प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान नक्सलियों ने सुकमा जिले में लगभग 500 ग्रामीणों को अगवा कर लिया है। लेकिन इस घटना पर परस्पर विरोधी दावे सामने आ रहे हैं।
मध्य प्रदेश के महान जंगल इलाके के अमिलिया में महान संघर्ष समिति ने लोकतंत्र महोत्सव मनाया। इस मौके पर ग्रामीणों ने भूमि अधिग्रहण के खिलाफ विशाल जनसभा की और भूमि अधिग्रहण विधेयक की प्रतियां फाड़ीं। सभा में सरकार की तरफ से महान जंगल को कोयला खदान के लिये आंवटित नहीं करने के निर्णय को लोकतंत्र की जीत बताया गया।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंन्द्र सिंह ने कहा कि भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर सियासत नहीं होनी चाहिए। उन्होने कहा कि सरकार भूमि अधिग्रहण विधेयक पर विपक्षी पार्टियों के साथ आम सहमति बनाने की एक और कोशिश कर सकती है और फिर से अध्यादेश भी जारी कर सकती है।
गिरिलाल जैन के सुस्त युग के ठीक पहले शुरू होने वाले और अर्णब के स्वच्छंद युग में समाप्त होने वाले अपने कॅरियर में विनोद मेहता ने उल्लेखनीय कामयाबी पाई वह भारत की अंग्रेजी पत्रकारिता को एक हलकापन देने के साथ-साथ उसमें गंभीरता भी लाए।
निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता का पालन भारतीय राजनीतिक, सामाजिक तथा आर्थिक परिस्थितियों में सदा कठिन रहा है। महात्मा गांधी, तिलक या पराड़र और गणेश शंकर विद्यार्थी के युग से तुलना करना उचित नहीं होगा, लेकिन आजादी के बाद भारतीय पत्रकारिता में अलग तरह की चुनौतियां रही हैं। इस दृष्टि से विनोद मेहता ने पिछले 42 वर्षों में भारतीय पत्रकारिता में नए प्रयोगों के साथ निष्पक्ष एवं प्रोफेशनल मानदंड स्थापित किए।
देश के गांवों को पत्रकारिता के केंद्र में लाने के लिए मशहूर पत्रकार पी. साइनाथ ने एक पहल की है। उन्होंने ग्रामीण पत्रकारिता के अपने वर्षों के अनुभव के बाद एक वेबसाइट शुरू की है। वेबसाइट का नाम है- परी (पीपल्स आर्काइव ऑफ रूरल इंडिया) यानी ग्रामीण भारत का जन संग्रहालय। इस वेबसाइट का वेब पता है- http://www.ruralindiaonline.org/