देश के संवैधानिक प्रमुख की हैसियत से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राजधानी दिल्ली में गहराते संवैधानिक संकट को देखते हुए अब और निष्क्रियता और चुप्पी की आरामतलबी गवारा नहीं कर सकते। केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना और आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के उसके खिलाफ विधान सभा का सत्र बुलाने के निर्णय से केंद्र और दिल्ली सरकार का टकराव अब उस कगार पर पहुंच गया है कि बिना न्यायपालिका या राष्ट्रपति जैसी उच्च संवैधानिक संस्थाओं की पंचायती के किसी परिपक्व संवैधानिक हल की उम्मीद नहीं।
केंद्र सरकार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर एक बार फिर पलटवार किया है। केजरीवाल के हमले के एक दिन बाद ही केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने आज कहा कि आप नेता बस ड्रामा चाहते हैं जबकि राजग सरकार शासन में यकीन करती है।
दिल्ली के अफसरों की लगाम किसके हाथ में रहेगी, इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार और उप राज्यपाल के बीच टकराव तेज होता जा रहा है। बुधवार को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया और आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ने दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग इंडस्ट्री पर निशाना साधा है। सिसौदिया का कहना है कि ईमानदार अफसरों की नियुक्ति से ट्रांसफर इंडस्ट्री चलाने वाले लोगों को दर्द हो रहा है। इस मसले में उन्होंने रिटायर्ड आईएएस अफसरों को भी आड़े हाथों लिया है।
दिल्ली के संवैधानिक संकट के मसले पर आज केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मिलेंगे। अगर आज भी यह मामला नहीं सुलझा तो दिल्ली का संवैधनिक संकट और गहरा जाएगा। उधर दिल्ली सरकार और अफसरों के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है। इस बीच दिल्ली सरकार ने संकेत दिए हैं कि अगर अफसरों की मनमानी और केंद्र सरकार का दखल ऐसा ही रहा तो सरकार विशेषज्ञों की राय से सरकार चला सकती है।
उपराज्यपाल के खिलाफ अपनी जंग को अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ले जाते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को उनसे कहा कि शहर की सरकार को स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाए।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार और उपराज्यपाल के बीच विवाद गहराता जा रहा है। मुख्यमंत्री अपनी ताकत दिखाना चाह रहे हैं तो उपराज्यपाल अपनी। इस जोर-आजमाइश के खेल में अधिकारियों को मोहरा बनाया जा रहा है। दोनों ही तरफ से आदेश जारी किए जा रहे हैं। जिससे लेकर दिल्ली में संवैधानिक संकट खड़ा होता दिख रहा है। दिल्ली सरकार ने संविधान विशेषज्ञों से भी राय लेनी शुरू कर दी है।
दिल्ली में उपराज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच जंग तेज हो गई है। सोमवार को इस टकराव ने और भी गंभीर रूप ले लिया। आम आदमी पार्टी की सरकार ने कार्यवाहक मुख्य सचिव के रूप में शकुंतला गामलिन की नियुक्ति का आदेश जारी करने वाले अफसर अनिंदो मजूमदार के कार्यालय पर ताला जड़ दिया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उप राज्यपाल की ओर से नियुक्त कार्यवाहक मुख्य सचिव शकुंतला गैमलिन पर बिजली कंपनियों के लिए लॉबिंग के गंभीर आरोप लगाए हैं। केजरीवाल का कहना है कि वह 10 दिन तक गैमलिन के कामकाज पर नजर रखेंगे और कोई गलत काम नहीं होने देंगे।
दिल्ली के सत्ता प्रतिष्ठान में अपनी सर्वोच्चता साबित करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप राज्यपाल नजीब जंग के बीच का टकराव बढ़ता ही जा रहा है। टकराव के ताजा घटनाक्रम में मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने वरिष्ठ नौकरशाह शकुंतला गैमलिन से कहा है कि वह कार्यवाहक मुख्य सचिव का कार्यभार नहीं संभालें।