सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने रूस के दूसरे सबसे बड़े तेल क्षेत्र वेंकोर में 15 प्रतिशत हिस्सेदारी 1.3 अरब डालर में खरीदने का समझौता किया है।
वित्त मंत्रालय 30 जून को समाप्त पहली तिमाही के लिए पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री करने वाली कंपनियों को केरोसिन के लिए।,300 करोड़ रुपये की नकदी सब्सिडी का उपलब्ध कराएगा लेकिन एलपीजी सब्सिडी के बारे में बाद में फैसला किया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की लगातार गिरती कीमत के बीच शुक्रवार को होने वाली समीक्षा बैठक में पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्य में कटौती का फैसला हो सकता है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के मुताबिक, भारतीय बास्केट के लिए कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत 53.17 डॉलर प्रति बैरल चल रही है और इस लिहाज से देखा जाए तो पेट्रोल की कीमत 4-5 रुपये प्रति लीटर तक कम हो सकती है।
गर्मियों के मौसम में फिटनेस का जितना बुखार चढ़ता है उतना किसी और मौसम में नहीं चढ़ता। सर्दियों में गुनगुनी रजाई से बाहर निकलने का मन नहीं करता, बारिश में भीगते हुए कौन दौड़ने जाएगा का प्रश्न उठ खड़ा होता है। ऐसे में यही एक मौसम बचता है जिसमें सभी को लगता है कि जितना व्यायाम करना है इसी मौसम कर लें और पूरे साल के लिए फिट हो जाएं। फिटनेस का ऐसा जुनून आप पर भी है तो जरा गौर फरमाएं।
बाजार तरह-तरह के फास्ट फूड से अटे पड़े हैं। रेडीमेट रोटियों से लेकर रेडी-टू-ईट दाल-सब्जी। स्नैक्स का तो अंत नहीं। लेकिन सभी के बीच लोकप्रियता का जो सिंहासन मैगी को मयस्सर था वह किसी और को नहीं। मैगी में हानिकारक सीसा की मात्रा ज्यादा होने की खबर क्या आई, 1300 करोड़ का मैगी का बाजार धड़ाम से औंधे मुंह गिर गया। ऐसे में कुछ लोगों की भावनाएं आहत हुईं तो किसी ने मैगी से जुड़ी यादें ताजा कीं। किसी ने चुटकले बना डाले तो किसी को इसके पीछे राजनीति लगी। कई लोग इस विवाद के पीछे बाबा रामदेव की मैगी लांच होने की अटकलें लगा रहे हैं। अचानक से सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर स्वास्थ्यवर्धक जानकारियों का भी रेला आ गया-
दो हफ्ते के अंदर पेट्रोल और डीजल की कीमते दूसरी बार बढ़ गई हैं। शुक्रवार आधी रात से पेट्रोल सवा तीन और डीजल 3.13 रुपए औऱ डीजल 2.71 रुपये महंगा हो गया है।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा है कि तेल एवं गैस उत्खनन करने वाली ओएनजीसी और ऑयल इंडिया जैसी सरकारी कंपनियों का शुद्ध मार्जिन कच्चे तेल के दामों में कमी के कारण घट गया है, लिहाजा उन पर वित्तीय बोझ कम किया जाना चाहिए।