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यूपीएससी परीक्षा में लड़कियों ने मारी बाजी

यूपीएससी परीक्षा में लड़कियों ने मारी बाजी

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सन 2014 सिविल सर्विसेज परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए है। इस बार प्रावीण्य सूची में शुरुआती पांच में से चार लड़कियां है। इन लड़कियों में – पहले स्थान पर ईरा सिंघल, दूसरे पर रेनु राज, तीसरे पर निधि गुप्ता और चौथे स्थान पर वंदना राव ने कब्जा जमाया है। ईरा और निधि गुप्ता दोनों दिल्ली से हैं और वे दोनों ही भारतीय राजस्व विभाग में कार्यरत हैं।
अभिषेक की बेकारी के 15 साल

अभिषेक की बेकारी के 15 साल

बॉलीवुड में अभिेषेक बच्चन ने पंद्रह साल पूरे कर लिए हैं। इसके लिए उन्होंने अपने प्रशंसकों (यदि हैं तो) को धन्यवाद दिया है। हालांकि अभिषेक ने यह 15 साल ऐसे ही नहीं गंवाएं हैं, उनके खाते में युवा और गुरु जैसी फिल्में हैं।
सांसद निधि से स्वच्छ भारत मिशन चलाने का विरोध

सांसद निधि से स्वच्छ भारत मिशन चलाने का विरोध

स्वच्छ भारत मिशन में सांसद निधि के उपयोग के सुझाव का कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों ने जबर्दस्त विरोध किया जिसके बाद सरकार ने यह आश्वासन दिया कि इस बारे में अभी कोई निर्णय नहीं किया गया है।
जेपी दत्ता की फिल्म से अजित का बॉलीवुड में प्रवेश

जेपी दत्ता की फिल्म से अजित का बॉलीवुड में प्रवेश

शाहरुख खान, अक्षय कुमार, सिद्धार्थ मल्होत्रा जैसे कामयाब अभिनेताओं को बॉलीवुड भेजने वाले दिल्ली से एक और हीरो दस्तक देने को तैयार है और वो है अजित अहमद सोढ़ी। 6 फुट के अजित कद-काठी और अंदाज से पूरी तरह हीरो नजर आते हैं। अजित ‘जी भर के जी ले’ फिल्म में जेपी दत्ता की बेटी के साथ दिखने वाले हैं यह फिल्म मई में रिलीज होने जा रही है।
जन्तर-मन्तर पर फिर अन्ना आंदोलन

जन्तर-मन्तर पर फिर अन्ना आंदोलन

भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ अन्ना हजारे का आंदोलन जारी है। देश भर से किसान संगठनों का आना जारी है। आज शाम चार बजे तक जंतर-मंतर पर अन्ना को सुनने वालों की तादाद करीब पांच हजार थी। इससे पहले लोकपाल बिल के लिए जब अन्ना हजारे ने आंदोलन शुरू किया था तो उस आंदोलन ने देश की में राजनीति भूचाल ला दिया था। उस समय न केवल आंदोलन की गूंज दूर तक गई थी बल्कि अन्ना टीम के कई सदस्यों को राजनीति में पैर रखने के लिए नया फलक भी मिला। आज वे सदस्य राजनीति ने नए हीरो हैं। शायद इस दफा आंदोलन का कोई राजनीतिक फायदा न उठा सके इसके लिए अन्ना ने किसी को भी मंच सांझा नहीं करने दिया। मंच सिर्फ अन्ना और उनका निजी कामकाज देख रहे दत्ता अवारी ही थे।
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