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उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों को किया सर्वाधिक भुगतान- राजेंद्र चौधरी

उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों को किया सर्वाधिक भुगतान- राजेंद्र चौधरी

उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार ने कहा है कि गन्ना किसानों को प्रदेश सरकार ने सर्वाधिक भुगतान किया है। आउटलुक के 1 से 15 फरवरी के अंक में गन्ना किसानों की बदहाली को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है जिसमें किसानों ने अपना गुस्सा जाहिर किया है।
किसान की लाठी नहीं है अब गन्ना

किसान की लाठी नहीं है अब गन्ना

एक दौर था जब प्रदेश के किसान नकदी फसल गन्ने को अपनी लाठी मानते थे। सूबे की 124 चीनी मिलें सूरसा के मुंह जैसी खेतों की ओर ताकती रहती थीं और दिन रात गन्ने की ही फरमाईश करती थीं मगर अब यह लाठी जैसे टूट गई है और 'सुरसा’ भी न जाने कहां बिला गई है। प्रदेश में गन्ने की फसल को राजनीति का ऐसा घुन लगा है कि खेत, फसल और किसान सब चौपट हो रहे हैं। आलम यह है कि गन्ना उगाने की लागत सवा तीन सौ रुपए क्विंटल आ रही है मगर किसान को मिल रहे हैं मात्र 280 रुपए। वह भी रुला-रुलाकर।
चीनी मिलों को राहत और किसानों की मुसीबत

चीनी मिलों को राहत और किसानों की मुसीबत

केंद्र सरकार गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य बढ़ाने की बजाय चीनी मिलों को ब्या‍ज मुक्त‍ कर्ज, एक्स‍पोर्ट ड्यूटी में राहत और एथनॉल पर एक्सा‍इज ड्यूटी में छूट जैसी रियायतें देने वाली केंद्र सरकार ने अब चीनी मिलों को फायदा पहुुंचाने का नया रास्ता निकाला है। अब गन्ना किसानों को सरकार की ओर सीधे सब्सिडी दिए जाने की पहल की जा रही है जो गन्ना किसानों का ध्यान उनके बकाया भुगतान और पिछले कई साल से नहीं बढ़े दाम से हटाने की साजिश है।
चर्चाः किसान को सरकारी छतरी। आलोक मेहता

चर्चाः किसान को सरकारी छतरी। आलोक मेहता

‘मेरी छतरी के नीचे आ जा’ और ‘नहीं भूलेंगे यह बरसात की रात’ जैसे गीत सिनेमा के पर्दे और रेडियो पर मन मोह लेते हैं। प्रेम-विरह में भी बरसात, पहाड़, रेगिस्तान के दृश्य दिल-दिमाग को द्रवित करते हैं।
राहुल का तंज, किसानों के आंसू भी देख लें मोदीजी

राहुल का तंज, किसानों के आंसू भी देख लें मोदीजी

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। उत्तर प्रदेश के सूखाग्रस्त बुंदेलखंड इलाके के महोबा में पदयात्रा के दौरान उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को न सिर्फ उद्योगपतियों के बारे में बल्कि भोजन उपलब्ध कराने वाले किसानों और मजदूरों के बारे में भी सोचना चाहिए ।
गन्ना किसानों के मुद्दे पर आंदोलन तेज करेगी भाकियू

गन्ना किसानों के मुद्दे पर आंदोलन तेज करेगी भाकियू

उत्‍तर प्रदेश में गन्‍ना के उचित दाम और किसानों के बकाया भुगतान का मुद्दा जोर पकड़ता जा रहा है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने राज्‍यव्‍यापी अांदोलन तेज करने की चेतावनी दी है। कई दिनों के भाकियू के कार्यकर्ता मुजफ्फरनगर समेत यूपी के कई जिलों में धरना-प्रदर्शन पर बैठे हैं।
धन ही नहीं है

धन ही नहीं है

सरकार के सबसे बड़े प्रचार तंत्र दूरदर्शन के पास धन ही नहीं है। खबर है कि तीन महीने से दूरदर्शन सहित कई सरकारी चैनलों के लिए कोई धनराशि नहीं मिली है। यहां तक की दूरदर्शन के महानिदेशक का पद भी खाली पड़ा है।
सरकार से जवाब मांग रही एक यात्रा

सरकार से जवाब मांग रही एक यात्रा

‘जवाबदेही यात्रा जवाब पूछे रे, बोलों क्यूं नि रे?’ यह बोल उस गीत के हैं जो एक अनूठी यात्रा के तहत गाया जा रहा है। इन दिनों राजस्थान में सूचना एवं रोजगार का अधिकार अभियान के बैनर तले यह यात्रा निकाली जा रही है। गीतों के जरिये सरकार से सवाल किए जा रहे हैं। जवाबदेही मांगी जा रही है। इस यात्रा का सरकार से सवाल है कि वह बनी तो जनता के लिए है लेकिन सही तरीके से काम नहीं होने की वजह से जवाबदेही तय क्यूं नहीं करती।
पंजाब के किसानों में इन दिनों बकरीपालन का जुनून

पंजाब के किसानों में इन दिनों बकरीपालन का जुनून

पंजाब में किसान खेती से जुड़े दूसरे कामों में रुचि ले रहे हैं। बीते कुछ सालों में यहां किसानों के बीच बकरी पालन लोकप्रिय हो रहा है। किसानों को इसका लाभ भी मिल रहा है। जिस वजह से आर्थिक तौर पर कमजोर किसान भी अब बकरी पालन में रुचि लेने लगे हैं।
गलतफहमी फैलाने के लिए जुकरबर्ग को भी 'किसान' ही मिला!

गलतफहमी फैलाने के लिए जुकरबर्ग को भी 'किसान' ही मिला!

भूखमरी और कंगाली के बीच खुदकुशी को मजबूर भारतीय किसानों की दस्‍तान पुरानी पड़ चुकी है। अब नई तस्‍वीर देखिए। देश के प्रमुख अखबारों के पहले पन्‍नों पर सपरिवार मुस्‍कुराता किसान। हाव-भाव से गरीब लेकिन चेहरे पर 'खुशहाल किसान' वाली चिर-परिचित स्‍माइल। बच्‍चा नंगे पांव लेकिन मुस्‍कान भरपूर। ये फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग का किसान है जो कृषि संकट भूल नेट निरपेक्षता की बहस को निपटज्ञने का मोहरा बन गया है। ये काम भारत का किसान ही कर सकता है।
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