रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने ड़यूटी में लापरवाही करने वाले एक टीटीई को संस्पेड कर दिया हैा अंबाला रेलवे स्टेशन में लाेगों ने सुरेश प्रभु को ट्वीट कर टीटीई की शिकायत की तो कुछ ही मिनट में इसका असर दिख गया। प्रभु ने टीटीई को सस्पेंड करने के आदेश दे दिए।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे बेनी प्रसाद वर्मा ने कांग्रेस छोड़ फिर सपा का दामन थाम लिया। समाजवादी पार्टी में वापसी के लिए उन्होने राज्यसभा की सीट मांगी थी। जिसे पार्टी ने स्वीकार कर लिया।
मोदी सरकार द्वारा राज्यसभा में नामित किए गए सुब्रह्मण्यम स्वामी लंबे समय से गांधी परिवार को निशाना बना रहे हैं और राज्यसभा में अपनी नई पारी में भी उनके तेवर वैसे ही हैं। कांग्रेस के नेता उनके बयानों से लगातार असहज होते रहे हैं मगर अब बारी शायद खुद भारतीय जनता पार्टी की है।
रेल यात्री अब सिर्फ 139 पर डायल कर अपना आरक्षित टिकट रद्द करा सकते हैं। इसके लिए आपको 139 डायल कर टिकट का पीएनआर नंबर और ट्रेन नंबर जैसी जरूरी जानकारी देनी होगी।
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ समाजवादी पार्टी ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को राजधानी के कैंट सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
राजीव गांधी की कंप्यूटर क्रांति या नरेन्द्र मोदी-राहुल गांधी की डिजिटल क्रांति से दिख रही प्रगति को सलाम ही किया जाएगा। हां, राजीव युग में बदलाव के साथ नए-पुराने लोगों और टेक्नोलॉजी का समन्वय था। मोदीजी की डिजिटल क्रांति में सब कुछ बदला हुआ दिखना जरूरी है।
राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख अजित सिंह के बेटे और पूर्व सांसद जयंत चौधरी महागठबंधन बनने को लेकर काफी आशान्वित हैं। चौधरी ने आउटलुक से बातचीत में महागठबंधन की रणनीति को लेकर खुलकर बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश-
जेएनयू विवाद को लेकर आज आरोप-प्रत्यारोप का दौर उस वक्त तेज हो गया जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि वह राष्ट्रविरोधियों का समर्थन कर रहे हैं और भारत का एक और बंटवारा चाहते हैं। वहीं राहुल ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा बांटने और नफरत फैलाने के एजेंडा पर अमल कर रही है।
डिजिटल इंडिया का नारा आकर्षक है। रिक्शे वाला और सब्जी विक्रेता अथवा दूर-दराज काम कर रहे मजदूर के पास भी मोबाइल फोन पहुंच गया है। सरकार गौरव के साथ कहने लगी है कि देश में एक सौ करोड़ मोबाइल फोन लोगों के हाथों में दिखने वाले हैं। इस क्रांति से लोगों को सुविधा हो रही है, लेकिन धीरे-धीरे सरकार और निजी कंपनियां गरीब लोगों की जेब अधिक खाली करने लगी है।