हाल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी किए गए एक नोटिफिकेशन में उन लोगों के लिए आधार जरूरी कर दिया है जो तपेदिक (टीबी) के इलाज के सरकार की ओर से टीबी उन्मूलन के लिए चलाई जा रही स्कीमों में कैश बेनिफिट लेते थे। राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम के रिवाइज्ड कार्यक्रम में बताया गया है कि अब आधार जरूरी होगा।
यूपी सरकार बेशक वीआईपी कल्चर की खात्मे के दावे करती रही हो लेकिन सरकार के मंत्रियों का मोह इससे छूटता दिखाई नहीं दे रहा है। वीपीआई कल्चर के चलते ही लखनऊ के अस्पताल में मरीजों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है। मामला था मंत्री के साथ एमआरआई रूम में पिस्टल के साथ गनर के जबरन जाने का। अब खामियाजा भुगतना पड़ा रहा है मरीजों को। लाखों का गैर जरूरी खर्च आएगा सो अलग। आखिर इसके लिए किसकी जबावदेही होगी।
डेंगू व चिकनगुनिया के बढते कहर को देखते हुए एनजीटी ने दस वकीलों को नियुक्त किया है। यह वकील स्थानीय आयुक्त की भूमिका निभाएंगे तथा डेंगू के खतरे के साथ जांच और बचाव की तैयारी की रिपोर्ट सौपेंगे।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज केंद्र और एक स्थानीय टीबी अस्पताल से पूछा कि क्या वह गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीज को वह नयी दवा उपलब्ध करा सकता है जो बाजार में उपलब्ध नहीं है और सिर्फ दवा निर्माता द्वारा ही जिसकी आपूर्ति की जा सकती है।
राजस्थान के आईएएसई विश्वविद्यालय सरदारशहर और श्री भंवरलाल डूगड़ आयुर्वेद विश्वभारती संस्थान ने संयुक्त रूप से राजधानी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में शिविर लगाकर डेंगू व चिकनगुनिया के मरीजों की मुफ्त जांच की और उन्हें संबंधित दवाएं भी निःशुल्क वितरित की गईं।
हिमाचल के जंगलों से निकलकर शहर तक फैलने वाली नई बीमारी स्क्रब टाइफस से अब तक 24 लोगों की जान चली गई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 855 से ज्यादा लोग इसके संक्रमण में है। इसके लक्षण डेंगू और चिकनगुनिया की तरह हैं और इसी के चलते लोगों में आमतौर पर इसका पता लगाना और भी मुश्किल हो जाता है। यह बीमारी घास में मौजूद पिस्सुओं के काटने से होती है।