व्यापमं की जांच आखिरकार सीबीआई के पास पहुंच गई। अब तक करीब 45 जानों की लील चुके इस घोटाले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित राज्यपाल तक घिरे हैं। पिछले कुछ दिनों में जिस तेजी से घटनाक्रम बदला है, उससे साफ है कि मध्यप्रदेश की सियासत में भारी उथल-पुथल होनी है।
व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अर्जी पर हाईकोर्ट ने कोई आदेश नहीं दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि जब इस मामले में पहले ही सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई जांच की अपील की जा चुकी है जिस पर नौ जुलाई को सुनवाई होनी है इसलिए इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही हाईकोर्ट अपना रूख तय करेगा। हाईकोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई 20 जुलाई को करेगा।
व्यापमं घोटाले को लेकर खड़े हुए विवाद को लेकर विपक्ष से कड़े प्रहार का सामना कर रहे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को दिल्ली पहुंचे। बताया जा रहा है कि चौहान दिल्ली प्रवास के दौरान भाजपा के बड़े नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। मीडिया से बातचीत में शिवराज ने इस्तीफा देने की खबरों से इंकार किया।
कैग की एक रिपोर्ट में सेंसर बोर्ड द्वारा वर्ष 2012-15 के दौरान कई शर्तों की अवहेलना के लिए और किसी कानून या प्रावधान पर ध्यान दिए बिना ही 172 ए श्रेणी की कई फिल्मों को यूए श्रेणी में डाले जाने तथा यू श्रेणी की 166 फिल्मों को यूए श्रेणी में डाले जाने की आलोचना की है। यह जानकारी एक आरटीआई के जवाब में मिली है।
अब व्यापमं के जरिये भर्ती हुई एक ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर की कथित खुदकुशी का मामला सामने आया है। हालांकि, पुलिस इस मामले को पति के साथ अनबन से जोड़कर देख रही है। लेकिन पिछले तीन दिनों के अंदर व्यापमं से जुड़ी इस तीसरी मौत ने मध्य प्रदेश की राजनीति में हड़कंप मचा दिया है। व्यापमं घोटाले से जुड़ी मौतों पर सफाई देते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हर मौत को व्यापमं से जोड़कर देखना ठीक नहीं है।
व्यापमं घोटाले में मध्य प्रदेश के राज्यपाल राम नरेश यादव की मुश्किलें बढ़ सकती है। इस घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता के आधार पर उन्हें पद से हटाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। राज्यपाल राम नरेश यादव के बेटे शैलेश यादव की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। वह व्यापमं घोटाले में अभियुक्त थे।
भाजपा के नवनियुक्त महासचिव एवं मध्यप्रदेश के नगर प्रशासन एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने टीवी पत्रकार अक्षय सिंह की आदिवासी बहुल झाबुआ जिले में हुई मौत को कथित तौर पर मजाक में लेकर नया विवाद पैदा कर दिया है। कुछ दिन पहले भाजपा नेता बाबू लाल गौड़ के एक बेतुके बयान को लेकर काफी हंगामा हुआ।