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Search Result : "खुद संसाधन"

उच्‍च शिक्षा पर एक नया संकट

उच्‍च शिक्षा पर एक नया संकट

उच्च शिक्षा या शिक्षा मात्र विचारहीनता के संकट से गुजर रही है। अभी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सारे केन्द्रीय विश्वविद्यालयों को फरमान जारी किया है कि वे चयन आधारित क्रेडिट व्यवस्था वाले पाठ्यक्रम 2015-16 से लागू करें। यह एक असाधारण आदेश है। विश्वविद्यालयों में क्या पढ़ाया जाएगा, क्या नहीं, यह तय करना आयोग के अधिकार-क्षेत्र से बाहर है। फिर भी, न सिर्फ उसने यह हुक्म जारी किया है, बल्कि अपने वेबसाईट पर उसने अनेक विषयों के पाठ्यक्रम बनाकर लगा भी दिए हैं। विश्वविद्यालयों को कहा गया है कि वे इन्हें तुरंत लागू करें। इनमें बीस प्रतिशत की हेर-फेर करने की छूट उन्हें है। यह अभूतपूर्व है और विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता में सीधा हस्तक्षेप है। मज़ा यह है कि आयोग यह नहीं बता रहा कि आखिर ये पाठ्यक्रम तैयार किन्होंने किए हैं! स्वाभाविक है कि उसके इस कदम का शिक्षकों की ओर से कड़ा विरोध हो रहा है।
नगालैंड में न्याय खुद किया जाता है- उर्मिला चनम

नगालैंड में न्याय खुद किया जाता है- उर्मिला चनम

भारत के संदर्भ में बात करें तो दुनिया भर में दो मामले सुर्खियों में हैं। पहला बीबीसी की इंडियाज डॉटर डॉक्यूमेंट्री पर पाबंदी और दूसरा नगालैंड के दीमापुर में बलात्कार के आरोपी की सरेआम हत्या कर उसकी लाश चौराहे पर टांगना। दीमापुर वाले प्रकरण पर आउटलुक ने नॉर्थ ईस्ट में महिला मुद्दों पर काम कर रहीं एक्टिविस्ट उर्मिला चनम से बात की। पेश है चनम से बातचीत के अंश-
नीति आयोग में ईरानी

नीति आयोग में ईरानी

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को नीति आयोग में जगह क्या मिली दबे जुबान में विरोध के स्वर उठने लगे।
केजरी के खिलाफ खुद उतरे मोदी

केजरी के खिलाफ खुद उतरे मोदी

चुनावों की घोषणा के साथ ही दिल्ली में सियासी पारा चढ़ गया है। दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की चुनौती को भारतीय जनता पार्टी इतनी गंभीरता से ले रही है
आखिर क्या करेगा नीति आयोग?

आखिर क्या करेगा नीति आयोग?

हर ओर से यही सवाल उठ रहे हैं कि यह आयोग आखिर करेगा क्या? इसके अधिकारों और काम-काज के दायरे को अब तक परिभाषित नहीं किया गया है और फिलहाल इसे सिर्फ थिंक टैंक के रूप में लिया जा रहा है।
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