धर्मनिरपेक्षता को लेकर उपराष्ट्रपति ने जताई चिंता
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा है कि धर्मनिरपेक्षता जीवन मूल्य और लक्ष्य के रूप में न सिर्फ हमारे संविधान में शामिल है बल्कि देश की सर्वोच्च अदालत ने भी इसे संविधान के मूल ढांचे में शामिल किया है जिसे बदला नहीं जा सकता। इसके बावजूद इसके अर्थ और व्यावहारिक निहितार्थ को लेकर एक संदेह की स्थिति बनी रहती है।