नियति की विडंबना देखिए कि लुइस बर्जर मामले में हाल में गिरफ्तार किए गए गोवा के पूर्व लोकनिर्माण विभाग मंत्री चर्चिल अलेमाओ को उसी जेल में रखा गया है, जिसकी कभी उन्होंने आधारशिला रखी थी।
सत्ता, कानून और न्यायालय से क्या आज भी देश के आम नागरिक और समाज के आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति को न्याय की उम्मीद बंधती है? क्या उसके मौलिक अधिकार समाज के सुविधा संपन्न और रसूखदारों की तरह सुरक्षित हैं? कानूनों के संदर्भ में जब हम आजादी की बात करें तो इस पहलू की गहराई से विवेचना होनी चाहिए। समाज में, नीति-निर्धारकों में जो दो फाड़ है, वह कानून की दुनिया में भी साफ दिखाई देता है।
भारत राष्ट्र के धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर केंद्र की मौजूदा सरकार यह कहकर सवाल खड़ी कर रही है कि संविधान की प्रस्तावना से 'धर्मनिरपेक्षता’ और 'समाजवाद’ जैसे शब्दों को हटा देना चाहिए। इस बहस से हालांकि सरकार को मजबूरन अपने कदम पीछे खींचने पड़े लेकिन यह मान लेना एक बड़ी भूल होगी कि यह विवाद ठंडा पड़ चुका है।
मद्रास उच्च न्यायालय ने कथित अवैध टेलीफोन एक्सचेंज मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन की अंतरिम अग्रिम जमानत रद्द की। न्यायमूर्ति एस वैद्यनाथन ने मारन को तीन दिन के अंदर सीबीआई के समक्ष आत्मसमर्पण करने को कहा।
गोवा के पूर्व लोकनिर्माण विभाग मंत्री चर्चिल अलेमाओ को लुइस बर्जर रिश्वत मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है। अलेमाओ को बुधवार रात करीब साढ़े दस बजे वरका गांव स्थित उनके आवास से ले जाया गया और मध्यरात्रि को अधिकारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस अधीक्षक (अपराध शाखा) कार्तिक कश्यप ने गिरफ्तारी की पुष्टि की लेकिन इसके अलावा कोई जानकारी देने से इन्कार कर दिया।
उच्चतम न्यायालय ने गुजरात में 2002 के दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार मामले की कार्यवाही पूरी करने के लिए अहमदाबाद की अदालत को आज तीन महीने की और मोहलत दे दी। नरसंहार की इस घटना में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी सहित 68 व्यक्ति मारे गये थे।
लुईस बर्जर रिश्वत मामले में गिरफ्तारी की आशंका के चलते गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत ने स्थानीय अदालत में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दिया है। इस मामले में अपराध शाखा कामत से दो बार पूछताछ कर चुकी है।
भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनी को ऑस्ट्रेलिया में मिली कोयला खनन की मंजूरी वहां की एक अदालत ने रद्द कर दी है। करीब 16.5 अरब डॉलर की यह खनन परियोजना पर्यावरण संबंधी विवादों में बुरी तरह फंसी है।