किसान कर्ज माफी मामले के बाद एक बार फिर मध्य प्रदेश सुर्खियों में आ गया है। इस बार प्रदेश के चर्चा में बने रहने की वजह कोई और नहीं बल्कि सरकारी मंडियों में बदइंतजामी का आलम है।
डाकुओं की शरणस्थली, बीहड़ और पिछड़ेपन से ग्रस्त चंबल का इलाका अब दूसरी वजहों से भी जाना जाएगा। हाल ही में पांच नदियों के संगम स्थल पंचनदा पर जन-संसद का आयोजन करने वाले, अवाम का सिनेमा के सर्वेसर्वा शाह आलम यहां देश के महान फोटोग्राफर रहे पद्मश्री-पद्मविभूषण से सम्मानित सुनील जाना की याद में 'सुनील जाना स्कूल ऑफ़ फोटोग्राफी' खोलने जा रहे हैँ।
गरीबी में आटा गीला होने जैसी कहावतों को तो अक्सर चरितार्थ होते हुए देखा है, लेकिन जो गरीब व्यक्ति भोजन जुटाने में असमर्थ हो और उसके पास गीला होने के लिए आटा भी न हो तो वह अपना पेट भरने के लिए किसका सहारा लेगा। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रहने वाले महमूद बट ऐसी ही समस्या का सामना कर रहे हैं, जिन्होंने अपना पेट भरने के लिए पत्तियों और टहनियों का सहारा लिया है।
अवाम का सिनेमा ने तय किया है कि छोटे कस्बों, दूरदराज के गांवों में गुमनामी में पड़े क्रांतियोद्धाओं की कहानियां दुनिया के फलक पर दस्तावेजों के साथ लायी जाएगी। 2006 में शाह आलम और उनके हमख्याल चंद साथियों के जरिए शुरू की गई इस मुहिम ने दस बरस पूरे कर लिए हैं। इस कड़ी में अयोध्या में अवाम का सिनेमा16 से 19दिसंबर, 2016 तक चार दिवसीय फिल्म फेस्टिवल एवं क्रांतिकारी स्मृति महोत्सव आयोजित कर रहा है।
बांग्लादेश में एक साइबर कैफे के मालिक को इस महीने की शुरआत में हिंदू मंदिरों और हिन्दुओं के घरों पर हुए हमलों की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।