Advertisement

Search Result : "जलवायु न्याय"

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्तीय और विकास निगम की अधिकृत शेयर पूंजी में बढ़ोतरी

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्तीय और विकास निगम की अधिकृत शेयर पूंजी में बढ़ोतरी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और विकास निगम (नेशनल शिड्यूल्ड कास्ट्स फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन –एनएसएफडीसी) की अधिकृत शेयर पूंजी 1000 करोड़ रुपये से बढ़ा कर 1200 करोड़ रुपये करने की मंजूरी दे दी गई।
बच्चों पर किया जुल्म तो मिलेगी सजा

बच्चों पर किया जुल्म तो मिलेगी सजा

बच्चों को अपराध से रोकने के साथ-साथ उन पर होने वाले जुल्म से बचाने के लिए किशोर न्याय अधिनियम लागू हो गया है। इसके तहत बच्चों से मारपीट करने पर अभिभावक को भी सजा का प्रावधान है।
बाल अपराध बढ़ाएगा किशोर (अ)न्याय विधेयक

बाल अपराध बढ़ाएगा किशोर (अ)न्याय विधेयक

आक्रोश और उन्माद हिंसा दे सकते हैं, न्याय नहीं, राज्यसभा में किशोर न्याय (बाल देखरेख एवं संरक्षण) विधेयक-2015 के पारित होने से यही बात फिर से साबित हुई है। उंन्‍मादित जनता बस 16 दिसंबर 2012 सामूहिक बलात्कार (निर्भया) के किशोर अपराधी का खून मांगने निकली थी, सरकार ने उसके दामन में देश भर के बच्चों को अपराधी बनाने का दाग भर दिया। जी हां, किशोर न्याय विधेयक का बर्बर बलात्कार और हत्यायों से कोई खास रिश्ता नहीं है। यह विधेयक किसी भी ‘जघन्य’ अपराध के आरोपी किशोरों के साथ व्यस्क अपराधियों सरीखा व्यवहार करने, उन पर वयस्क अदालतों में मुकदमा चलाने और उन्हें वयस्कों के लिए बनी जेल में भेजने का रास्ता खोलता है।
जुवेनाइल बिल पास, जघन्‍य अपराध में 16 साल के बालिग

जुवेनाइल बिल पास, जघन्‍य अपराध में 16 साल के बालिग

जुवेनाइल जस्टिस बिल आज राज्यसभा में पारित हो गया। नए कानून के जरिये जघन्य अपराध में नाबालिग को पुन: परिभाषित किया गया है। इस कानून के तहत जघन्य अपराधों में शामिल 16 वर्ष से 18 वर्ष की आयु के नाबालिगों को भी वयस्क मानकर मुकदमा चलाया जाएगा।
किशोर न्याय विधेयक राज्‍यसभा में जल्द पास करने पर जोर

किशोर न्याय विधेयक राज्‍यसभा में जल्द पास करने पर जोर

राज्यसभा में आज विभिन्न दलों के सदस्यों ने किशोर न्याय कानून में संशोधन के प्रावधान वाले विधेयक को जल्दी पारित किए जाने पर बल दिया। इसके कुछ देर पहले ही उच्चतम न्यायालय ने निर्भया मामले में नाबालिग दोषी की रिहाई के खिलाफ एक याचिका को खारिज कर दिया।
धरती बचाने की अधूरी इच्छा

धरती बचाने की अधूरी इच्छा

पेरिस समझौते में विकसित देशों के पक्ष में पलड़ा झुका हुआ है। जलवायु न्याय की बातें हैं, समता-समानता की चर्चा है लेकिन उसके लिए बाध्यकारी प्रावधान नहीं
नरम, गरम के पाटन से बचाइए पाकिस्तान नीति

नरम, गरम के पाटन से बचाइए पाकिस्तान नीति

पहले युद्ध और प्रेम में सबकुछ जायज ठहराया जाता था। अब आर्थिक-व्यापारिक हित शायद सबकुछ जायज कर देते हैं, यहां तक कि युद्ध और प्रेम को भी। बल्कि इनके बारे में यू-टर्न को भी। अच्छा हुआ कि अपने घरेलू जनाधारों में उबाल भरने के लिए दिखावे के जंगी स्वांग में भड़काऊ बयानबाजी के घोड़ों पर सवार भारत और पाकिस्तान की हुकूमतों ने अपनी भड़काऊ बयानबाजी के ऊंचे घोड़ों से उतरकर एक-दूसरे से पहले पेरिस में प्रधानमंत्री के स्तर पर, फिर क्रमश: बैंकॉक और इस्लामाबाद में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों और विदेशी मंत्रियों के जरिये एक-दूसरे से बातचीत शुरू करने के लिए हाथ मिलाया।
ऐतिहासिक जलवायु समझौते को मंजूरी, जानिए इसकी खास बातें

ऐतिहासिक जलवायु समझौते को मंजूरी, जानिए इसकी खास बातें

दुनिया को जलवायु परिवर्तन के खतरे से बचाने के लिए विश्‍व के 196 देशों के बीच पेरिस में ऐतिहासिक हो गया है। लंबी खींचतान और विचार-विमर्श के बाद भारत, चीन, अमेरिका समेत छोटे-बड़े तमाम देश इस समझौते पर राजी हुए। इसमें धरती के तापमान में बढ़ोतरी को 2 डिग्री सेल्सियस से काफी नीचे रखने का लक्ष्‍य रखा गया है।
जलवायु समझौते का नया मसौदा जारी, लेकिन अहम मुद्दे अनसुलझे

जलवायु समझौते का नया मसौदा जारी, लेकिन अहम मुद्दे अनसुलझे

जलवायु परिवर्तन पर एेतिहासिक समझौते की समय सीमा से दो दिन पहले वार्ताकारों ने एक नया और छोटा मसौदा जारी किया है जिसमें सभी महत्वपूर्ण प्रगतियों और मतभेदों को शामिल किया गया है। हालांकि यह मसौदा भी जटिल मुद्दों पर मतभेदों को दूर करने में नाकाम रहा है।
मानवाधिकार दिवसः दुनिया में सभी को भर पेट रोटी मिले और सामाजिक न्याय हो

मानवाधिकार दिवसः दुनिया में सभी को भर पेट रोटी मिले और सामाजिक न्याय हो

आज विश्व मानवाधिकार दिवस के मौके पर विश्व खाद्य कार्यक्रम के भारत में कार्यकारी निदेशक डॉ. हमीद नूरू ने कहा कि उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके में भुखमरी से जूझ रहे लोगों के लिए जल्द कार्यक्रम लॉन्च किए जाएंगे। नूरु का कहना है कि मानवाधिकारों में अहम है कि सारी दुनिया में सभी को भर पेट खाना मिले। फिर वह चाहे किसी भी धर्म, जाति, देश का हो। यहां तक कि वह आतंकवादी हो या न हो, इससे फर्क नहीं पड़ता लेकिन भोजन मिलना उसका मूलभूत अधिकार है। नुरु विश्व मानवाधिकार दिवस के मौके पर इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूम्न राइट्स की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
Advertisement
Advertisement
Advertisement