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Search Result : "निजी नौकरी"

एमपी में दबंग ने शवयात्रा का रोका रास्‍ता,तालाब से होते हुए श्‍मशान घाट पहुंची

एमपी में दबंग ने शवयात्रा का रोका रास्‍ता,तालाब से होते हुए श्‍मशान घाट पहुंची

मध्‍यप्रदेश में जबलपुर के पनागर के बिहर गांव में मानवता को शर्मसार करनेे वाला मामला सामने आया है। जिसके बाद भाजपा शासित इस राज्‍य की सामाजिक समरसता पर सवालिया निशान उठने लगे हैं। गांव में एक दबंग ने अपनी जमीन से शवयात्रा ले जाने की अनुमति नहीं दी। मजबूरन लोगों को तालाब के बीच चार फीट पानी से शव को श्‍मशान घाट तक ले जाना पड़ा। मुसबीत यहीं कम नहीं हुई बल्कि लोग जब श्मशानघाट पहुंचे तो वहां पर सरकार की जमीन पर धान बोया गया था। नतीजन शव का अंतिम संस्‍कार निजी जमीन पर किया गया।
स्मृति ईरानी को जेट एयरवेज ने नौकरी नहीं दी, कहा था व्यक्तित्व कुछ खास नहीं

स्मृति ईरानी को जेट एयरवेज ने नौकरी नहीं दी, कहा था व्यक्तित्व कुछ खास नहीं

केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि केबिन क्रू पद के लिए उनके आवेदन को जेट एयरवेज ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उनका व्यक्तित्व कुछ खास नहीं है।
क्या आप मोदी सरकार के लिए काम करना चाहते हैं? एप्‍लाई करें

क्या आप मोदी सरकार के लिए काम करना चाहते हैं? एप्‍लाई करें

क्या आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के लिए काम करना चाहते हैं? यदि हां तो सरकार अपने पोर्टल माईगॉव डॉट इन (www.mygov.in) के जरिए आपके लिए सुनहरा मौका लेकर आई है। यदि आप भारत के नागरिक हैं तो इन जॉब्स के लिए एप्लाई कर सकते हैं। सरकार को सीनियर लेवल और विशेषज्ञ स्तर के लिए अनुबंध (कॉन्ट्रैक्ट) पर लोग चाहिए।
हरियाणा ने साक्षी को 2.5 करोड़ का इनाम और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की

हरियाणा ने साक्षी को 2.5 करोड़ का इनाम और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की

रियो ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारत की महिला पहलवान साक्षी मलिक को हरियाणा सरकार ने 2.5 करोड़ रुपए और सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है। हरियाणा की साक्षी ने किर्गिस्तान की पहलवान एसुलू तिनिवेकोवा को 8-5 से हराकर इतिहास रच दिया। साक्षी इसके साथ ही ओलिंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई। उन्होंने कांस्य पदक उसी तरह जीता जैसे सुशील कुमार ने 2008 में पेइंचिंग ओलिंपिक में जीता था। 2012 लंदन ओलिंपिक में योगेश्वर दत्त ने भी रेपशाज के जरिए कांस्य अपने नाम किया था।
बुझ गया 'अध चानणी रात 'का सितारा

बुझ गया 'अध चानणी रात 'का सितारा

ज्ञानपीठ तथा पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित पंजाबी साहित्यकार प्रोफेसर गुरदयाल सिंह (83) का बठिंडा के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। सोशल मीडिया पर गुरुदयाल सिंह को कुछ इस प्रकार याद किया गया-
इलाहाबाद के स्कूल में राष्ट्रगान पर 12 सालों से पाबंदी, मैनेजर गिरफ्तार

इलाहाबाद के स्कूल में राष्ट्रगान पर 12 सालों से पाबंदी, मैनेजर गिरफ्तार

इलाहाबाद के एक स्कूल में राष्ट्रगान गाने पर पिछले बारह सालों से पाबंदी लगी हुई है। इस प्राइवेट स्कूल के स्टाफ ने इस बार के स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रगान की इजाजत मांगी तो प्रिंसिपल समेत नौ टीचर्स की नौकरी चली गई।
फ्रॉडः निजी विज्ञापन में मोदी की फोटो छाप दी बिल्डरों ने

फ्रॉडः निजी विज्ञापन में मोदी की फोटो छाप दी बिल्डरों ने

भोपाल के बिल्डरों ने अपने मकान बेचने के लिए अजीब कारनामा कर डाला। विज्ञापन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश की नगरीय प्रशासन मंत्री माया सिंह और भोपाल के महापौर का फोटो छापकर ये बताने की कोशिश की है कि ये मकान सरकार और बिल्डर मिलकर बेच रहे हैं।
बिहार: लालू ने नौकरियों में राज्य वासियों को 80 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की

बिहार: लालू ने नौकरियों में राज्य वासियों को 80 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की

राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने एक नया राजनीतिक पासा फेंकते हुए मांग की है कि देश के कई अन्य राज्यों की तरह बिहार वासियों को भी अपने प्रदेश की नौकरियों में 80 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि वह इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करेंगे।
पीएमओ ने खोबरागड़े को अठावले का निजी सचिव बनने से रोका

पीएमओ ने खोबरागड़े को अठावले का निजी सचिव बनने से रोका

हाल के मंत्रिमंडल विस्तार में महाराष्ट्र के दलित नेता और सांसद रामदास अठावले को सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री तो बनाया गया लेकिन निजी सचिव की फाइल प्रधानमंत्री कार्यालय ने लटका दी है। अठावले ने भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी देवयानी खोबरागड़े का नाम निजी सचिव के लिए भेजा था।
दाल-सब्‍जी-तेल को छोड़ो, मोदी के राज में शिक्षा भी हो गई महंगी

दाल-सब्‍जी-तेल को छोड़ो, मोदी के राज में शिक्षा भी हो गई महंगी

देश में पिछले दो सालों में खाने पीने की चीजों के दामों में बेेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। लोग इसका रोना भी रो रहे हैं। लेकिन रोजमर्रा के उपयोग की इन वस्‍तुओं के दामों में कोई कमी नहीं आई। इन सबके बीच शिक्षा पर भी महंगाई की मार पड़ी है। पिछले दो सालोंं में स्‍कूलों की फीस और शिक्षण सामग्री भी महंगी हुई है।
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