एक गरिमामय समारोह में डॉ. सुनीता जैन को उनकी कृति क्षमा के लिए 25वां व्यास सम्मान प्रदान किया गया। डॉ. जैन ने क्षमा के माध्यम से तुलसीदास-रत्नावली के संबंधों का मार्मिक वर्णन किया है।
प्रख्यात लेखिका डॉक्टर सुनीता जैन के काव्य संग्रह क्षमा को साल 2015 के प्रतिष्ठित व्यास सम्मान के लिए चुना गया है। उनके इस कविता संग्रह का प्रकाशन साल 2008 में हुआ था।
संगीत सरहदें नहीं जानती, जाति, धर्म और बंटवारा नहीं मानती। पत्तों-पत्तों, हवाओं के रेशों-रेशों, बादलों के रुनझुन सी बूंदों में, हर रंगों की झलकियों में प्रतिपल ध्वनियां प्रवाहित होती हैं।