करदाताओं के विरोध को देखते हुए वित्त मंत्रालय ने नए आयकर रिटर्न फार्म जारी किए हैं। इनमें विदेश यात्राओं और निष्क्रिय बैंक खातों की जानकारी देने के विवादास्पद प्रावधानों को हटा दिया है। आयकर रिटर्न अब 31 अगस्त तक भरा जा सकेगा।
आईआईटी मद्रास ने अंबेडकर-पेरियार स्टडी सर्किल नाम के एक छात्र समूह पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस समूह के खिलाफ मानव संसाधन विकास मंत्रालय को अज्ञात शिकायत मिली थी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नफरत फैलाने और दलित छात्रों को लामबंद करने के आराेप लगाए गए हैं।
पर्यावरण से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्था ग्रीनपीस इंडिया को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। संस्था के दो खातों पर लगी रोक हट गई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने संस्था को इन खातों के जरिए घरेलू चंदा लेने और इनके इस्तेमाल की छूट दी है।
उच्च शिक्षा या शिक्षा मात्र विचारहीनता के संकट से गुजर रही है। अभी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सारे केन्द्रीय विश्वविद्यालयों को फरमान जारी किया है कि वे चयन आधारित क्रेडिट व्यवस्था वाले पाठ्यक्रम 2015-16 से लागू करें। यह एक असाधारण आदेश है। विश्वविद्यालयों में क्या पढ़ाया जाएगा, क्या नहीं, यह तय करना आयोग के अधिकार-क्षेत्र से बाहर है। फिर भी, न सिर्फ उसने यह हुक्म जारी किया है, बल्कि अपने वेबसाईट पर उसने अनेक विषयों के पाठ्यक्रम बनाकर लगा भी दिए हैं। विश्वविद्यालयों को कहा गया है कि वे इन्हें तुरंत लागू करें। इनमें बीस प्रतिशत की हेर-फेर करने की छूट उन्हें है। यह अभूतपूर्व है और विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता में सीधा हस्तक्षेप है। मज़ा यह है कि आयोग यह नहीं बता रहा कि आखिर ये पाठ्यक्रम तैयार किन्होंने किए हैं! स्वाभाविक है कि उसके इस कदम का शिक्षकों की ओर से कड़ा विरोध हो रहा है।
किसी कंपनी या संस्थान में काम करने वाले कर्मचारी अब पांच साल पहले अपनी भविष्य निधि (पीएफ) राशि नहीं निकाल सकते यदि वह राशि 30 हजार रुपये से अधिक है। ऐसा करने वाले कर्मचारियों को 10 प्रतिशत से लेकर 34.608 प्रतिशत की दर से स्रोत पर कर (टीडीएस) देना होगा।
बैंक खातों पर रोक और रजिस्ट्रेशन निलंबन के खिलाफ हाईकोर्ट ने ग्रीनपीस इंडिया की याचिका मंजूर कर ली है। इस मामले में हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय और कई बैंकों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
ग्रीनपीस इंडिया की कार्यकर्ता प्रिया पिल्लई के पासपोर्ट से आधिकारिक तौर पर ऑफलोड मुहर को हटा ली गई है। इसके साथ ही खुफिया ब्यूरो द्वारा जारी विवादास्पद ‘लूक आउट सर्कुलर’की कार्रवाई के बाद पिछले चार महीनों से जारी घटनाक्रम पर विराम लग गया है।