हाल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी किए गए एक नोटिफिकेशन में उन लोगों के लिए आधार जरूरी कर दिया है जो तपेदिक (टीबी) के इलाज के सरकार की ओर से टीबी उन्मूलन के लिए चलाई जा रही स्कीमों में कैश बेनिफिट लेते थे। राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम के रिवाइज्ड कार्यक्रम में बताया गया है कि अब आधार जरूरी होगा।
यूपी सरकार बेशक वीआईपी कल्चर की खात्मे के दावे करती रही हो लेकिन सरकार के मंत्रियों का मोह इससे छूटता दिखाई नहीं दे रहा है। वीपीआई कल्चर के चलते ही लखनऊ के अस्पताल में मरीजों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है। मामला था मंत्री के साथ एमआरआई रूम में पिस्टल के साथ गनर के जबरन जाने का। अब खामियाजा भुगतना पड़ा रहा है मरीजों को। लाखों का गैर जरूरी खर्च आएगा सो अलग। आखिर इसके लिए किसकी जबावदेही होगी।
भारत में अगले दो दशकों में ड्रग-रेसिस्टेंट ट्युबरक्युलोसिस (क्षय रोग) के मामलों में इजाफा होने का खतरा मंडरा रहा है। ये दरअसल टीबी का बिगड़ा रूप है जिसमें इस बीमारी के बैक्टीरिया पर दवाएं असर नहीं करतीं। प्रतिष्ठित चिकित्सा पत्रिका लैंसेट में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार देश में वर्ष 2040 तक इस बीमारी के 10 में से एक मामले ड्रग रेसिस्टेंट टीबी के हो सकते हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज केंद्र और एक स्थानीय टीबी अस्पताल से पूछा कि क्या वह गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीज को वह नयी दवा उपलब्ध करा सकता है जो बाजार में उपलब्ध नहीं है और सिर्फ दवा निर्माता द्वारा ही जिसकी आपूर्ति की जा सकती है।
गुजरात के गांधीनगर अपोलो अस्पताल में एक डॉक्टर पर डेंगू मरीज के साथ बलात्कार करने का आरोप लगा है। डॉक्टर की इस करतूत में अस्पताल के वॉर्ड बॉय ने भी मदद की। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। डेंगू के चलते कमजाेर हो चुकी महिला के साथ यह शर्मनाक घटना सोमवार रात को हुई।