सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आज कहा कि अपनी शिकायतों को व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले जवानों को सजा दी जा सकती है क्योंकि उनके इस कृत्य से देश की सीमाओं की रक्षा करने वालों का मनोबल गिरता है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के भारत के खिलाफ लगातार छद्म युद्ध करने के बावजूद हम नियंत्रण रेखा पर शांति बहाल करना चाहते हैं।
सेना के एक जवान समेत सुरक्षा बलों के कुछ जवानों द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी शिकायतें उठाने के बीच सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत ने आज सैनिकों से कहा कि अपनी बात देशभर के सेना मुख्यालयों में विभिन्न जगहों में रखी जाने वाली सुझाव-सह-शिकायत पेटिकाओं के माध्यम से सीधे उन तक पहुंचाएं।
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा जाति, धर्म, संप्रदाय के नाम पर वोट मांगे जाने को अवैध करार दिया। अब पांच राज्य विधान सभाओं का चुनावी बिगुल बज गया है। उम्मीदवार न सही वर्षों से जाति-धर्म के झंडे-डंडे लेकर चुनावी अखाड़े में शक्ति प्रदर्शन करने वाले आसानी से पीछे नहीं हटने वाले हैं।
अमेरिकी सेना ने खुद को अल्पसंख्यक धर्मो और संस्कृतियों के संदर्भ में अधिक समावेशी बनाते हुए हाल ही में एक नया नियमन जारी किया है। इस नियमन के जरिए सेना ने पगड़ी, हिजाब पहनने वाले या दाढ़ी रखने वाले लोगों को सेना में भर्ती होने की मंजूरी दे दी है।
वरिष्ठ अधिकारियों को दरकिनार कर बिपिन रावत को आर्मी चीफ बनाए जाने के सरकार के फैसले का रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने जोरदार ढंग से बचाव किया है। उन्होंने कहा है कि अगर वरिष्ठता पर ही फैसला करना होता तो रक्षा मंत्री का क्या काम होता, यह काम तो कंप्यूटर का होता। इस बीच सरकार ने संकेत दिया है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद अमेरिका की तर्ज पर नहीं होगा।
उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह जोखिम भरे इलाकों में सेना के लिए काम करने वाले सहायकों :पोर्टर: को बेहतर भुगतान, चिकित्सा सुविधा, बढ़ी हुई आर्थिक सहायता और सेवा से अलग होने की स्थिति में 50,000 रूपये की प्रस्तावित राशि से अधिक का अनुदान देने के लिए एक योजना तैयार करे।
पाकिस्तान ने शिवसेना, आरएसएस और विश्व हिंदूू परिषद को आतंकी संगठन करार दिया है। भारत ने इसका विरोध तो किया है लेकिन पाक के इरादे पर इसका कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा। और तो आैैर पाक ने मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने में असफल रहने पर भारत की कूटनीति की मजाक भी उड़ाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने आज एक बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर वोट मांगा जाना चुनाव कानून प्रावधान के तहत भ्रष्ट तरीका है। जनप्रतिनिधि कानून में भ्रष्ट तरीके को परिभाषित करने वाली धारा 123 (3) में इस्तेमाल शब्द उसका धर्म के संदर्भ में प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर और तीन अन्य न्यायाधीशों ने तीन के मुकाबले चार के बहुमत से फैसला सुनाते हुए कहा कि इसका यह अभिप्राय मतदाताओं, उम्मीदवारों और उनके एजेंटों आदि समेत सभी के धर्म और जाति से है।