विश्वासमत प्रस्ताव के पक्ष में 140 वोट पड़े जबकि विरोध में कोई मत नहीं पड़ा।
बिहार की राजनीति अभी गर्म लावा की तरह है। जिसकी आंच दिल्ली तक जा रही है। राजनीति के कई माहिर खिलाड़ी आने वाले चुनाव को लेकर रणनीति बनाने में लगे हैं। ऐसे में बिहार के पूर्व मुक्चयमंत्री जीतन राम मांझी की भूमिका सभी दलों के लिए चुनौती है। मांझी इतिहास के छात्र रहे हैं, उन्हें अतीत की समझ है। वे जानते हैं राजनीति के लिए इतिहास का होना जरुरी है। इतिहास में दलितों की ञ्चया जगह रही है उसे वे बार बार याद दिलाते हैं। मांझी जानते हैं दलित होने के क्या फायदे और नुकसान हैं। मांझी से कई मुद्दों पर आउटलुक के लिए निवेदिता ने बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश-
राजनीतिक उठापटक के बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने नई पार्टी का गठन कर दिया। इसके साथ राज्य में नई सियासत के सूत्रधार भी बन गए हैं। मांझी की नई पार्टी बनाए जाने के बाद से माना जा रहा है कि जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल के कई असंतुष्ट नेता जुड़ सकते हैं।
बिहार में भारतीय जनता पार्टी की जीतनराम मांझी को बचाने की रणनीति बुरी तरह से फ्लाप हो गई। अंतत: बाजी नीतीश कुमार ने मारी और एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री पर आसीन हो गए।
विभिन्न मंत्रालयों से गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने के मामले में पेट्रोलियम मंत्रालय एक और सख्त कदम उठाते ही जल्द ही कुछ अधिकारियों-कर्मचारियों को मंत्रालय से हटा सकता है। इस मामले में कॉर्पोरेट घरानों के साथ कई गिरोहों की संलिप्तता और उनके उजागर होते कारनामों से सवाल उठने लगा है कि इसके पीछे असली खिलाड़ी कौन है? क्योंकि असल खिलाड़ी को लेकर रहस्य बना हुआ है।
बिहार विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने जीनत राम मांझी के विश्वासमत के दौरान लिए गए अपने फैसलों को सही, संवैधानिक तथा नियमानुकूल ठहराते हुए आज कहा कि यदि मांझी ने उनकी वजह से इस्तीफा दिया है तो वे स्वयं को सौभाग्यशाली मानते हैं।
बिहार की राजनीति में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के इस्तीफे से सियासी घमासान में नया मोड़ आ गया है। आज विधानसभा में शक्ति प्रदर्शन होना था, जिसके जरिये यह तय होना था कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा। बिहार विधानसभा अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर दी गई।
बिहार में भारतीय जनता पार्टी ने भले ही दलित वोटों को अपने पक्ष में मोड़ने के लिए जीतन राम मांझी के पक्ष में खड़े होने का फैसला लिया हो मगर देश में दलितों की सबसे बड़ी नेता मानी जाने वाली मायावती ने इस कदम के लिए भाजपा और मोदी पर करारा हमला बोला है।