प्रियंका चोपड़ा के पहले अमेरिकी टीवी धारावाहिक क्वांटिको को बढ़िया प्रतिक्रिया मिल रही है। उनके काम को मिल रही सराहना को देखते हुए उन्हें खुशी भी है और वह अपने पिता को मिस भी कर रही है।
प्रकाश झा की फिल्म गंगाजल में अजय देवगन ने रंग जमा दिया था। अब इसी गंगाजल का दूसरा भाग बन कर तैयार है। फिल्म का पोस्टर जारी हुआ है जिसमें आंखों में आंसू और भिंचे हुए जबड़े के साथ पुलिस की वर्दी में प्रियंका चोपड़ा दिख रही है। प्रियंका पहली नजर में एक ताकतवर और मजबूत छवि वाली आईपीएस अधिकारी लग रही हैं।
आम आदमी पार्टी ने शनिवार को एक बड़ा फैसला करते हुए अपने दो सांसदों को निलंबित कर दिया। पंजाब से आने वाले इन दोनों सांसदों को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में निलंबित किया गया है। लेकिन यह भी सच है कि इन दोनों सांसदों को योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण का करीबी माना जाता था। और यही कारण है कि पार्टी में काफी दिनों से इन पर कार्रवाई की चर्चा चल रही थी।
गणित के कठिन सवालों के बीच गोदान का होरी भी जिंदगी के जवाब खोजता है। रसायन के सूत्र भले भूल जाएं मगर चंदर का सुधा भूल जाना अखरता है। प्रकाश के परावर्तन का नीरस सिद्धांत सुनील के केस को सुलझाते ही सरस लगने लगता है। ब्लैक बोर्ड पर अल्फा, बीटा, गामा के बीच निर्मला, चोखेरबाली और राग दरबारी भी धमाचौकड़ी मचाते हैं। अमूमन घरों में होशियार बच्चे विज्ञान पढ़ते हैं। विज्ञान में भी लड़के गणित और लड़कियां जीव विज्ञान पढ़ती हैं। जब कोर्स की किताबें ही साल में खत्म करना मुश्किल हो तो कहानी-कविताएं, उपन्यास पढ़ने के लिए किसके पास वक्त है। गणित लेने के बाद अर्जुन की आंख की तरह बस एक ही लक्ष्य है, आईआईटी। विज्ञान पढ़ रहे बच्चों के माता-पिता को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से कम कुछ भी गवारा नहीं है। मोटी-मोटी किताबों, सुबह से शाम तक चलने वाली कोचिंग क्लासों के बीच इंजीनियर बनने का सपना पलता है। ऐसे में साहित्य की कौन सोचे। पढ़ाई के दौरान साहित्य पढऩा समय की बर्बादी है और लिखना... इसके बारे में तो सोचना भी मत।
शाहरूख खान की आने वाली फिल्म फैन का टीजर पोस्टर एसआरके यूनिवर्स के ट्वीटर अकाउंट पर आने के बाद शाहरूख खान ने इसे रीट्वीट किया है। शाहरूख के प्रशंसकों को इस फिल्म का लंबे समय से इंतजार है।
वैसे तो नायिकाओं की खास ऊंगली में यदि अंगूठी दिख जाए तो हंगामा हो जाता है। इस बार भी हंगामा तो है मगर इतना ज्यादा नहीं। हालांकि चर्चा में एक खास अंगूठी ही है।
मधुर भंडारकर सामाजिक विषयों में मनोरंजन और व्यावसायिकता का तड़का लगा कर फिल्में बनाना पसंद करते हैं। चांदनी बार से लेकर फैशन तक उन्होंने किसी न किसी उद्योग को आधार बना कर काम किया है। इस बार वह कैलेंडर पर दिखने वाली खूबसूरत बालाओं पर फिल्म बना रहे हैं।
यदि दिल ऐसे ही धड़कता है तो फिर भगवान ही बचाए। जोया अख्तर (निर्देशक) यदि इस फिल्म का नाम दिमाग बंद रहने दो रखतीं तो एकदम बढ़िया रहता। जोया को समझना चाहिए कि कलाकारों का जमघट भर लगा देने से कोई फिल्म हिट नहीं हो जाती।