संयुक्त राष्ट्र डाक प्रशासन ने समलैंगिक महिलाओं, समलैंगिक पुरूषों, द्विलिंगी और ट्रांसजेंडर लोगों के अधिकारों के समर्थन में छह नए डाक टिकट जारी किए हैं।
राजस्थान के रहने वाले नकुल शर्मा काफी परेशान हैं। इस दफा उन्हें संसद से काफी उम्मीद थी कि धारा 377 से संबंधी विधेयक पर जरूर कुछ न कुछ होगा। आखिरकार सर्वोच्च न्यायालय ने गेंद संसद के पाले में डाली है। लेकिन कांग्रेसी नेता शशि थुरूर का विधेयक पटल तक पर नहीं आ सका। इस संबंध में नकुल शर्मा की परेशानी यह है कि वह गे यानी समलैंगिक हैं। उनका कहना है कि उन्हें लैंगिक अल्पसंख्यक का दर्जा चाहिए। अपनी कहानी के जरिये नकुल बताते हैं कि बलात्कार सिर्फ मर्द औरत के बीच नहीं होता है बल्कि उनके जैसे असंख्य लोगों के साथ होता है तो कोई कानून नहीं है जो उन्हें न्याय दिलवा सके।
धारा 377 पर संसद में चर्चा तक नहीं हो सकी। भाजपा सांसदों ने विधेयक टेबल तक नहीं होने दिया। गौरतलब है कि गत दिवस लोकसभा में कांग्रेस नेता शशि थरूर ने धारा 377 संशोधन विधेयक पेश किया था। विधेयक को लोकसभा में हार का सामना करना पड़ा। इस विधेयक के खिलाफ 71 और पक्ष में कुल 24 वोट डले। इस दिन को लेस्बियन, गे, बाईसेक्सुअल एंड ट्रांसजेंडर (एलजीबीटी) समुदाय ने काला दिवस बताया।
अभी तक वे अधिकार जो समानता देते हैं और मानवाधिकारों को महफूज करते हैं वे महिलाओं और पुरुषों के लिए हैं। उनमें ट्रांसजेंडर कम शामिल हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की नालसा जजमेंट के तहत इनके अधिकार परिभाषित किए गए थे लेकिन इनके अनुसार सब कागजों में हैं। वर्ष 2014 में ट्रांसजेंडर्स के अधिकार सुनिश्चित करता एक निजी बिल भी राज्यसभा में पेश किया था। यह बिल डीएमके के राज्यसभा सदस्य तिरुचि सिवा ने पेश किया था। राज्यसभा ने इसे पारित भी कर दिया था। अब यह बिल लोकसभा में पेश होना है लेकिन ट्रांसजेंडर समुदाय इसके खिलाफ है। कर्नाटक ट्रांसजेंडर समिति के बैनर तले इस बिल के मौजूदा रूप की मुखालफत हो रही है।
केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि वह (संघ लोक सेवा आयोग) यूपीएससी परीक्षाओं में ट्रांजेंडरों को शामिल करने के लिए नियम नहीं बना सकता क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने अभी तीसरे लिंग की परिभाषा स्पष्ट नहीं की है।
अमेरिका में हो रहे स्वास्थ्य सम्मेलन में अमृता पहली ट्रांसजेंडर हैं जो शिरकत करेंगी। वह वहां इस समुदाय की स्वास्थ्य परेशानी पर रोशनी डालेंगी। वह कहती हैं हमें समाज से बस थोड़ा सा प्यार और सम्मान चाहिए
जाने माने जादूगर पी. सी. सरकार की बेटी मुमताज अपनी आगामी फिल्म में महिला ट्रांसजेंडर की भूमिका निभा रही हैं और पहली बार किसी बांग्ला फिल्म में ऐसे विषय को उठाया जा रहा है।
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में लगभग पांच लाख ट्रांसजेंडर हैं। हालांकि इनकी गिनती इससे कहीं ज्यादा है। इनके अधिकारों की बात करें तो तमिलनाडु राज्य में इन्हें सबसे अधिक अधिकार प्राप्त हैं।