सोशल मीडिया ही नहीं मुख्यधारा के मीडिया में भी कई पुरानी तस्वीरों को म्यांमार सीमा पर हुई सैन्य कार्रवाई की तस्वीरों के तौर प्रचारित किया जा रहा था। लेकिन इन कोशिशों की पोल जल्द ही खुल गई।
पिछले दिनों मणिपुर में भारतीय सेना के 18 जवानों को मौत के घाट उतारने वाले आतंकियों को भारतीय सेना ने म्यांमार की सीमा में घुसकर मार डाला। यह कार्रवाई म्यांमार की सेना के सहयोग से चलाई गई।
मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने मणिपुर में कल उग्रवादियों के हमले में 18 सैन्यकर्मियों की मौत की घटना निंदा की, लेकिन कहा कि दूरदराज इलाकों में शस्त्र बल विशेषधिकार कानून (आफ्स्पा) कोई उपयोग नहीं है।
इंफाल से 80 किलोमीटर दूर तेंगनॉपाल-न्यू समतल रोड पर जब 6 डोगरा रेजिमेंट के जवान नियमित गश्त लगा रहे थे तभी एक अज्ञात उग्रवाद समूह ने उन पर हमला कर दिया। हमले में 20 जवान शहीद हो गए जबकि 11 जवान घायल हो गए।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सुरक्षा कारणों से सशस्त्र बलों में कॉम्बेट अभियानों के लिए महिलाओं की भर्ती करने से इंकार किया है लेकिन कहा कि अन्य संचालन क्षेत्रों से जुड़ने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा।
त्रिपुरा में विवादास्पद अफ्सपा कानून भले ही हट गया है लेकिन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का कहना है कि अगर जम्मू-कश्मीर या देश के किसी राज्य में आंतरिक सुरक्षा के लिए सेना को तैनात रखना है तो अफ्सपा जरूरी है।
फ्रांस के रक्षा मंत्री की भारत यात्रा से पहले भारत ने कहा कि भारतीय वायु सेना के लिए राफेल लड़ाकू जेट विमान खरीदने के लिए बातचीत इसी महीने शुरू होगी। अरबों डॉलर के इस सौदे को जितना जल्दी संभव हो अंतिम रूप दे दिया जाएगा।