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Search Result : "छोटे व्यापारी"

अध्ययन में दावा, साल 2050 तक खत्म हो सकती हैं 70 लाख नौकरियां

अध्ययन में दावा, साल 2050 तक खत्म हो सकती हैं 70 लाख नौकरियां

दिल्ली की एक संस्था ने देश में रोजगारों के अवसर पर किए गए अध्ययन के आधार पर दावा किया है कि साल 2050 तक देश में 70 लाख रोजगार समाप्त हो जाएंगे। अध्ययन में कहा गया है कि ऐसा नए रोजगार के अवसरों का सृजन नहीं होने औप पूराने अवसरों के समाप्त होते जाने की वजह से होगा।
आतंक की तरह कर्ज बुरा या अच्छा

आतंक की तरह कर्ज बुरा या अच्छा

भारतीय बैंक दोधारी तलवार पर चल रहे हैं। कर्ज दिए बिना न वे सफल हो सकते हैं और न ही बड़े पैमाने पर उद्योग-व्यापार बढ़ सकते हैं। दूसरी तरफ कर्ज लेकर करोड़ों रुपया हजम कर जाने पर उनकी जिम्मेदारी भी फिक्स हो रही है।
काले धन के लिए छोटे व्यापारियों पर निशाना साध रही है मोदी सरकार: दिग्विजय

काले धन के लिए छोटे व्यापारियों पर निशाना साध रही है मोदी सरकार: दिग्विजय

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार काला धन बाहर निकालने के नाम पर छोटे व्यापारियों और कारोबारियों पर निशाना साध रही है।
मंत्री महेश शर्मा की सलाह, विदेशी महिला पर्यटक छोटे कपड़े-स्कर्ट नहीं पहनें

मंत्री महेश शर्मा की सलाह, विदेशी महिला पर्यटक छोटे कपड़े-स्कर्ट नहीं पहनें

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने भारत आने वाली विदेशी महिला पर्यटकों को ख़ुद की सुरक्षा के लिए छोटे कपड़े और स्कर्ट नहीं पहनने की सलाह दी है। उन्होंने इन महिलाओं को रात में अकेले बाहर नहीं निकलने की सलाह भी दी है।
चरखा से विश्व विजय की उड़ान | आलोक मेहता

चरखा से विश्व विजय की उड़ान | आलोक मेहता

इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दुनिया के सबसे लंबे चरखे का अनावरण मंगलवार को हुआ। चरखा महात्मा गांधी के आदर्शों-विचारों के साथ भारत के सर्वांगीण विकास और सद्भावना का प्रतीक है।
सरकार की नई नीति की कैंची से छोटे अखबारों का होगा मुंह बंद

सरकार की नई नीति की कैंची से छोटे अखबारों का होगा मुंह बंद

केंद्र सरकार की नई विज्ञापन नीति की गाज छोटे-मध्यम अखबारों पर गिर रही है। अगर इनकी आवाज अनसुनी की गई तो इनका बंद होना तय है। नतीजा यह होगा कि स्थानीय-सामाजिक मुद्दे उठाने वाले इन अखबारों के दफ्तरों पर ताला जड़ जाएगा और इस कारोबार से जुड़े लाखों लोग बेरोजगारी की दहलीज पर आ जाएंगे।
चर्चा: छोटे पर्दे पर धार बिना तलवारबाजी। आलोक मेहता

चर्चा: छोटे पर्दे पर धार बिना तलवारबाजी। आलोक मेहता

मीडिया के कुछ लोगों को तो पूर्वाग्रही कहा जा सकता है और प्रतियोगी भाव कि प्रधानमंत्री ने अर्णब गोस्वामी को ही पहले इंटरव्यू के लिए क्यों चुना? हम जैसे पत्रकार मानते हैं कि यह अर्णब गोस्वामी की बड़ी सफलता है, जो प्रधानमंत्री को अपने चैनेल को इंटरव्यू के लिए तैयार कर सके। इसी तरह नरेंद्र मोदी ने भी पुराने ढर्रे को त्यागकर दूरदर्शन अथवा लोक सभा, राज्य सभा टी.वी. चैनलों के बजाय एक निजी चैनल को इंटरव्यू देने का फैसला कर नया अध्याय जोड़ा। यूं उनकी सरकार दावा यही करती है कि प्रसार भारती के दूरदर्शन चैनल की पहुंच दूरदराज के गांवों सहित देश के हर कोने में है, जहां निजी अंग्रेजी चैनल तो क्या हिंदी चैनल की पहुंच भी नहीं है।
इस साल देश के छोटे शहर टेस्‍ट मैचों से होंगे गुलजार

इस साल देश के छोटे शहर टेस्‍ट मैचों से होंगे गुलजार

धर्मशाला और रांची समेत छह नये टेस्ट केंद्र भारतीय क्रिकेट टीम के सितंबर में न्यूजीलैंड सीरीज से शुरू होने वाले व्यस्त घरेलू सत्र के दौरान पहली बार पांच दिवसीय मैचों की मेजबानी करेंगे। भारतीय टीम का आगामी सत्र में काफी व्यस्त अंतरराष्टीय कार्यक्रम है, जिसमें बीसीसीआई ने 13 टेस्ट, आठ एक दिवसीय अंतरराष्टीय और तीन टी20 अंतरराष्टीय मैच शामिल किये हैं। बीसीसीआई सचिव अजय शिर्के ने एक बयान में कहा कि राजकोट, विजाग, पुणे, धर्मशाला, रांची और इंदौर को पिछले साल नवंबर में टेस्ट केंद्र के रूप में अपग्रेड किया गया, जो पहली बार पांच दिवसीय मैचों की मेजबानी करेंगे।
चर्चाः ‘चीयर्स’ सरकार के नाम | आलोक मेहता

चर्चाः ‘चीयर्स’ सरकार के नाम | आलोक मेहता

आईपीएल क्रिकेट में ‘चीयर्स गर्ल्स’ का आकर्षण जुड़ा होता है। इससे दर्शकों में उत्साह दुगुना होता है। इस बार आईपीएल से ज्यादा ‘चीयर्स शो’ बड़े-बड़े नेता, मंत्री, मुख्यमंत्री, अफसर, व्यापारी जोर-शोर से कर रहे हैं।
चर्चाः काले धन के एक रास्ते पर पहरा | आलोक मेहता

चर्चाः काले धन के एक रास्ते पर पहरा | आलोक मेहता

भारत में काला धन आने-जाने के एक बड़े रास्ते पर अब पहरे की पहल हुई है। वर्षों से मॉरीशस के साथ ऐतिहासिक संबंधों के कारण करों में बड़ी रियायत की एक टैक्स संधि के प्रावधान का दुरुपयोग कई कंपनियों द्वारा किया जा रहा था। व्यापारी ही नहीं बड़े अफसर और नेता भी अपने रिश्तेदारों के नाम पर करोड़ों रुपयों का लेन-देन कर रहे थे।
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