उत्तर प्रदेश सरकार ने आज एक विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी जो अच्छे ब्याज सहित रकम लौटाने का वायदा कर निवेश आकर्षित करने वाली वित्तीय संस्थानों में निवेशकों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
केंद्र सरकार को आज राज्यसभा में विपक्षी दलों में फूट डालकर खान और खनिज विधेयक तथा कोयला खनन विधेयक पारित करवाने में सफलता मिली। ये दोनों विधेयक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारपोरेट विकास के लिए बहुत अहम थे और इन्हें पारित कराना उनके लिए बड़ी चुनौती भी थी।
काफी विवादों और तकरार के बाद खान एवं खनिजों के मामले में राज्यों को और अधिक अधिकार देने वाले चर्चित विधेयक को राज्यसभा की मंजूरी मिल गई। कांग्रेस एवं वाम दलों को छोड़कर अधिकतर पार्टियों ने इसका समर्थन किया जबकि जदयू ने यह कह कर वाकआउट किया कि वह इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनना चाहता है।
भूमि अधिग्रहण विधेयक को राजनीतिक रंग नहीं देने का आग्रह करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्ना हजारे सहित विभिन्न नेताओं को किसी भी मंच पर खुली चर्चा के लिए पत्र लिखा है और राष्ट्रहित में इसे पारित कराने में सहयोग मांगा है।
मोदी सरकार ने संसद में भूमि अधिग्रहण विधेयक को पारित कराने के लिए सारी शक्ति झोंक रखी है। अलग-अलग मंत्रियों को इसके लिए विपक्ष को राजी करने की जिम्मेदारी सौंप रखी है।
भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ विपक्षी नेताओं का संसद से राष्ट्रपति भवन तक विरोध मार्च शांतिपूर्ण सम्पन्न हुआ। पुलिस को मार्च को इजाजत नहीं देने का अपना आदेश वापस लेने को बाध्य होना पड़ा। विपक्ष ने मार्च के बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की।
भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर कांग्रेस ने आक्रामक रूख अख्तियार कर लिया है। पार्टी ने भूमि अधिग्रहण विधेयक को किसान विरोधी करार दिया। प्रधानमंत्री के खिलाफ किसान विरोधी नरेन्द्र मोदी नारा लगाते हुये वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, राज बब्बर, रणदीप सुरजेवाला, सचिन पायलट और युवा कांग्रेस के अमरिंदर सिंह राजा बरार के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया।
भूमि अधिग्रहण विधेयक के विरोध में बिहार में सत्ताधारी पार्टी जदयू के राज्यव्यापी आंदोलन के तहत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तर्ज पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का 24 घंटे का सत्याग्रह और उपवास पटना स्थित जदयू मुख्यालय में शनिवार सुबह से शुरू हो गया है।
अमेरिका की एक शीर्ष कारोबारी संस्था ने भारत में बीमा कानून (संशोधन) विधेयक को मंजूरी मिलने की प्रशंसा करते हुए कहा है कि इस तरह के कानून से निवेश को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार पैदा होंगे और वित्तीय स्थिरता आएगी।