बेतरतीब निर्माण ने बढ़ाया विनाश का दायरा, सही नियोजन से 90 फीसदी नुकसान रोका जा सकता था, जापान से कुछ भी नहीं सीखा, आने वाले दिनों में बड़े भकंपों की आशंका, धरती की चट्टानों में बढ़ रही ऊर्जा की हलचल
भूकंप ने नेपाल की अर्थव्यवस्था की रीढ़ समझे जाने वाले एवरेस्ट की कमर पर चोट की। ठीक एक साल बाद एवरेस्ट को फिर से आपदा ने घेरा। पिछली बार की ही तरह इस बार भी एवरेस्ट की चढ़ाई के चरम सीजन के दौरान आई आपदा दुनिया की सबसे ऊंची चोटी को गिरफ्त में लेने वाली अब तक की सबसे भयानक आपदा हो गई है।
बिहार के कोसी इलाके में तूफान की तबाही का मंजर अभी देख ही रहे थे कि अचानक पड़ोसी मुल्क नेपाल में आए भीषण भूकंप से यह पूरा इलाका ही थर्रा गया। सहरसा, पूर्णिया, सुपौल, मधेपुरा, कटिहार, अररिया आदि जिलों में तूफान के कहर के बाद यहां के लोगों को लग रहा था कि जन-जीवन सामान्य हो रहा है
नेपाल भूकंप आपदा में मरने वालों की संख्या 10, 000 का आकंड़ा पार करने की आशंका जताई जा रही है। नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ने यह आशंका जताई कि भूकंप से मरने वालों की संख्या दस हजार को पार कर सकती है। उधर जिंदा बचे लोगों में राहत न मिल पाने की वजह से आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
करगिल की चोटी से 'ये दिल मांगे मोर’ का नारा देने वाले शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा का परिवार आज न्याय के लिए सरकारी तंत्र का चक्कर लगा रहा है। कैप्टन विक्रम बत्रा ने देश की जमीन को बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी लेकिन आज उनका परिवार अपनी ही जमीन पाने के लिए भू-माफिया से जूझ रहा है। कैप्टन विक्रम बत्रा के परिवार के संघर्ष में न तो सरकार का सहयोग मिल रहा है और न प्रशासन का। रोचक तथ्य तो यह है कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर रक्षामंत्री तक गुहार लगाने वाले इस परिवार की सुध लेने से भी मध्य प्रदेश सरकार गुरेज कर रही है।
पाकिस्तान के उत्तरपश्चिम में स्थित खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कई हिस्सों में मंगवार को 5.5 तीव्रता वाले हल्के भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों के बीच घबराहट पैदा हो गई।
सोमवार शाम को भी नेपाल, बिहार और बंगाल सीमा पर 5.1 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इस बीच नेपाल में मरने वालों की तादाद 4 हजार तक पहुंच गई है। भारत में भी अब तक 72 लोगों के मरने की पुष्टि हुई है।