सरकारी बैंक भारी डूबत कर्ज के बोझ से दबे हुए हैं। 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष तक उनका सकल एनपीए 2.67 लाख करोड़ रुपये था जो पूरे बैंकिंग उद्योग के एनपीए का 86 प्रतिशत बैठता है।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) को एक बड़ी राहत मिल गई है। सरकार द्वारा नियुक्त एक समिति ने एफआईआई पर पिछली तारीख से विवादास्पद न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) लगाने का कोई मामला नहीं बनता है। बताया जाता है कि सरकार इस सुझाव पर सकारात्मक रख के साथ विचार कर रही है।
देश की सबसे बड़ी सरकारी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसीएल) की 10 प्रतिशत हिस्सेदारी सोमवार को बेचकर सरकार ने 9500 करोड़ रुपये जुटाने का फैसला किया है।
सरकार के सुधारों के एजेंडे को रोकने में राज्यसभा की भूमिका की बात करने वाले वित्त मंत्री अरुण जेटली के बयान के लिए कांग्रेस ने आज उनसे माफी मांगने को कहा। कांग्रेस ने कहा है कि संविधान और संसद को पुन: परिभाषित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
प्रसिद्ध निर्देशक आर. बाल्की का फिल्म बनाने का अलग ढंग है। उसी तरह है उनका फिल्मों को अलग तरह के नाम देना। इस बार बाल्की अमिताभ और जया बच्चन को लेकर एक फिल्म बना रहे हैं। नाम रखा है, की एंड का। अब इस नाम के मायने तो फिल्म देख कर ही समझ में आएंगे।
श्रम कानूनों में सुधार के प्रस्तावों पर श्रम संगठनों के कड़े विरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि श्रम कानूनों में जरूरी सुधार किए जाएंगे मगर ये सुधार श्रम संगठनों के परामर्श और उनकी सहमति से ही होंगे। प्रधानमंत्री ने यहां 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह बात कही।
सरकार पर 'किसान विरोधी' होने का दाग लगवाकर भी भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव की जिद्द पर अड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यही मुद्दा नीतिगत मोर्चे पर शिकस्त दे रहा है। बुधवार को हुई नीति आयोग की बैठक में तकरीबन साफ हो गया कि केंद्र सरकार संसद के जरिये भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव की आस छोड़कर राज्यों को अपने कानून बनाने के लिए प्रेरित करेगी। हालांकि, मोदी सरकार से यह प्रेरणा लेने के लिए केवल 16 मुख्यममंत्री मौजूद थे। यानी भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव की कवायद पूरे देश के बजाय अब एनडीए शासित राज्यों तक सिमट जाएगी। लेकिन इसके खतरे भी कम नहीं हैं।
आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लगभग एक लाख रुपये के बिजली बिल पर विपक्षी दलों खासा हंगामा मचाया था। लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई कैबिनेट मंत्रियों और कई अन्य खास नेताओं का बिजली बिल मुख्यमंत्री के बिजली बिल से कई गुना ज्यादा है।