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डेरा प्रमुख के छह सुरक्षा गार्ड, दो समर्थकों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज, आईजी को मारा था थप्पड़

डेरा प्रमुख के छह सुरक्षा गार्ड, दो समर्थकों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज, आईजी को मारा था थप्पड़

रेप केस में गुरमीत राम रहीम के दोषी करार दिए जाने के बाद गिरफ्तारी के समय राम रहीम के छह सुरक्षा गार्ड और दो समर्थक आईजी से उलझ पड़े। इसके बाद शनिवार को डेरा समर्थकों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया।
देशद्रोह मामला: जेएनयू के 30 छात्राेें को जांच में शामिल होने का नोटिस

देशद्रोह मामला: जेएनयू के 30 छात्राेें को जांच में शामिल होने का नोटिस

दिल्ली पुलिस ने जवाहरलाल नेेेेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) को एक नोटिस देकर 30 छात्रों को देशद्रोह के कथित नारे लगाने के मामले की जांच में शामिल होने को कहा है।
सिमी सरगना नागौरी समेत 11 को उम्र कैद

सिमी सरगना नागौरी समेत 11 को उम्र कैद

मध्य प्रदेश में इंदौर की अदालत ने आज को प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के सरगना सफदर हुसैन नागौरी समेत 11 आरोपियों को देशद्रोह के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। नागोरी पर 2008 में विभिन्‍न शहरों में हुए एक के बाद एक धमाकों का मास्‍टरमाइंड होने का आरोप था। 26 जुलाई, 2008 को किए गए धमाकों में 57 लोगों की जान गई थी।
विरोध दबाने के लिए देशद्रोह कानून का इस्तेेमाल करती है मोदी सरकार : एमनेस्टी

विरोध दबाने के लिए देशद्रोह कानून का इस्तेेमाल करती है मोदी सरकार : एमनेस्टी

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने आज भारत सरकार द्वारा अपने आलोचकों को चुप कराने के लिए औपनिवेशिक काल के राजद्रोह कानून का इस्तेमाल करने को लेकर उसकी आलोचना की।
जेएनयू: कन्हैया सहित 20 छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी

जेएनयू: कन्हैया सहित 20 छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी

जेएनयू प्रशासन ने कथित देशद्रोह के मामले में आरोपी कन्हैया कुमार और उमर खालिद सहित 20 विद्यार्थियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। विश्वविद्यालय ने छात्रों से कुछ दिन पूर्व प्रशासनिक भवन में कुलपति और अन्य अधिकारियों को अवैध रूप से बंधक बनाए जाने के लिए स्पष्टीकरण मांगा है।
'सरकार की आलोचना पर देशद्रोह या मानहानि का आरोप नहीं लगाया जा सकता'

'सरकार की आलोचना पर देशद्रोह या मानहानि का आरोप नहीं लगाया जा सकता'

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि सरकार की आलोचना करने पर किसी पर देशद्रोह या मानहानि के मामले नहीं लगाए जा सकते। जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने कहा, 'यदि कोई सरकार की आलोचना करने के लिए बयान दे रहा है तो वह देशद्रोह या मानहानि के कानून के तहत अपराध नहीं लाया जा सकता। हमने स्पष्ट किया है कि आईपीसी की धारा 124 (ए) को लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पहले के एक फैसले के अनुसार कुछ दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।'
देशद्रोह के मुक़दमे चलाने में कोई दल पीछे नहीं

देशद्रोह के मुक़दमे चलाने में कोई दल पीछे नहीं

फ़िल्म अभिनेत्री राम्या पर देशद्रोह की धाराओं में मुक़दमा दर्ज होने के बाद बेशक स्वयं राम्या और कांग्रेस के अन्य नेता केंद्र की एनडीए सरकार और भाजपा को कोस रहे हों मगर यह भी ज़मीनी हक़ीक़त है कि इस धारा इस्तेमाल करने में ख़ुद कांग्रेस भी कभी पीछे नहीं रही। भाजपा और कांग्रेस को ही क्यों दोष दें अन्य क्षेत्रीय दल भी अपने विरोधियों को निपटाने में इस क़ानून का जमकर प्रयोग कर रहे हैं ।
‘पाकिस्तान नरक नहीं’ कहना अभिनेत्रा राम्या को पड़ा भारी, देशद्रोह का मामला दर्ज

‘पाकिस्तान नरक नहीं’ कहना अभिनेत्रा राम्या को पड़ा भारी, देशद्रोह का मामला दर्ज

‘पाकिस्तान नरक नहीं है’ और ‘वहां के लोग भी हमारी ही तरह हैं’ जैसी टिप्पणी करने पर अभिनेत्री से नेता बनी राम्या विवादों में फंस गई हैं। कर्नाटक की एक अदालत में अर्जी देकर उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की गई है। शिकायतकर्ता का कहना है कि राम्या की टिप्पणी से भारतीय देशभक्तों का अपमान हुआ है। हालांकि राम्या ने कहा है कि उन्होंने कोई गलती नहीं की है इसलिए वह कतई माफी नहीं मांगेगीं।
मंत्री बनते ही आठवले ने मोदी सरकार को किया कटघरे में खड़ा

मंत्री बनते ही आठवले ने मोदी सरकार को किया कटघरे में खड़ा

आरपीआई सांसद रामदास आठवले ने मंत्री बनते ही सबसे पहले मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया। एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में आठवले ने कहा कि जवाहर लाल नेहरु विश्‍वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के साथ अन्याय हुआ। उन्होने कहा कि बिना वजह ही कन्हैया कुमार पर देशद्रोह का मामला बना दिया गया जबकि जो आरोप थे वे साबित नहीं हो पाए थे।
देशद्रोह के दो मामलों में हार्दिक पटेल को कड़ी शर्तों के साथ जमानत

देशद्रोह के दो मामलों में हार्दिक पटेल को कड़ी शर्तों के साथ जमानत

गुजरात उच्च न्यायालय ने पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को देशद्रोह के दो मामलों में शुक्रवार को जमानत दे दी और साथ ही यह शर्त लगाई कि उन्हें अगले छह महीने तक राज्य से बाहर रहना होगा। बहरहाल हार्दिक फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ सकते क्योंकि मेहसाणा जिले के विसनगर शहर में एक विधायक के कार्यालय में हिंसा का मामला भी उनके खिलाफ लंबित है।
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